अभी और होगी खरीदारी

रीजनल ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की मानें तो आने वाले वक्त में गाडिय़ों की खरीदारी और भी बढ़ेगी। क्योंकि ऑटो मोबाइल कंपनीज छोटी और डीजल इंजन से लैस कार मार्केट में उतार रही है। वहीं बाइक निर्माता कंपनीज भी ज्यादा एवरेज वाली बाइक मार्केट में

उतारने को तैयार हैं। ऑटो मोबाइल कंपनीज के लिए 2010 की तुलना में 2011 काफी बेहतर रहा है। यूथ ने जहां शानदार लुक वाली बाइक को खूब पसंद किया.वहीं छोटी और फैमिली कारों की बल्ले-बल्ले रही।

Hospital भी रहे आगे

पिछले ईयर की तुलना में इस साल एम्बुलेंस की खरीदारी में हॉस्पिटल काफी आगे रहे। वर्ष 2010 में जहां महज तीन एम्बुलेंस की खरीदारी हुई थी। वहीं साल 2011 में अब तक नौ एम्बुलेंस की खरीदारी हो चुकी है।

कार पर भारी रही बाइक

2011 में अप्रैल से 28 दिसम्बर तक 22649 बाइक की बिक्री हो चुकी है। इनका रजिस्ट्रेशन आरटीओ में हो चुका है। वहीं इसी वर्ष 2131 कार की खरीदारी की गई। जबकि 2010 में 20041 बाइक की ही खरीदारी हो सकी थी। इसके साथ 2010 में 2087 कार की बिक्री हुई थी। कई और वाहनों की खरीदारी की गई। इससे रीजनल ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट भी काफी मालामाल हो रहा है। रजिस्ट्रेशन फी के रूप में डिपार्टमेंट के पास अच्छी-खासी रकम जमा कराई गई। सबसे ज्यादा गाडिय़ों की बिक्री नवरात्र और धनतेरस पर रिकॉर्ड की गई है।

Average on priority

यूथ की बात करें तो हमेशा की तरह इस वर्ष भी उनका झुकाव सबसे ज्यादा स्पीड और ज्यादा ऐवरेज देने वाली बाइक की ओर रहा। यूथ ने लुक पर भी पूर ध्यान दिया। हर माह हजार से ज्यादा बाइक बरेली की सड़कों पर नजर आई। कार में तो फैमिली कार ही फेवरिट रहा। कार के दो नए शो रूम खोले गए।