- बीटेक, एमबीए और सिविल सर्विस से इतर करियर पर रहा दांव

- फूड टेक्नोलेाजिस्ट, इकॉनोमिस्ट, एरोस्पेस इंजीनियर पर रुझान

BAREILLY : रिजल्ट देखते ही उनके चेहरों पर मुस्कुराहट खिल उठी। अपने सपने को छूने में राह में खड़ी पहली बाधा जो टूट चुकी थी। जिससे आंखों में अपने सपनों को जल्द पूरा करने की चमक और भी निखर गई थी। लेकिन इन सैंकड़ों सपनों की भीड़ में कुछ ऐसे सपने भी पनप रहे थे, जिनमें औरों से अलग कुछ करने की चाहत और छटपटाहट साफ झलक रही थी। सीबीएसई के क्ख्वीं रिजल्ट में बेहतरीन परफॉर्मेस दिखाने वाले धुरंधरों में से कईयों के सपने परंपरागत करियर से अलग नई राह बनाने की रही। जो उन रास्तों पर चलने से इंकार करते नजर आए जिस पर कई साल से होनहारों की भीड़ अपना करियर बनाते रही है।

कॉमन बीटेक-एमबीए नहीं च्वॉइस

अमूमन हर साल क्ख्वीं के रिजल्ट जारी होते ही स्टूडेंट्स का बहुत बड़ा तबका इंजीनियरिंग, डॉक्टर्स या फिर एमबीए पर अपनी च्वॉइस लॉक कर देता है। महंगी फीस वाले इन कोर्सेजे में मोटी सैलरी का करियर छुपा होना भी अक्सर कई स्टूडेंट्स को इस ओर अट्रैक्ट करता है। कई बार इनमें सिविल सर्विस का भी नाम जुड़ जाता है। इस साल भी यह सिलसिला जारी है लेकिन इस भीड़ से इतर कई होनहारों ने इन परंपरागत करियर को साफ इंकार किया है। साथ ही देश को छोड़ बाहर नौकरी करने की चाहत को भी सिरे से नकार दिया।

नई राह, नई सोच

इस बार कई होनहारों ने कॉमर्स के बाद एमबीए या सीए को टारगेट बनाने के बजाए इकोनॉमिक्स ऑनर्स को अपनी पहली पसंद चुना है। जिससे बेहतर इकोनॉमिस्ट बनकर बेहतर जॉब पाई जाए और देश की अर्थव्यवस्था में भागीदारी निभाई जाए। वहीं कुछ बीटेक की चली आ रही परंगपरागत स्ट्रीम से इतर एरोस्पेस इंजीनियरिंग में करियर बनाने को चाहत बनाए हैं। जिससे साइंटिस्ट बनकर कुछ नया किया जाए। यहीं हाल कॉमर्स से पासआउट कुछ और स्टूडेंट्स का भी है जो फूड टेक्नोलॉजिस्ट और करप्शन से लड़ने को एटीएस ऑफिसर बनना चाहते हैं।