बरेली( ब्यूरो)। शहर में बैसे तो बहुत पार्क हैं। छोटे व बड़े लगभग पूरे शहर में 400 पार्क हैं। जिनकी कमान नगर निगम के हाथ में हैं। इन पार्कों को स्थानीय लोगों ने बहुत गंदा कर रखा है। जिससे बच्चों को वहां खेलने की जगह नहीं मिलती है। कई पार्क की बाउंड्री वॉल तक गायब है। वहीं कैंट बोर्ड के पार्क गुलजार हैं। इसकी वजह यह नहीं कि इन पार्कों पर कैंट बोर्ड बहुत ज्यादा बजट खर्च करता है बल्कि नियमित देखरेख के चलते यहां के पार्क आबाद हैं। इसके चलते पूरे शहर के लोग नगर निगम के पार्कों की बजाए कैंट बोर्ड के पार्कों में जाना पसंद करते हैं। कैंट के बापू पार्क, चिल्ड्रेन पार्क में नगर निगम के पार्कों की अपेक्षा सारी सुविधाएं उपलब्ध हैं। बच्चों के खेलने के लिए रैंप, झूले पूरी तरह से सुरक्षित भी हैं। वहीं बड़ों के टहलने के लिए भी यह पार्क सही माने जाते हैं।

नहीं है कोई भी असुविधा
कैंट के किसी भी पार्क में कोई भी अव्यवस्था देखने को नहीं मिली। पार्क में केयर टेकर भी मौजूद थे। पार्क में कहीं कोई भी गंदगी नहीं थी। वहुत से लोग वहां टहल भी रहे थे। पर्क में लाइट वायरिंग भी पूरी तरह से ठीक थी। लाइट वायरिंग के प्रोपर तरह से बॉक्स बंद हैं। जिससे वहां आने वाले लोगों को कोई परेशानी न हो।

पूरे हैं मनोरंजन के साधन
शहर के पार्कों की अपेक्षा कैंट के पार्कों में बच्चों के लिए सारी सुविधाएं पूरी हैं। वहां बच्चे खूब इंज्वाय करते हैं। झूलों की व्यवस्था से लेकर रैंप हो या स्कैंटिंग स्लेप हो सारी सुविधाएं एक ही पार्क में उपलब्ध हैं। पार्क में कैंटीन की सुविधा भी उपलब्ध है। जिससे पार्क में आने वालों को बाहर सेे कोई भी खाने की चीज न लाना पड़े। कैंट में चिल्ड्रेन पार्क बनाया गया हैै जो हरियाली से भरपूर हैं वहां किसी भी तरह की गंदगी नहीं है। जिससे बच्चेे भी सुरक्षित रह सकेगे। बच्चों के साथ बड़े भी पार्क में टाइम बिताना पसंद करते हैं।

वर्ज
र्कैट के पार्कों में टहलना अच्छा लगता है। क्योंकि वहां का वातावरण बहुत अच्छा है। शहर के कालोंनियों में पार्क तो हैं लेकिन सफाई न होने की वजह से लोग वहां जाना पसंद नहीं करते हैं।
ज्योत्सना

बापू वाटिका बहुत सुंदर है। यहां की बागवानी को देखने ज्यादातर लोग आते हैं। लोगों को यहां की सफाई भी बहुत पसंद आती है। सुबह और शाम को लोग ज्यादा से ज्यादा यहां टहलने के लिए आते हैं। साथ ही यहां बैठकर योगाभ्यास भी करते हैं। सुबह-सुबह का यहां का माहौल बहुत ही अच्छा होता है।
अनुराग

बच्चों को इस पार्क में खेलना बहुत पसंद आता है। क्योंकि पार्क में मनोरंजन के सभी साधन हैं। बच्चे आराम से खेल सकते हैं। कालोनियों के पार्कों की हालत बहुत खराब है। इसलिए वहां बच्चों को भेजना भी ठीक नहीं लगता है।
अमित

हमारी कालोनी में पार्क का बहुत बुरा हाल है क्योंकि वहां इतनी गंदगी हैै। जिसकी वजह से लोगों को बैठना ही बंद हो गया है। ऐसे हालात में बच्चों को पार्कों में भेजना भी ठीक नहीं है। जब भी टाइम होता है। तो कैंट के पार्क आते हैं।