Time taking process
ईमेल और डाक द्वारा क्वेरीज का जवाब देना बहुत लंबी प्रक्रिया हो जाती है। बोर्ड को हर क्वेरीज का जवाब देने में काफी समय लगता है। सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी के अनुसार ऐसी व्यवस्था की मांग उठने लगी, जिससे किसी भी प्रॉब्लम को लेकर बोर्ड से डायरेक्ट संवाद किया जा सके। इसलिए यह सुविधा स्टार्ट करने की योजना है.
Website पर जारी होंगे numbers
विनीत जोशी के अनुसार बोर्ड में कॉल सेंटर स्टेब्लिश किया जाएगा, जिसके नम्बर वेबसाइट पर जारी किए जाएंगे। इन नम्बरों पर कोई भी सीबीएसई को लेकर किसी भी प्रकार की क्वेरीज की जानकारी हासिल कर सकता है। टॉल फ्री नम्बर की जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी जाएगी।
स्कूल्स से निर्भरता खत्म
कॉल सेंटर की सुविधा से स्टूडेंट्स, टीचर्स और पेरेंट्स की स्कूलों पर से निर्भरता समाप्त हो जाएगी। सीबीएसई से रिलेटेड सभी प्रकार की सूचना के लिए अब वे बार-बार स्कूल्स मैनेजमेंट का चक्कर नहीं काटेंगे। कॉल सेंटर की हेल्प से वे डायरेक्ट बोर्ड में बैठे एक्सपट्र्स से बात कर सकते हैं।
Communication gap
सीबीएसई ने वर्ष 2009 से अपने एकेडमिक्स और एग्जाम के स्वरूप में बड़े पैमाने पर चेंजेज किए हैं। सीसीई सिस्टम लागू करने के साथ हाईस्कूल के बोर्ड एग्जाम को ऑप्शनल कर दिया, जिसको लेकर स्टूडेंट्स काफी कंफ्यूज्ड हो गए हैं। वे अपनी क्वेरीज को लेकर टीचर्स के पास जाने लगे और टीचर्स स्कूल मैनेजमेंट के पास। स्कूल्स ईमेल और डाक द्वारा बोर्ड से इन क्वेरीज का जवाब मांगता है। स्टूडेंट्स और टीचर्स के पास कोई ऐसी व्यवस्था नहीं है, जो डायरेक्ट बोर्ड को कॉन्ट्रैक्ट कर सकें
टॉल फ्री नम्बर से होगी बात
विनीत जोशी के अनुसार बोर्ड कुछ टॉल फ्री नम्बर जारी करेगा। कोई भी सीबीएसई स्कूल इन नम्बरों पर कॉल करके अपनी क्वेरीज का तुरंत जवाब ले सकता है। टीचर्स और स्टूडेंट्स का एकेडमिक्स को लेकर कोई प्रॉब्लम हो या फिर स्कूल्स मैनेजमेंट का एडमिनिस्ट्रेशन को लेकर किसी भी प्रकार की क्वेरी टॉल फ्री नम्बर पर उपलब्ध एक्सपट्र्स उनके क्वेश्चन का तुरंत जवाब देंगे।
Media की पढ़ाई स्कूल स्तर से ही
सीबीएसई अपने स्कूल्स में मीडिया के कोर्स को कंपलसरी करने जा रहा है। इसके तहत सभी सीबीएसई एफिलिएटेड स्कूल्स में मास मीडिया स्टडीज और मास मीडिया प्रोडक्शन की पढ़ाई कराई जाएगी। इस कोर्स को एकेडमिक और वोकेशनल फील्ड दोनों में लागू किया जाएगा। नेक्स्ट सेशन से क्लास 11 से स्कूल्स में इन दोनों कोर्सेज को लागू कर दिया जाएगा।
हो चुका है experiment
सीबीएसई इन दोनों कोर्सेज को एक्सपेरीमेंट के तौर पर पहले ही लागू कर चुका है। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में नई दिल्ली, मुंबई और पुणे के सीबीएसई स्कूल्स में इन दोनों कोर्सेज को लागू किया गया था।
सीबीएसई की तरफ से कॉल सेंटर खोले जाने की सूचना मिली है। यह काफी उपयोगी साबित होगी। अभी तक ईमेल से ही हम सूचना का आदान-प्रदान करते थे, जिसका जवाब मिलने में काफी समय लग जाता था। कॉल सेंटर ओपन होने से अब डायरेक्ट बात हो सकेगी।
-फादर ग्रेगरी बिशप,
प्रिंसिपल कोनराड बिशप
Report by: Abhishek Singh