- यूपीटीयू ने स्टूडेंट्स के लिए लागू की इस बार से नई व्यवस्था

- सेंट्रलाइज्ड कॉउंसिलिंग के थ्रू होता है कॉलेजेज में एडमिशन

BAREILLY: प्रदेश के इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फार्मा कॉलेजेज में एडमिशन की राह ताक रहे स्टूडेंट्स को काउंसलिंग के लिए अभी एक पखवाड़े और इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन इस दौरान वे अपने मनपसंद कॉलेजेज में मौजूद सीटें और उन पर एडमिशन के लिए स्थिति की इंफॉर्मेशन अभी से ले सकते हैं। उत्तर प्रदेश टेक्निकल यूनिवर्सिटी (यूपीटीयू) की कोर एडमिशन बोर्ड (कैब) ने इस बार से काउंसलिंग के लिए यह नई व्यवस्था लागू की है, जिसके तहत स्टूडेंट्स काउंसलिंग स्टार्ट होने से पहले ही घर बैठे यह अंदाजा लगा सकते हैं कि उनके मनपसंद कॉलेज में रैंक के अनुसार एडमिशन पक्का हो सकता है कि नहीं। इसके लिए उन्हें यूपी स्टेट इंट्रेंस एग्जाम की वेबसाइट www.upsee.nic.in को लॉग इन करना होगा।

यूपीएसईई के थ्रू होता है एडमिशन

स्टेट के करीब 800 इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फार्मा कॉलेजेज के बीटेक, बीआर्क, बायोटेक, होटल मैनेजमेंट, एमबीए, फैशन डिजाइनिंग, बीफार्मा समेत कई कोर्सेज में एडमिशन यूपीएसईई के थ्रू होता है। यूपीटीयू यह इंट्रेंस टेस्ट कंडक्ट कराती है, जिसके बाद मेरिट के आधार पर स्टेट में काउंसलिंग कंडक्ट कराई जाती है। सेंट्रलाइज्ड काउंसलिंग के थ्रू टेक्निकल कॉलेजेज में एडमिशन दिया जाता है। पिछले दो वर्षो से यूपीटीयू के वीसी प्रो। आरके खांडल ने काउंसलिंग में आमूलचूल बदलाव किए। पहले तो पूरी तरह से काउंसलिंग प्रोसेस को ही चेंज कर दिया, जिसके तहत स्टूडेंट्स कहीं से भी इंटरनेट और वन टाइम पासवर्ड की मदद से कॉलेज लॉक कर सकता है। इस वर्ष पहले से ही सीटों का अनुमान लगा लेने की उन्होंने यह नई व्यवस्था लागू की है।

ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक जान सकते हैं

नई व्यवस्था के तहत स्टूडेंट्स स्टेट के सभी इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट और फार्मा कॉलेजेज में एडमिशन के लिए ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक जान सकते हैं। यह इंफॉर्मेशन ख्0क्फ् की है। मसलन किसी स्टूडेंट को अपने मनपसंद कॉलेज में एडमिशन लेना है और अपनी रैंक को लेकर संदेह है तो वह उस कॉलेज की लास्ट ईयर की सिचुएशन जान सकता है। उसे यह पता चल सकता है कि उसके मनपसंद कॉलेज में लास्ट ईयर किस रैंक से एडमिशन ओपन हुआ था और किस रैंक तक एडमिशन क्लोज हुआ था। इस नई व्यवस्था के तहत स्टूडेंट्स अपने आपको एश्योर कर सकता है कि काउंसलिंग के दौरान किन चुनिंदा कॉलेजेज में से किसी एक में उसका एडमिशन पक्का हो सकता है।

बचेगा टाइम

इस नई व्यवस्था से टाइम की काफी बचत होगी। खासकर स्टूडेंट्स का। स्टूडेंट्स अपनी च्वाइस तो लॉक कर देते हैं, लेकिन कंफर्मेशन कुछ दिनों बाद ही होता है। रैंक के अनुसार एनआईसी कंफर्मेशन लेटर जारी करती है। ऐसे में कुछ ही सिलेक्टेड कॉलेज सिलेक्ट करने वाले स्टूडेंट्स को अक्सर कॉलेज अलॉट नहीं होता था। ऐसे में स्टूडेंट्स एक साथ कई कॉलेजेज की सीटें लॉक करते हैं। ऐसा देखा गया है कि एक स्टूडेंट म्0 से 80 कॉलेजेज से ज्यादा में सीटें लॉक करता है। इससे काफी टाइम कंज्यूम होता है और सर्वर पर भी भारी बोझ पड़ता है। इससे काउंसलिंग प्रभावित होती है। ऐसे में सर्वर बैठ जाता है और स्टूडेंट्स कॉलेज लॉक नहीं कर पाते। इस नई व्यवस्था से स्टूडेंट्स काफी हद तक चुनिंदा कॉलेजेज में एडमिशन की सिचुएशन को लेकर पहले ही एश्योर हो जाएंगे और काउंसलिंग के समय चुनिंदा कॉलेजेज को ही लॉक करेंगे।

ऐसे जानें सिचुएशन

यूपीएसईई की वेबसाइट के होम पेज पर दो लिंक दिए गए हैं। पहला लिंक है ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक फॉर यूपीएसईई ख्0क्फ् और दूसरा लिंक है रैंक एनेलाइसिस फॉर यूपीएसईई ख्0क्फ्। दूसरे लिंक पर क्लिक करेंगे तो एक नया पेज खुलेगा, जिसमें अपनी मौजूदा रैंक इंटर कर सर्च का बटन दबाएंगे तो लास्ट ईयर उस रैंक के अंतर्गत आने वाले सभी कॉलेजेज की लिस्ट सामने आ जाएगी। पहले लिंक पर क्लिक करने से भी एक नया पेज ओपन होगा। इसमें अपने अनुसार कॉलेज, स्ट्रीम और डिस्ट्रिक्ट टाइप करेंगे तो उस कॉलेज की ओपनिंग और क्लोजिंग रैंक की इंफॉर्मेशन आ जाएगी। वेबसाइट पर रैंक के अनुसार सारी इंफॉर्मेशन सर्च करने का तरीका भी विस्तार से समझाया गया है। स्टूडेंट्स को स्टेट के सभी कॉलेजेज में मौजूद कोर्सेज में लास्ट ईयर हुए एडमिशन की इंफॉर्मेशन मिल जाएगी।