बरेली(ब्यूरो)। भारत में मौसम कल्चर का पार्ट है। यह ही नहीं, यहां हर मास के हिसाब से फूड बदल जाता है। कई हजार साल पुराना यह फूड कल्चर आज भी बिल्कुल सटीक है। इस बारे में लोक कवि घाघ भी अपने दोहों में बताते हैं। वह कहते हैं, सावन साग न भादों दही, क्वांर करेला न कार्तिक मही। यानी सावन के मास में साग नहीं खाना चाहिए, न ही भादों में दही। इसी तरह आसौं (आश्विन) में करेला और कार्तिक मास में म_े का यूज नहीं करना चाहिए। सावन मास धार्मिक तौर पर भी बहुत पवित्र माना जाता है। इस माह में नॉनवेज नहीं खाया जाता है। इस बारे में दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने न्यूट्रीशनिस्ट के साथ ही कुछ और लोगों से भी फूड हैबिट के बारे में बात की। प्रस्तुत है स्पेशल रिपोर्ट
नॉनवेज को कहें बाय
अधिकांश लोग सावन मास में नॉनवेज खाना बंद कर देते हैं। इसके पीछे धार्मिक वजहों के साथ ही हेल्थ फंडा भी है। नॉनवेज हैवी फूड होता है। इस मौसम में यह आसानी से नहीं बचता है। सी फूड भी इन दिनों अवॉइड किया जाता है। अंग्रेजी में कहावत है, नो आर नो फिश। यानी जिन महीनों में &आर&य नहीं है। उनमें फिश खाना अवाइड करना चाहिए। दरअसल इन दिनों मछलियां अंडे देती हैं। उनका लाइफ सर्कल चलता रहे, इसलिए सी फूड नहीं यूज करना चाहिए।
और भी हैं ऑप्शन
न्यूट्रीशनिस्ट पूजा गुप्ता कहती हैं कि अपने यहां फूड की बहुत बड़ी रेंज है। बिना नॉनवेज के भी जरूरी मिनरल्स और प्रोटीन पाया जा सकता है। पालक, चुकंदर, अनार, सेब, पिस्ता, आंवला, सूखे मेवे से आयरन की कमी को पूरा किया जा सकता है। कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए डाइट में दूध से बने उत्पाद, दाल, सोयाबीन, मूंगफ़ली, अखरोट, सूरजमुखी के बीज और संतरा खा सकते हैं। जिंक हमारी इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती है। इसके लिए जिंक बेक्ड बीन, चना, कद्दू, तिल, मूंगफली, काजू, बादाम, गेहूं और चावल जैसी चीजों में यह मिलता है। मैग्नीशियम के लिए मूंगफली, सोया मिल्क, काजू, बादाम, पालक, ब्राउन राइस जैसे खाद्य पदार्थों को फूड में शामिल कर सकते हैं। शकरकंद, मटर, कद्दू, आलू, केला, ऑरेंज, खीरा, मशरूम, बैंगन, किशमिश, खजूर शामिल करके पोटैशियम की कमी को पूरा कर सकते हैं।
बारिश के मौसम में अपच की समस्या होने के कारण बाहर के तले-भुने खाने से परहेज करें। तरल पदार्थ अधिक लें और घर का बना ताजा खाना खाएं। इस मौसम में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मूली, बैंगन और कटहल आदि सब्जी का सेवन न करे। दूध के बने भोज पदार्थों का कम ही सेवन करें। मौसमी फल जैसे जामुन, अमरूद, नाशपाती आदि का प्रयोग करना चाहिए।
पूजा गुप्ता, न्यूट्रिशनिस्ट, डायटेटिक्स बीसीबी
इन दिनों बारिश का सीजन है। हम लोग इन दिनों पत्तेवाली सब्जियों को नहीं खाते हैं। अपनी हेल्थ के प्रति अवेयर रहने की जरूरत है।
अमिता अग्रवाल, बिजनेस वूमेन
सावन के माह में पत्तेदार सब्जियों को बॉय-बॉय कर देना चाहिए। इस मौसम में हरी सब्जियों के पत्तों पर कीड़े आ जाते हैं। ऑयली चीजों को खाने से बचें। ज्यादा तेल हार्मफुल होता है। बाहर का खाना नहीं खाना चाहिए।
डॉ। आस्था अग्रवाल, नगर पालिका, चेयरपर्सन
सावन बारिश का माह होता है। इसीलिए जो चीजें वायु को बढ़ाती हैं और अग्नि को मंद करती हैं ऐसी चीजों को खाने से बचना चाहिए। हरी सब्जियों को खाने से मनाही नहीं, लेकिन पत्तेदार सब्जियों को बिल्कुल नहीं खाना चाहिए।
डॉ। शीलेंद्र गुप्त, एसआरएम राजकीय आयुर्वेदिक कॉलेज