रामपुर गार्डन के चाइल्ड हॉस्पिटल पर बिना रसीद मोटी फीस लेने और इलाज के नाम पर धोखे का आरोप

नवजात की मौत पर सीएम और सांसद बदायूं से कंप्लेन

सीएमओ की रेड, परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप, नोटिस

BAREILLY: शहर के नामचीन हॉस्पिटल में से एक रामपुर गार्डन काएनबीसीसी हॉस्पिटल एक बार फिर विवादों में हैं। हॉस्पिटल में हुई एक नवजात की मौत ने एक बार फिर यहां होने वाले इलाज की क्वालिटी पर सवालिया निशान लगा दिए हैं। वहीं हॉस्पिटल के ओनर और जाने माने पीडियाट्रिशियन डॉ। रवि खन्ना के दामन पर फिर से गंभीर आरोपों के दाग लगे हैं। नवजात के परिजनों ने हॉस्पिटल में मोटी रकम के बदले रसीद न देने और धोखे में रखकर इलाज के नाम पर पैसा वसूलने के आरोप लगाए हैं। परिजनों की कंप्लेन पर सैटरडे को सीएमओ की टीम ने हॉस्पिटल में आरोपों की जांच की। शुरुआती जांच पर टीम रिपोर्ट बना रही है। वहीं कई अनियमितताओं पर हॉस्पिटल को नोटिस भेजी जा रही है।

मौत के बावजूद इलाज

बदायूं के बिसौली तहसील के रहने वाले मोहित यादव ने डॉ। रवि खन्ना पर संगीन आरोप लगाए हैं। मोहित यादव का कहना है कि नवजात बच्चे की तबियत खराब होने पर उन्होंने उसे 6 जून को डॉ। रवि खन्ना के हॉस्पिटल में एडमिट कराया। एडमिट करने के दौरान आरोपी डॉक्टर ने बच्चे के दिमाग में क्लॉट होने, उसकी किडनी खराब होने और निमोनिया होने की बात कही। हॉस्पिटल की ओर से इलाज के नाम पर उससे 2 लाख रुपए काउंटर पर जमा कराए गए, लेकिन उसकी रसीद नहीं दी गई। इस दौरान नवजात से एक बार भी नहीं मिलने दिया गया। 13 जून को बच्चे को देखने की जिद पर हंगामा हुआ तो हॉस्पिटल की ओर से शाम 6 बजे अचानक बच्चे की मौत होने की जानकारी दी गई। मोहित ने अपने लिखित आरोप में हॉस्पिटल की ओर से धोखे में रखने की बात कही।

ऐसे जगा CMO office

मोहित यादव को बदायूं के सांसद धर्मेन्द्र यादव का करीबी बताया जा रहा है। नवजात की मौत के बाद मोहित ने अपने करीबी सांसद से इसकी शिकायत कर कार्रवाई कराने की मांग की। इस पर बदायूं सांसद ने सीएमओ डॉ। विजय यादव को मामले की जांच कर कार्रवाई करने को कहा। सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह के भतीजे सांसद का निर्देश मिलते ही सीएमओ ने सैटरडे को एक जांच टीम एनबीसीसी हॉस्पिटल को रवाना कर दी। टीम में डिप्टी सीएमओ डॉ। आरएन गिरी और डॉ। मनोज शुक्ला शामिल थे। करीब क्क्.ब्भ् बजे बेहद गुपचुप तरीके से मामले की जांच करने टीम पहुंची।

ोटी फीस पर रसीद नहीं

सीएमओ टीम के हॉस्पिटल पहुंचते ही अन्य परिजनों ने भी अपनी तकलीफ बताई। चंदौसी की रहने वाली मानसी के परिजनों ने क्ब् दिन पहले उसे एडमिट कराने और फीस के क्,7भ्000 रुपए जमा कराए जाने की बात कही, जिसकी रसीद नहीं दी गई। विनय-रश्मि गुप्ता ने अपने नवजात को सांस की तकलीफ होने पर इलाज के लिए क्7,000 रुपए जमा कराने की बात कही, इसकी भी स्लिप नहीं दी गई। इमरान ने भी अपने नवजात के इलाज के लिए हॉस्पिटल की ओर से क् लाख रुपए बिना रसीद दिए ही जमा किए जाने के आरोप लगाए। वहीं दुर्गेश और सीमा ने भी हॉस्पिटल की ओर से बिना रसीद दिए बच्चे के इलाज के लिए क्क् हजार रुपए ि1लए जाने की बात कही।

पहले भी लगा संगीन आरोप

डॉ। रवि खन्ना के हॉस्पिटल पर पहले भी नवजात बच्चों की मौत को लेकर हंगामे और विवाद हो चुके हैं। पिछले साल फरीदपुर के प्रशांत सक्सेना ने अपने बच्चे की मौत पर हॉस्पिटल को विवादों में घेरा था। सीएमओ टीम की जांच रिपोर्ट में सामने आया कि प्रशांत सक्सेना के बच्चे का जन्म बरेली के मानस हॉस्पिटल में हुआ था। तबियत खराब होने पर उसने ख् जनवरी ख्0क्फ् को डॉ। रवि खन्ना के हॉस्पिटल में नवजात को एडमिट कराया। जहां इलाज के लिए उससे फ्.क्भ् लाख रुपए जमा कराए गए। यहां तबियत ज्यादा बिगड़ने पर प्रशांत ने बच्चे को फिर किसी और प्राइवेट हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जहां डॉक्टर ने बच्चे के इलाज के पुराने पर्चे देखकर बताया कि डॉ। रवि खन्ना नवजात के मर्ज का गलत इलाज कर रहे थे। नवजात की मौत पर प्रशांत ने कमिश्नर से मामले की कंप्लेन की। क्क् जून ख्0क्फ् को कमिश्नर की ओर से सीएमओ ऑफिस को मामले की जांच करने के निर्देश मिले थे।

मांगने पर नहीं मिला रजिस्ट्रेशन

हॉस्पिटल में परिजनों की इतनी कंप्लेन मिलने पर सीएमओ टीम ने सभी के स्टेटमेंट दर्ज कर लिए। इसके बाद जांच टीम ने डॉ। रवि खन्ना से हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन दिखाने को कहा, लेकिन डॉ। रवि खन्ना रजिस्ट्रेशन सहित अन्य दस्तावेज जांच अधिकारियों को मौके पर नहीं दिखा पाए। डॉ। खन्ना ने जांच टीम को मंडे को रजिस्ट्रेशन उपलब्ध कराने की बात कही। वहीं सीएमओ ऑफिस आकर टीम ने डॉ। रवि खन्ना के खिलाफ नोटिस भेजने की कवायद शुरू कर दी। इसमें हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन देने, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, डॉक्टर्स की तादाद और सुविधाओं का ब्यौरा देने, फायर की एनओसी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की एनओसी और बायोमेडिकल वेस्ट के बाबत जानकारी मांगी है।

नवजात की मौत पर हॉस्पिटल के खिलाफ कंप्लेन मिली थी। दो डिप्टी सीएमओ की टीम बनाकर जांच शुरू कराई गई है। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई होगी।

- डॉ। विजय यादव, सीएमओ

बिना रसीद पैसे लेने के आरोप झूठे हैं। बच्चे के पिता से भ्ख् हजार रुपए लिए गए थे, जिसकी रसीद है। बच्चे का वजन 900 ग्राम ही था और हालत क्रिटिकल थी। परिजनों को यहां से रेफर करने के बारे में पहले ही बता दिया था लेकिन उन्होंने ही मना किया। सीएमओ टीम को मंडे तक सभी डॉक्यूमेंट्स दे दिए जाएंगे।

- डॉ। रवि खन्ना, ओनर, एनबीसीसी हॉस्पिटल