1 साल 10 महीने
गूगल बज एक सोशल नेटवर्किंग, माइक्रोब्लॉगिंग और मैसेजिंग टूल था जिसे गूगल ने अपनी वेब बेस्ड ईमेल सर्विस जीमेल से जोड़ दिया था। इस पर लोग स्टेटस मैेसेजेज, लिंक्स, वीडियोज और फोटोज शेयर कर सकते थे। गूगल ने बज को 9 फरवरी 2009 को दोहपर 11 बजे लॉन्च किया था। लॉन्चिंग के दो दिन के अंदर ही बज पर 75 लाख से ज्यादा पोस्ट और कमेंट्स आ चुके थे। हर घंटे डेढ़ लाख से ज्यादा पोस्ट और कमेंट्स बज पर आ रहे थे। बज को दो साल पूरे होने में बस कुछ महीने बचे थे कि इसी साल 14 अक्टूबर को गूगल ने यह कहते हुए इसे बंद कर दिया कि अब उसे गूगल प्लस पर ध्यान देना है। 15 दिसंबर को बज बंद हो गया। अब बज पर नई पोस्ट नहीं डाल सकते। आपकी पुरानी पोस्ट्स अभी भी आपके गूगल प्रोफाइल में सेव रहेंगी।
मैंने मोबाइल से नेट का यूज केवल बज अपडेट के लिए ही किया है। अदर वाइज मैं पीसी या लैपी से नेट यूज करती हूं। आई लव बज। दो दिन पहले लॉग इन किया। देखा बज नहीं था। इट फेल्ट सो बैड।
-काजोल, स्टूडेंट
लॉग इन करते ही मेरा ध्यान इनबॉक्स पर बाद में जाता था। सबसे पहले मैं बज अपडेट्स चेक करती थीं।
-कशिका, स्टूडेंट
बज काफी सिंपल था। न फेसबुक के ढेर सारे ऑप्शंस का झंझट और न डिफरेंट कैटेगरीज। बस जब जो मन में आया पोस्ट कर दिया। कोई फोटो अच्छी लगी तो लिंक कर दी। और तो और अगर उसमें कुछ एडिट करना हो तो बिना प्रीवियस कमेंट्स डिलीट किए एडिट हो जाता था।
-अहसन, स्टूडेंट
बहुत बुरा लगा जब बज बंद हुआ। अभी तो दो साल भी नहीं हुए थे। इतने कम समय में ही बज को काफी लोग यूज करने लगे थे। मेरे सारे फ्रैंड्स बज स्टेटस अपडेट करते थे। बज को बंद नहीं करना चाहिए था।
-पूनम, स्टूडेंट
मुझे अक्टूबर में पता चला कि बज जा रहा है। मैं चाहती थी कि गूगल अपना डिसीजन चेंज कर दे। उसे शायद पता नहीं कि हमें बज पसंद है। अगर बंद ही करना था तो बज शुरू ही क्यों किया।
-स्नेह, स्टूडेंट