सरकारी धन का गबन और धोखाधड़ी पर शासन ने किया सस्पेंड, होगी एफआईआर
पूर्व नगर आयुक्त ने की थी वित्तीय गड़बड़ी और झूठे बयानों पर शासन से शिकायत
65 लाख रुपए का रेवेन्यू लॉस हुआ निगम को, कई बार बचते आए थे टैक्स घोटालों में
BAREILLY:
टैक्स फर्जीवाड़े और घपलों में लगातार बचते चले आ रहे नगर निगम के चीफ टैक्स ऑफिसर राकेश कुमार सोनकर आखिरकार नप ही गए। सीटीओ राकेश कुमार सोनकर को शासन ने नगर निगम से सस्पेंड कर दिया है। सीटीओ के खिलाफ टैक्स मामले में फर्जीवाड़ा करने, सरकारी पैसे का गबन और अपने आला अफसरों को गलत तथ्य देकर गुमराह करने के संगीन आरोप लगे थे, जो सही पाए गए, जिसके बाद सीटीओ के खिलाफ शासन ने कार्रवाई की है। ब् फरवरी को शासन ने इस संबंध में नगर आयुक्त को आदेश की कॉपी भेज दी गई। शासन ने सीटीओ के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए अपर आयुक्त प्रशासन को जांच अधिकारी बनाकर विभागीय कार्रवाई के आदेश जारी ि1कए हैं।
धारा ब्ख्0 में होगी एफआईआर
श्री प्रकाश सिंह, प्रमुख सचिव नगर विकास अनुभाग 7 की ओर से भेजे गए लेटर में सीटीओ को सरकारी धन का गबन, वित्तीय अनियमितता और निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाने का दोषी करार दिया गया। शासन की ओर से साफ किया गया कि सीटीओ के खिलाफ धोखाधड़ी के तहत धारा ब्ख्0 और सरकारी धन के नुकसान की धाराओं में एफआईआर कराएं। साथ ही सीटीओ के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में शासन को तुरंत जानकारी दें।
किया म्भ् लाख का हेरफेर
पूर्व नगर आयुक्त उमेश प्रताप सिंह ने सीटीओ के खिलाफ मिली शिकायतों की जांच रिपोर्ट ब् जून ख्0क्ब् को शासन को भेजी थी। इस रिपोर्ट में सीटीओ को कर्मचारी नगर कॉलोनी के ख्97 भवनों में टैक्स निर्धारण करने में नगर निगम अधिनियम के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था। जिसके चलते निगम को म्भ्.ब्क् लाख रुपए का तगड़ा रेवेन्यू लॉस उठाना पड़ा। इसके अलावा जांच रिपोर्ट में नगर आयुक्त को ख्7 फरवरी और फ् मार्च ख्0क्फ् की आख्या रिपोर्ट में गलत बयानबाजी कर गुमराह करने का भी ि1जक्र है।
निगम को पहुंचाई करोड़ों की चोट
बतौर चीफ टैक्स ऑफिसर राकेश कुमार सोनकर पर टैक्स टारगेट पर निगम की माली हालत सुधारने की बड़ी जिम्मेदारी थी। शहर में टैक्स की कम वसूली के ग्राफ को सुधारने और नए करदाताओं को टैक्स की जद में लाने का उन पर अहम जिम्मा था। लेकिन सीटीओ खुद ही निगम को लाखों की टैक्स चपत लगाकर अपनी जेबें गर्म करने में जुटे रहे। सीटीओ के खिलाफ म्भ् लाख रुपए सरकारी धन का नुकसान करने की सिर्फ एक जांच रिपोर्ट सामने आ पाई है। जबकि निगम के जानकारों के मुतबिक सीटीओ अपने पद पर बने रहते हुए निगम को करोड़ों की रेवेन्यू लॉस की चोट दे चुके हैं।
साफ बच निकले थे फजीर्वाड़े में
टैक्स बिलों में गड़बड़ी को लेकर जनता से लेकर उनके निगम के टैक्स अधिकारी तक सीटीओ के रवैया से परेशान थे। ख्7 दिसंबर ख्0क्ब् को निगम की बोर्ड बैठक में सीटीओ एक बड़े टैक्स फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर मेयर के निशाने पर आ गए थे। सिविल लाइंस के एक होटल का टैक्स बिल नई दरों पर 7.7म् लाख तय हुआ, लेकिन सीटीओ के इशारे पर दो दिन में ही होटल का टैक्स बिल करीब म् लाख घटाकर क्.8ख् लाख कर दिया गया। इतना ही नहीं सीटीओ ने बिना नगर आयुक्त की मंजूरी के होटल का टैक्स बिल कम करने के बाद जमा भी करा दिया था। मामला उजागर होने पर मेयर के निर्देश पर अपर नगर आयुक्त ने इसकी जांच की और रिपोर्ट में सीटीओ को दोषी मानते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की थी। लेकिन जोड़ तोड़ में महारथी सीटीओ पूरी जांच रिपोर्ट पर ही अपना प्रभाव डालते हुए खुद साफ बच निकले और एक टैक्स सुपरिंटेंडेंट पर सस्पेंशन की गाज गिरा दी।
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शासन की ओर से चीफ टैक्स ऑफिसर को सस्पेंड किए जाने के आदेश मिले हैं। सीटीओ के खिलाफ निगम को लाखों का नुकसान पहुंचाने, सरकारी धन बर्बाद करने और अपने अधिकारी को गुमराह करने के आरोप पर शासन की ओर से कार्रवाई की गई है। - शीलधर सिंह यादव, नगर आयुक्त