- एक साल पहले डेलापीर मंडी में कूड़े के ढेर में मिली थी बच्ची, बचपन से ही नहीं हैं बच्चे की आंखे
- बार्न बेवी फोल्ड में बच्ची की हो रही है देखभाल, बच्चा वार्ड में चल रहा इलाज
बरेली : शिक्षा या फिर आर्मी हर क्षेत्र में बेटियों ने खुद का लोहा मनवाया है। वहीं सरकारी तंत्र भी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा देकर जागरुकता फैला रहा है लेकिन अभी भी कुछ कुंठित मानसिकता के लोग बेटियों को कूड़े के ढेर के हवाले कर रहे हैं। वहीं लावारिस मिली ऐसी बच्चियों की देखरेख के सरकारी इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं। ऐसा ही एक केस संडे को जिला अस्पताल में बने बच्चा वार्ड में देखने को मिला। यहां गंभीर हालत में एक साल की बच्ची सुबह करीब 11 बजे एडमिट हुई जिसकी बचपन से ही आंखें नहीं है वहीं संतुलित खान-पान न होने की वजह है बच्ची कुपोषण के साथ ही गंभीर बीमारियों का भी शिकार है।
कूड़े के ढेर में मिली थी बच्ची
वर्तमान में बच्ची की देखरेख मिशन कंपाउंड स्थित बॉर्न बेवी फोल्ड में हो रही है। उसे एडमिट कराने वाले जिम्मेदार ने बताया कि एक साल पहले बच्ची डेलापीर मंडी में कूड़े के ढेर में मिली थी। यहां से चाइल्ड लाइन की टीम उसे बॉर्न बेवी फोल्ड लेकर आई थी। बचपन से ही बच्ची की आंखे नहीं थी। बच्ची शारीरिक रूप से भी काफी कमजोर है। संडे सुबह बच्ची की हालत बिगड़ी तो उसे जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में एडमिट कराया जहां बच्ची की हालत गंभीर बनी हुई है।
गंभीर बीमारियों से ग्रसित है बच्ची
बच्चा वार्ड की सिस्टर इंचार्ज डेजी लाल ने बताया कि बच्ची जांच में सीवियर एनीमिया के साथ ही डायरिया और निमोनिया से ग्रसित मिली है। बच्ची का इलाज शुरु कर दिया गया है। हालत गंभीर बनी हुई है।