हिमांशू अग्निहोत्री (बरेली)। वीआईपी कल्चर को खत्म करने के लिए भले ही शासन स्तर से वाहनों में लाल-नीली बत्ती लगाने के नियमों में बड़ा फेरबदल किया गया हो, लेकिन जिले में अब भी अधिकांश अधिकारी वाहनों पर नीली बत्ती लगा कर घूम रहे हैं। इतना ही नहीं, हूटर का भी यूज किया जा रहा है। आलम यह है कि अधिकारियों का बत्तियों से मोह भंग नहीं पा हो रहा है। बता दें जिले में विगत तीन वर्षों में सायरन इस्तेमाल करने पर एक भी वाहन का चालान नहीं हुआ है। इस मुद्दे पर बीते साल विधानसभा में भी सवाल उठाया जा चुका है, जिस पर इस को ले कर किन स्थितियों में किन के द्वारा इन बत्तियों का यूज किया जा सकता है, इसका विस्तृत उत्तर देते हुए स्थिति को स्पष्ट किया गया था। इस मुद्दे पर जब डीजे आई नेक्स्ट ने जिम्मेदार अधिकारी से बात की तो वे स्पष्ट उत्तर देने से बचते नजर आए। उन का कहना था कि उन्हें इस विषय में सही-सही जानकारी ही नहीं है।
क्या है नियम
आटीओ से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्रीय मोटर वाहन नियमावली 1989 के नियम 50 के अंतर्गत वाहन के आगे व पीछे पंजीयन चिह्न प्रदर्शित करने वाली पट्टिïका लगाई जाएगी। इसके अतिरिक्त कोई पदनाम पट्टिïका, बोर्ड अथवा अन्य किसी भी प्रकार की पट्टिïका लगाया जाना वर्जित है। कुछ अधिकारियों को सिफ आपातकालीन स्थिति में ही इन लाइट्स को लगाने का प्रावधान है, लेकिन वे आम दिनों में भी वाहनों पर ब्लू लाइट व हूटर लगा कर घूमते नजर आते हैं। यहां तक कि कुछ अधिकारियों ने तो निजी वाहनों पर भी इन लाइट्स के साथ पट्टिकाएं भी लगा रखी हैं।
विधानसभा में मिला जवाब
2022 में विधानसभा के तृतीय सत्र में विधानसभा सदस्य अमिताभ वाजपेई द्वारा प्रश्न किया गया था कि उच्च न्यायालय की याचिका आरुषि बनाम राज्य में पारित आदेश के अनुपालन में अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के लिए नीली बत्ती, हूटर व लाल पट्टïी को लेकर क्या निर्देश हैैं। तब वहां से इस का जो उत्तर दिया गया था उस के आधार पर हम यहां आप को बता रहे हैं कि किन वाहनों पर ये लाइट्स लगाई जा सकती हैं।
केंद्र सरकार की अधिसूचना के अंतर्गत इन्हें है अधिकार
-अग्नि को नियंत्रित करने से संबंधित कर्तव्य प्राप्त अधिकारियों को।
-कानून और व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस, रक्षा बलों अथवा अद्र्धसैनिक बलों के अधिकारियों के वाहनों पर।
-भूकंप, बाढ़, भूस्खलन, चक्रवाती तूफान, सुनामी सहित प्राकृतिक आपदाओं व नाभिकीय आपदा, रासायनिक आपदा एवं जीव वैज्ञानिक आपदा सहित मानवनिर्मित आपदाओं के प्रबंधन से संबंधित कर्तव्य रखने वाले अधिकारियों के वाहनों पर।
प्रदेश सरकार की अधिसूचना के अनुसार
-राज्यपाल व मुख्यमंत्री के साथ एस्कॉर्ट में तैनात पुलिस अधिकारियों के यानों पर
-कार्यकारी पुलिस बल में तैनात पुलिस अधिकारियों द्वारा अपने संबंधित कार्यक्षेत्र के अंदर आपातकालीन स्थिति में लगे यानों पर
-कार्यकारी मजिस्ट्रेट की अपनी अधिकारिता के अंतर्गत आपातकालीन स्थितियों में लगे यानों पर
-प्रवर्तन संबंधी ड्यूटी के दौरान आपातकालीन स्थितियों में अपनी अधिकारिता के अंतर्गत परिवहन विभाग, व्यापार कर विभाग, आबकारी विभाग व वन विभाग के अधिकारियों के यानों पर
मल्टीटोंड हॉर्न व हूटर सायरन पर हुए चालान
वर्ष 2020-2021
जिला कुल चालान प्राप्त प्रशमन शुल्क
बरेली 67 1.98
बदायंू 06 0.04
पीलीभीत 14 0.07
शाहजहांपुर 35 2.97
योग 112 5.06
तीन चालान हूटर सायरन के इस्तेमाल पर भी किए गए
वर्ष 2021-2022
जिला कुल चालान प्राप्त प्रशमन शुल्क
बरेली 147 4.30
बदायंू 107 3.40
पीलीभीत 04 0.16
शाहजहांपुर 41 2.85
योग 299 0.71
वर्ष 2022-जनवरी2023
जिला चालान संख्या प्राप्त प्रशमन शुल्क
बरेली 65 2.40
बदायंू 50 2.90
पीलीभीत 02 0.10
शाहजहांपुर 42 2.74
योग 159 8.14
नोट-आंकड़े लाख रुपए में
बोले अधिकारी
यदि किसी अधिकारी ने अनाधिकृत रूप से इन बत्तियों अथवा हूटर्स को लगाया हुआ है तो वे तत्काल उन्हें वाहनों पर से हटा लें अन्यथा उन पर कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश कुमार, आरटीओ ई