नहीं मिल पाती थी सही जानकारी
कैंट में ठेकेदारों द्वारा बरेलियंस की जेब पर दिनदहाड़े किस तरह डाका डाला जा रहा है, इस बाबत आईनेक्स्ट ने 25 अप्रैल को खबर पब्लिश की थी। इसमें बताया गया था कि जब कैंट बोर्ड पार्क को खुद गवर्न करता है तो क्यों नहीं वहां इंट्री फीस का डिस्प्ले लगाया गया। सालों से यहां बड़े-बड़े होर्डिंग में पार्क के नियम कानून को डिस्प्ले किया गया, जबकि पार्किंग फीस से लेकर इंट्री फीस का कोई सही डिस्प्ले नहीं लगा था। लोगों को इंट्री और पार्किंग फीस की सही जानकारी नहीं मिल पाती थी। अखबार में खबर पब्लिश होने के बाद बोर्ड ने मामले पर जांच के आदेश दे दिए थे, जिसके बाद कैंटोनमेंट बोर्ड ने दोनों पार्कों के सामने इंट्री और पार्किंग फीस की रेट लिस्ट लगवा दिया। ठेकेदार पर कार्रवाई की बात भी सामने आ रही है। इस बाबत जब सीईओ योगेश कुमार को कॉल कर बात करने का प्रयास किया गया तो कोई रिसपांस नहीं मिला।
उठाते थे फायदा
लोगों को पार्क में इंट्री करने और वाहनों की पार्किंग रेट की सही जानकारी न होने का पार्क के ठेकेदार फायदा उठाते थे। कैंट में पार्कों की स्थिति अच्छी होने से लोगों का यहां आना भी खूब होता था। ऐसे में चुपचाप लोगों को लूटा जाता था और लोगों को इसबारे में पता भी नहीं चलता था।