- पहले कोतवाली पुलिस दबाए रही तहरीर, बच्ची बरामद करने के बाद दर्ज की रिपोर्ट

- तीन आरोपितों को किया गया गिरफ्तार, घटना से पहले तीन दिन तक की रेकी, गए जेल

बरेली : सर्किट हाउस के सामने से युवती के अपहरण का मामला शांत ही हुआ था कि चौकी चौराहे से पांच माह की मासूम बच्ची का अपहरण कर लिया गया। अपहरण के बाद मासूम का 40 हजार में सौदा कर दिया गया। बच्ची के माता-पिता दौड़कर थाने पहुंचे। बच्ची को 24 घंटे के भीतर खोजने का दावा करने के बाद कोतवाली पुलिस ने मामले में रिपोर्ट दर्ज की और घटना का राजफाश किया।

घटना का किया राजफाश

पांच माह की मासूम का अपहरण तब किया गया जब उसके माता-पिता सो रहे थे। मासूम की मां गुलबशाह ने बताया कि वह पति योगेंद्र कश्यप के साथ चौकी चौराहे स्थित केनरा बैंक के पास फुटपाथ पर सोई थी। सुबह करीब चार बजे जब गुलबशाह की आंख खुली तो देखा उसकी बच्ची गायब थी। पति को जगाया। आस-पास तलाशने के बाद दोनों कोतवाली पहुंचे। बताया कि बीते तीन दिन से कैंट के लाल फाटक निवासी रीना यादव व उसका भतीजा प्रदूम यादव रेकी कर रहे थे। बच्ची के बारे में जानकारी कर रहे थे। आरोप लगाया कि दोनों ने ही मिलकर बच्ची का अपहरण किया है। उन्होंने पुलिस को तहरीर दी। कोतवाली पुलिस ने तहरीर रख ली, लेकिन एफआइआर दर्ज नहीं की। इसके बाद बच्ची व आरोपितों की तलाश शुरू हुई। आरोपित प्रदूम यादव व रीना यादव को हिरासत में लेने के बाद उनकी निशानदेही पर सरगना गीता सक्सेना निवासी भूड़ पट्टे की बजरिया को गिरफ्तार कर लिया। गीता सक्सेना के पास से बच्ची बरामद की गई। बच्ची बरामदगी व आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद कोतवाली पुलिस ने मामले में अपहरण की रिपोर्ट दर्ज की। इसके बाद सोमवार को एसपी सिटी र¨वद्र कुमार ने अपहरण की पूरी घटना का राजफाश कर दिया। तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।

सरगना सगे भतीजे को बेच चुकी है

आरोपिता से पूछताछ में सामने आया कि सगरना गीता सक्सेना अपने भतीजे को बेच चुकी है लेकिन मामले में लिखा-पढ़त न होने के चलते घटना दब गई। मासूम के अपहरण की पूरी कहानी गीता सक्सेना ने ही रची। प्रदूम व रीना को 15 हजार रुपये का लालच दिया। इसके बाद ही रीना व प्रदूम ने फुटपाथ पर माता-पिता के साथ सोने वाले गुलब शाह की मासूम बच्ची के बारे में जानकारी दी और अपहरण की वारदात को अंजाम दिया।

रेलवे में मां, बच्चे फुटपाथ पर

तफ्तीश में एक और बात सामने आई। मासूम के पिता योगेंद्र कश्यप की मां रेलवे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी हैं। पति की मौत के बाद उन्हें रेलवे में नौकरी मिली थी। योगेंद्र कम पढ़ा-लिखा है। रिक्शा चलाकर वह परिवार का भरण-पोषण करता है। पिता की मौत के बाद से उसने घर छोड़ दिया और फुटपाथ पर जीवन बिताने लगा। जिस जगह से बच्ची का अपहरण हुआ, वहां हर समय पुलिस का मूवमेंट माना जाता है। ऐसे में बच्ची के अपहरण के बाद गश्त करने वाली पुलिस कहां थी। इस पर सवाल खड़े हो रहे हैं।