BAREILLY:
इकोनॉमिक्स में देश-दुनिया के बाजार में अप-डाउन होती अर्थव्यवस्था से अवेयर रहने की जरूरत है। इस पेपर में अच्छे परफार्मेंस के लिए जरूरी है कि आपका न्यूज पेपर और मैगजीन से अच्छा नाता हो। करेंट अफेयर पढ़ते रहें। ये कैलकुलेशन बेस्ड सब्जेक्ट है, इसलिए कैलकुलेशन की गलतियां होने के ज्यादा चांस रहते है। इससे बचने और सॉलिड मार्क्स गेन करने का एक मात्र तरीका है रेग्युलर प्रेक्टिस भ्0-भ्0 नंबर के दो क्वेश्चन पेपर में कौन-कौन से टॉपिक्स हो सकते है मार्क्स गेनिंग, और क्या है इस पेपर को सॉल्व करने का मंत्र। ये हम यहां आपको बता कर रहे हैं।
वर्ल्ड हैपेनिंग्स पर रखें निगाह
सिलेबस को तैयार करने के लिए हमेशा लिखकर याद करें। तैयारी करते वक्त आप इंटरनेट के जरिए नेशनल-इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स हैपेनिंग्स से जुड़ी चीजें आसानी से पा सकते। लांग टाइप क्वेश्चंस को प्रियॉरिटी दें, क्योंकि इससे आप सॉलिड मार्क्स पा सकते है। लांग क्वेश्चन के लिए टॉपिक तैयार करते वक्त जाहिर तौर पर आप शॉर्ट टाइप क्वेश्चन अपने आप तैयार कर लेंगे। इकोनॉमिक्स फर्स्ट पेपर के तहत थ्योरी ऑफ इकोनॉमिक्स, डेफिनेशन, स्कोप, लॉ ऑफ डिमांड, उत्पत्ति के प्रतिफल का नियम, उपयोगिता थ्योरी, पापुलेशन थ्योरी, ग्लोबलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन को तैयार करके स्टूडेंटस करीब फ्0 अंक तक सेव कर सकते हैं।
न्यूमेरिकल्स की करें खास तैयारी
सेकेंड पेपर के तहत इकोनॉमिकल डेवलप एंड अंडर डेवलप, इकोनॉमी, मिक्स्ड इकोनॉमी, पूंजीवादी अर्थव्यवस्था, इंडियन एग्रीकल्चर, फाइव ईयर प्लान, इंडस्ट्री में छोटे व बडे़ उद्योग टॉपिक्स की अच्छी तैयारी से करीब ख्0 नंबर तक प्राप्त किए जा सकते है। इसके अलावा अकेले सांख्यिकी से करीब क्भ् नंबर्स के न्यूमेरिकल आते हैं। ये चैप्टर काफी इंपोर्टेट है। इसके अलावा आयात निर्यात टैक्स से भी करीब दो से तीन नंबर तक स्टूडेंटस को मिल सकते है। पेपर की तैयारी के दौरान फोकस्ड रहें, हर चीज को लिखकर याद करने की आदत से आप गलतियों से बच पाएंगे।
इनका रखें ध्यान
हार्ड वर्क का कोई ऑप्शन नहीं होता, इसलिए डटकर मेहनत करें।
न्यूमेरिकल्स की कैलकुलेशन यदि एक्युरेट होगी तो सॉलिड मार्क्स मिलेंगे। इसलिए रेग्युलर प्रेक्टिस करें।
टू द प्वाइंट आंसर दें और मॉडल पेपर करते रहें।