-रामपुर गार्डन में नौकरों को बंधक बनाकर पूरा घर खंगाल कर ले गए डकैत

-साउथ अफ्रीका घूमने गई थी फैमिली, परिवार का कोई भी सदस्य नहीं था मौजूद

-पुलिस करीबियों और नौकरों से कर रही पूछताछ

BAREILLY: बीती रात डकैती की दुस्साहसिक वारदात ने एक बार फिर बरेली पुलिस की कलई खोल दी है। चौकसी की दंभ भरने वाली पुलिस का मुस्तैद रवैया एक बार फिर सवालों के घेरे में है। सोमवार की रात रात शहर की पॉश कॉलोनी रामपुर गार्डेन में कोरल मोटर्स के मालिक अजय अग्रवाल घर में डकैत पांच घंटे तक तांडव मचाने के बाद आराम से फरार हो गए और पुलिस को हवा तक नहीं लगी। पुलिस की ओर से परिवार के करीबियों और नौकरों से पूछताछ कर रही है। यही नहीं पुलिस और क्राइम ब्रांच की दो टीम बनाकर घटना छानबीन की जा रही है। फिलहाल मकान मालिक के वापसी के बाद ही इस बात का खुलासा हो सकेगा कि डकैत कितना सामान ले गए।

पांचों नौकरों को बनाया बंधक

मकान मालिक की गैरमाजूदगी में पूरा घर पांच नौकरों के जिम्मे था। नौकरों के अनुसार रात करीब 9.फ्0 बजे पुलिस की वर्दी में दो बदमाश पहुंचे और उन्होंने अजय अग्रवाल के एक्सीडेंट की झूठी सूचना दी। दरवाजा खुलते ही बाकी चार और बदमाश जबरन घर में घुस गए। घर में घुसते ही डकैतों ने नौकरों को एक जगह इकट्ठा किया। बेड पर बैड शीट को चाकू से फाड़कर रस्सी बनाई और इसी से सभी पांचों नौकरों के हाथ और मुंह बांधकर किचन में बंद कर दिया। यही नहीं बेड शीट से इन लोगों को गट्ठर की तरह ढक भी दिया। देर रात करीब फ्.फ्0 पर नौकर सुखसागर ने खुद को कैद से आजाद कर पास ही रहने वाले रमित अग्रवाल को घटना की जानकारी दी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। बता दें कि कोई भी बदमाश नकाबपोश नहीं था। लेकिन कोई भी नौकर इनकी सूरत की पहचान बताने में असफल रहा।

पुलिस की वर्दी देख सहमे नौकर

डकैती की रात घर पर ड्राइवर ओमप्रकाश, चौकीदार बोदिल, सुखसागर, धनबहादुर सिंह और उसकी पत्‍‌नी माया मौजूद थी। नौकरानी माया ने बताया कि आधा दर्जन डकैतों में दो पुलिस की वर्दी में थे। जिनकी वर्दी पर सफेद नेम प्लेट भी लगी थी। रात करीब साढ़े नौ बजे घर पर पहुंची पुलिस को देखकर सभी सहम गए। उस समय घर पर डकैतों ने मालिक की गाड़ी का एक्सीडेंट होने की बात कही। हादसे का सूचना पर सवाल खड़े करने पर बदमाशों ने सबको पीटना शुरू कर दिया।

करीबियों पर शक की सुई

नौकरों के अनुसार, बदमाश घर के चप्पे-चप्पे से वाकिफ थे। सामने के दरवाजे पर सीसीटीवी लगा था। इसलिए उन्होंने घर में पीछे के दरवाजे से इंट्री की। घुसते ही डकैतों ने सुखसागर का नाम लिया। नीचे के कमरे में रखी कमरों की चाभियां भी ढूंढ ली। चाभियों के जरिए तीन कमरे जिनमें ज्वैलरी, नगदी रखे थे, उन्हें खंगाला। अलमारियां, बिस्तर सभी कुछ उलट पलट दिए। कमरों में सारा सामान बिखेर दिया। नौकरानी माया के गहनों को भी सर्वेट क्वार्टर से लूट लिया। पुलिस के शक की सुई करीबियों और नौकरों पर ही टिकी हुई है। पुलिस फिलहाल ड्राइवर ओमप्रकाश, चौकीदार बोदिल और सुखसागर से पूछताछ कर रही है।

साउथ अफ्रीका ट्रिप पर था परिवार

कोरल मोटर्स के मालिक अजय अग्रवाल फैमिली समेत बीती क्8 अगस्त को करीब ख्0 दिनों के ट्रिप पर साउथ अफ्रीका गए थे। परिवार के चारों सदस्य मोटर डीलर अजय अग्रवाल और उनकी वाइफ ईला, इनकम टैक्स एडवोकेट भाई राकेश कुमार और उनकी पत्‍‌नी डॉ। श्वेता अग्रवाल भी साथ में। जिस वजह से घर पर परिवार का कोई भी सदस्य घटना के वक्त मौजूद नहीं था। 8 सितंबर को परिवार के सभी सदस्यों को बरेली वापस आना तय था। बता दें अजय की दो बच्चे हैं, जिनमें बड़ी बेटी अमेरिका में और बेटा हरियाणा में रहकर पढ़ाई कर रहा है।

सुलगते सवाल

- पांचों नौकरों को किचन से सामने के रूम में क्यों बंद किए।

- खुद को रस्सी से छुडाने के बाद सुखसागर बगैर अन्य चार को बंधक मुक्त किए ही क्यों बाहर निकल गया।

- आधा दर्जन डकैतों में किसी ने भी नकाब नहीं पहन रखा था, तो फिर हुलिया बताने में नौकर क्यों हिचक रहे।

- पुलिस की वर्दी पर लगी नेम प्लेट दिखाई दी, लेकिन उस पर लिखे नाम क्यों नहीं दिखाई दिए।

- गाड़ी से आए थे डकैत लेकिन फिर भी नौकर गाड़ी का कलर सही से नहीं बता पाए।

- नौकरानी माया के बताए अनुसार बंधक बनाते वक्त चूडियां टूट गई थी। लेकिन बंधक बने स्थान पर टूटी हुई चूडियां नहीं मिली।

कोट

- वारदात की छानबीन के लिए टीमें बनाई गई हैं। घर के नौकरों और मकान के पास हो रहे भवन निर्माण के कामगारों से भी पूछताछ की जा रही है। प्रथम दृष्टया घटना में करीबियों के शामिल होने की आशंका है।

--जे रवींद्र गौड, एसएसपी