मजबूत बनाने की कवायद
सीबीएसई के एग्जामिनेशन कंट्रोलर एमसी शर्मा ने सभी स्कूलों को यह निर्देश जारी किए। सीसीई प्रणाली 2009-10 में पहली बार लागू की गई थी। इसके बाद बोर्ड एग्जाम को ऑप्शनल कर दिया गया। इसकी मंशा स्टूडेंट्स के सिर से मोटी किताबों के बोझ को खत्म करना था लेकिन सीबीएसई के इस कवायद से पढ़ाई की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे थे। एमसी शर्मा के अनुसार यह बदलाव सीसीई को और मजबूत बनाने के लिए है।

पहले का नियम

ईयर 2011 में सीबीएसई ने जब बोर्ड एग्जाम ऑप्शनल कर दिया था, तब स्टूडेंट्स अपने मर्जी से होम व बोर्ड एग्जाम चूज करते थे। साथ ही यह भी व्यवस्था थी कि जिन्हें बोर्ड या फिर स्कूल चेंज करना हो, वे ही बोर्ड एग्जाम देंगे। इसके साथ ही जो स्कूल केवल 10वीं तक थे, उनके लिए भी बोर्ड एग्जाम जरूरी कर दिया था। होम एग्जाम की कॉपियां स्कूल के टीचर और बोर्ड एग्जाम की कॉपियां एक्सटर्नल एग्जामनर चेक करते हैं। अब सभी के लिए होम एग्जाम कंपल्सरी हो गया है।

CBSE Board ने जारी कीं नई और अहम guideline
पास होने के 'chance'

Bareilly: सीबीएसई ने एग्जामिनेशन गाइडलाइंस में एक और बड़ा फेरबदल किया है। 10वीं और 12वीं में फेल स्टूडेंट्स के पास होने के मौके को घटा दिया गया है। अब स्टूडेंट्स को 10वीं में कंपार्टमेंट देने का जुलाई में एक ही मौका दिया जाएगा। वहीं 12वीं में तीन मौके। 12वीं में मार्च के मेन एग्जाम के बाद स्टूडेंट्स को उसी साल जुलाई और अगले साल मार्च और जुलाई समेत तीन मौके दिए जाएंगे।

पहले मिलते थे पांच chance
इससे पहले हाईस्कूल और इंटर दोनों स्टूडेंट्स को पास होने के पांच मौके मिलते थे। यदि किसी स्टूडेंट का मार्च में कंपार्टमेंट आता था तो उसे क्लियर करने पहला चांस उसी साल जुलाई में, सेकेंड व थर्ड चांस अगले साल मार्च व जुलाई में और फोर्थ व फिप्थ चांस उसके अगले साल मार्च व जुलाई में दिया जाता था। अब पांच मौके नहीं दिए जाएंगे।

अब स्कूल से नहीं निकाला जाएगा आपका बच्चा

अपने स्कूल का स्टेटस मेंटेन करने के लिए अब स्कूल मैनेजमेंट खराब परफॉर्मेंस के बावजूद आपके बच्चे को नहीं निकाल पाएगा। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन, नई दिल्ली ने इस संबंध में स्ट्रिक्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। उसने साफ लफ्जों में स्कूल मैनेजमेंट को निर्देश जारी किया है कि किसी भी सूरत में बच्चे को जबरन स्कूल से न निकाला जाए। इसको देखते हुए सीबीएसई ने स्टूडेंट्स को टीसी जारी करने के रूल्स में बदलाव भी किया है।

स्कूल की मंशा
स्कूल मैनेजमेंट अपने स्कूल के हाई रिकॉर्ड को मेंटेन करने के लिए अक्सर लो परफॉरमेंस वाले स्टूडेंट्स को जबरन निकाल कर टीसी थमा देते हैं। मैनेजमेंट स्टूडेंट्स के साथ यह परंपरा अक्सर नौवी और ग्वारहवीं कक्षा के स्टूडेंट्स के साथ निभाता है। जिससे हाईस्कूल और इंटर का रिजल्ट बेटर मेंटेन रह सके। अब ऐसा नहीं हो सकेगा। टीसी जारी करने के लिए सीबीएसई ने अपने रूल्स में फेरबदल किया है।

क्या है TC जारी करने का नया rule
-एक शहर व प्रदेश से दूसरे शहर व प्रदेश में माइग्रेट करने पर ही लीगली टीसी दिया जाए।
-सिटी के एक प्लेस से दूसरे प्लेस पर पेरेंटस का ट्रांसफर होने पर ही टीसी दिया जाए।
-पेरेंट्स रिक्वेस्ट पर ही स्टूडेंट्स को टीसी मिलेगा।

Report by: Abhishek Singh