'केमिस्ट्री' ने बिगाड़ दी स्टूडेंट्स की 'जियोग्राफी'
एक तरफ तो स्टेट गवर्नमेंट लैपटॉप बांटकर यूथ को हाईटेक बनाने का क्रेडिट ले रही है वहीं स्टडीज की बेसिक फैसिलिटीज और इंफ्रास्ट्रक्चर से मुंह फेरे बैठी है। यूथ के करियर की दशा और दिशा तय करने में हायर एजुकेशन इंपॉर्टेंट रोल प्ले करती है और यही व्यवस्था सबसे ज्यादा चरमराई हुई है। शहर का वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी गवर्नमेंट गल्र्स कॉलेज इसका परफेक्ट एग्जाम्पल है। यहां केमेस्ट्री और जियोग्राफी का टीचर ही नहीं है। एक महीने बाद एग्जाम स्टार्ट हो जाएंगे। जाहिर सी बात है कि एग्जाम्स क्लियर करने के लिए स्टूडेंट्स दूसरे ऑल्टरनेटिव्ज पर ही डिपेंडेंट हैं।
अधर में students का future
अवंतीबाई में बीएसएसी के दो कोर्स कंडक्ट किए जाते हैं। जेडबीसी और पीसीएम ग्रुप में करीब 360 स्टूडेंट्स पढ़ती हैं। जब से सेशन स्टार्ट हुआ है केमेस्ट्री की एक भी क्लास नहीं लगी। सेशन स्टार्ट होते ही अगस्त में केमेस्ट्री के टीचर का ट्रांसफर किसी दूसरे कॉलेज में कर दिया गया और यहां कोई टीचर नहीं आया। तब से आज तक केमेस्ट्री की न तो थ्योरी क्लासेज कंडक्ट हुईं और न ही प्रैक्टिकल्स।
कोचिंग इंस्टीट्यूट पर डिपेंडेंसी
एग्जाम्स देने हैं तो तैयारी करनी ही होगी। कॉलेज के बीएससी के सभी स्टूडेंट्स केमिस्ट्री की तैयारी के लिए कोचिंग पर ही निर्भर हैं. मोटी फीस देना उनकी मजबूरी बन गई है. प्रैक्टिकल उनके लिए बड़ी टेंशन बने हुए हैं।
कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन लाचार
गवर्नमेंट कॉलेज होने की वजह से एडमिनिस्ट्रेशन लाचार है। टीचर की नियुक्ति के लिए वह पूरी तरह से शासन व विभाग पर ही निर्भर हैं। अपनी तरफ से भी कोई व्यवस्था नहीं कर सकता।
5 साल सेteacher ही नहीं
कॉलेज में 5 साल से जियोग्राफी के टीचर की नियुक्ति नहीं हो पाई है। कॉलेज में बीए की 1,600 से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं, जिनमें अधिकांश के पास जियोग्राफी सब्जेक्ट है। टीचर न होने की वजह से वे भी दूसरे ऑल्टरनेटिव्ज के सहारे अपनी पढ़ाई पूरी करती हैं। वहीं काफी टाइम से मैथ्स के टीचर भी नहीं थे लेकिन हाल में एक टीचर की नियुक्ति से स्टूडेंट्स को कुछ राहत मिली है।
बिना क्लास लगे देना होगा एग्जाम
कॉलेज में बिना क्लास अटेंड किए ही स्टूडेंट्स को बीएससी के एग्जाम देने होंगे। फरवरी में प्रैक्टिकल एग्जाम्स होंगे। वहीं 5 मार्च से मेन एग्जाम्स प्रस्तावित हैं। अब खुद ही अंदाजा लगा लीजिए कि स्टूडेंट्स के सामने एग्जाम्स में एक्सेल करना तो दूर, उसे क्लियर करना भी कितना मुश्किल है।
हाल ही में रीजनल हायर एजुकेशन ऑफिसर से इस संबंध में बात हुई है। विभाग की तरफ से जैसे ही कोई व्यवस्था होगी उसे कॉलेज में लागू कर दिया जाएगा।
-एसपी खरे, कार्यकारी प्रिंसिपल, अवंतीबाई
कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन से बात की गई है। टीचर की व्यवस्था के लिए विभाग को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही टीचर की व्यवस्था हो जाएगी।
- डॉ। एके गोयल, रीजनल हायर एजुकेशन ऑफिसर
जबसे कॉलेज खुला है, एक दिन भी केमेस्ट्री की क्लास नहीं हो पाई है। कॉलेज में केमेस्ट्री का टीचर नहीं है। पहले मैथ्स के भी टीचर नहीं थे लेकिन कुछ ही दिन पहले वह आ गए हैं।
-जूही गंगवार, बीएससी थर्ड ईयर
केमेस्ट्री टीचर न होने से स्टूडेंट्स को पढ़ाई के साथ-साथ फाइनेंशियल नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। कॉलेज में तो फीस जमा होती ही है, कोचिंग में भी मोटी रकम देनी पड़ती है।
- राहिल आरा, बीएससी फस्र्ट ईयर
थ्योरी और प्रैक्टिकल, दोनों की बड़ी प्रॉब्लम है। फरवरी में प्रैक्टिकल एग्जाम्स हैं लेकिन कॉलेज में एक दिन भी प्रैक्टिकल नहीं कराया गया। लैब तक एक बार भी नहीं खुला।
- शिवानी चाहल, बीएससी फस्र्ट ईयर
मार्च में एग्जाम्स होने हैं और फरवरी में प्रैक्टिकल्स। किसी की तैयारी नहीं है। यही कारण है कि कॉलेज में स्टूडेंट्स कम आ रहे हैं। वे कॉलेज की बजाय कोचिंग में जाना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
- जेबा खान, बीएससी सेकेंड ईयर
Report by: Abhishek Singh