- चौबारी मेले के आखिरी दिन आयोजित हुए मुशायरे ने बांधा समां

BAREILLY: चौबारी मेले में फ्राइडे को भोर कार्तिक पूर्णिमा के दूसरे दिन भी स्नान का सिलसिला चला। इस मौके पर दर्जन भर गोताखोरों, पुलिस बल व अन्य समितियों के वालंटियर्स मौजूद रहे। मेले में सजे नखासा में पशुओं की भी जमकर खरीददारी हुई। मेले की समाप्ति के बाद लोग बैलगाड़ी, ट्रैक्टर पर अपने सामानों को समेटकर आशियाने की ओर चल दिए। वहीं सूर्योदय के साथ ही घाट पर लगे तंबू उखड़ने लगे।

सप्ताह भर से जमाए थे डेरा

सुबह करीब तीन बजे से ही घाट पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया। शहर समेत आस पास के इलाकों व शहरों से आए लोगों ने रामगंगा में आस्था की डुबकी लगाई। स्नान के दौरान दोनों घाटों पर जिला कल्चरल एसोशिएसन, जिला समारोह समिति के स्वयं सेवकों ने करीब क्9 बच्चों को उनके अभिभावकों से मिलाया। साथ ही यातायात संबंधी और प्राथमिक चिकित्सा में श्रद्धालुओं का सहयोग किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने बांधा समां

स्नान के बाद समितियों की ओर प्रशासनिक मंच पर विभिन्न सांस्कृतिक प्रोग्राम आयोजित किए गए। उप्र कौमी एकता एसोसिएशन की ओर से कवियों ने कौमी एकता, गंगा सेवा, गो रक्षा की अलख जगाई। वहीं मुशायरे में शरद शम्सी ने 'हर कोई अब मोहब्बत के गीत सुना देता है अजान कोई, कोई शंख बजाता है', रणधी प्रसाद गौड धीर ने 'सफाई उनकी है करनी हमको, जो कूड़ा करकट जमा किए हैं उनका', शिव शंकर यजुर्वेदी ने 'कुछ देर के लिए ही सही मुस्कुराए हम, नफरत भुला के आज मिलन गीत गाएं हम', निशात अर्शी ने 'मुहब्बत का सबक इंसानियत का दर्श देना है, जो गद्दारे वतन हैं कुछ हिसाब उनसे भी लेना है' आदि के माध्यम से वाहवाही लूटी।