बोर्ड ने भी उनको एजुकेटर माना
सीबीएसई ने भी स्वामी विवेकानंद को एक महान एजुकेटर माना है। बोर्ड के एकेडमिक एंड ट्रेनिंग की डायरेक्टर डॉ। साधना पराशर के अनुसार स्वामी विवेकानंद एक महान फिलॉस्फर तो थे ही साथ ही वे फिलांथ्रोपिस्ट और एजुकेटर भी थे। स्कूलों में इनके रिलेटेड विभिन्न एक्टिविटीज ऑर्गनाइज करने के निर्देश दिए गए थे।
बोर्ड ने तैयार किया था Plan of action
बोर्ड ने अपने जारी निर्देश में एफिलिएटेड स्कूलों में स्वामी विवेकानंद से रिलेटेड विभिन्न इवेंट्स ऑर्गनाइज करने के आदेश दिए थे। इसका प्लान ऑफ एक्शन बोर्ड ने ही तैयार किया। साथ ही इन प्वॉइंट्स को फॉलो करने के निर्देश दिए।
दो-दो टीचर और स्टूडेंट्स होंगे सेलेक्ट
स्कूलों द्वारा किए गए गए क्रिएटिव और लिट्रेरी वर्क के आधार बोर्ड हर स्कूल से दो-दो टीचर्स और स्टूडेंट्स को सेलेक्ट करेगा। बोर्ड उन सभी को वैल्यू एजुकेशन के पीयर एजुकेटर्स के रूप में मास्टर ट्रेनिंग देगा और उन्हें मास्टर ट्रेनर्स के रूप में तैयार करेगा।
यह था plan of action
-स्वामी विवेकानंद की लाइफ और फिलॉसफी पर आधारित प्रोग्राम्स और एक्टिविटीज की ईयर्ली कैलेंडर तैयार करना।
-उनके द्वारा दी गई टीचिंग्स को स्कूल्स के क्लब्ज जैसे डिबेट, लिट्रेरी व कल्चरल क्लब आदि में प्रचारित करना।
-स्कूल में ऑर्गनाइज होने वाले कल्चरल इवेंट जैसे डांस, ड्रामा, स्किट आदि में सभी एज ग्रुप के स्टूडेंट्स की भागीदारी।
-स्कूल में क्रिएटिव और लिट्रेरी इवेंट ऑर्गनाइज करना। विभिन्न लेवल्स पर पोस्टर मेकिंग कॉम्पिटीशंस, स्लोगन राइटिंग, कॉम्पिटीशन और रीडिंग एंड राइटिंग कॉम्पिटीशंस करना।
-सेमिनार और लेक्चर्स ऑर्गनाइज करना, जिसमें एमिनेंट फिलॉसफर्स, एजुकेशनस्टि और लर्नर्स, जिन्होंने स्वामी विवेकानंद के संबंध में कार्य किया हो, का पार्टिसिपेशन जरूरी हो।
-स्वामी के लाइफ और एचीवमेंट्स के संबंध में एक्जिबिशन ऑर्गनाइज करना।
-वर्तमान में स्टूडेंट्स लाइफ में उनके आदर्शों के प्रासंगिकता पर फिल्म की स्क्रिनिंग कराना।