कर्मचारियों की बढ़ेगी सेविंग

फिलहाल देश की अर्थव्यवस्था जिस दौर से गुजर रही है उस हिसाब से सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं। मोदी सरकार ने लॉन्ग टर्म की प्लानिंग की ताकि कार्ययोजना को मूर्त रूप दिया जा सके। मेरे अनुसार ये व्यवाहारिक बजट है। वैसे ये लोक लुभावन बजट नहीं, लेकिन संसाधन जुटाने के लिए बहुत सटीक और सधा कदम उठाया गया है। सीनियर सिटिजंस का टैक्स स्लैब बढ़ाना काफी अच्छा रहा। कंज्यूमर्स ड्यूरेबल प्रोडेक्ट्स के दाम बढ़ने से ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इलेक्ट्रॉनिक्स गुड्स के सस्ते होने से इसका उपयोग बढ़ेगा। कुल मिलाकर रोजमर्रा की जिंदगी और आसान हो जाएगी। अगर देखा जाए तो वेतनभोगीयों को इस बजट से कोई खास लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि सीमित आय वाले लोगों को यह फायदेमंद साबित होगा।

- डीएस रावत, भूतपूर्व सहायक प्रबंधक

लोन लेने वाले की संख्या बढ़ेगी

इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 24 के तहत होम लोन ब्याज की अदायगी की अधिकतम सीमा बढ़ने से लोगों को कर बचाने में मदद मिलेगी। हाउसिंग लोन लेने वालों की संख्या में बढ़ोतरी होगी। गवर्नमेंट का यह कदम सराहनीय है। इससे अपना आशियाना होने का सपना साकार होगा। अगर देखा जाए तो एक अनुमान के तहत लोगों का 15 हजार रुपए सालाना लोगों का टैक्स के रूप में बचेगा।

- आरएस सोलंकी, डिप्टी जनरल मैनेजर, बीओबी

अगर देखा जाए तो इस बार का बजट न तो अच्छा कहा जा सकता है और न ही खराब है। अगर इंप्लॉई के प्वाइंट ऑफ व्यू से देखे तो इसे थोड़ा अच्छा कहा जा सकता है। क्योंकि टैक्स स्लैब को दो लाख रुपए से बढ़ाकर ढाई लाख कर दिया गया है। इसके साथ ही इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत छुट की सीमा 1.50 लाख रुपए कर दी गई है। हालांकि इससे भी कुछ नहीं होने वाला है। सरकार को टैक्स स्ट्रैक्चर में और लचीलापन लाना होगा। मेरी राय में सरकार को बीटीटी बैंकिंग ट्रांजेक्शन टैक्स को सख्ती से लागू करना चाहिए। दुनिया के कई देशों में ये व्यवस्था लागू है। इससे कालेधन और मनी लाउड्रिंग की समस्या खत्म हो जाएगी। इस व्यवस्था से वर्तमान में गवर्नमेंट को टैक्स से वर्तमान में जितनी इनकम होती है उससे दस गुना इनकम होगी।

डॉ। विनय सक्सैना, मैनेजर, पीएनबी

कर्मचारियों को इस बार के बजट में थोड़ी राहत दी गई है। खासकर टैक्स स्लैब और इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत। इससे कर्मचारियों की सेविंग बढ़ेगी। इसकी मांग बहुत दिनों से की जा रही थी। सरकार ने इसे लागू कर एक अच्छा कदम उठाया है।

एके महतो, बैंक इंप्लॉई

जरूर होगी अच्छे दिन की शुरुआत

मंहगाई बढ़ना लाजमी है। आखिर एक महीने में मोदी सरकार मंहगाई कैसे कंट्रोल कर सकती है। सरकार करे भी तो क्या करे। किसी तरह से मंहगाई को बैलेंस करना ही होगा। गैस, कॉस्मेटिक के अलावा और भी बहुत से डेली यूज के सामान मंहगे हुए हैं तो वहीं, कुछ सस्ते भी हुए हैं। मंहगाई बढ़ने से घर का बजट लड़खड़ा जाएगा। आम आदमी पर बोझ बढ़ जाएगा, लेकिन कोई बात नहीं, थोड़ा समय जरूर लगेगा और अच्छे दिन की शुरुआत जरूर होगी।

- भावना सक्सेना, हाउसवाइफ

जिस तरह से मंहगाई का डोज दिया जा रहा है, उससे घर का बजट बिगड़ता जा रहा है। मंहगाई बढ़ने की खबर गुस्से से भर देती है, लेकिन नई सरकार को कुछ समय देना चाहिए। 10 सालों तक जब मंहगाई झेल लिए तो कुछ दिन और सही। कोई भी सरकार आ जाए मंहगाई रोकने में पूरी तरह से फेल ही रहेगी। मोदी सरकार ने अच्छे दिन की उम्मीद जगाई है, देखते हैं शायद अच्छे दिन बुरे दिन दिखाकर आएं।

- शशि, हाउसवाइफ

इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स सस्ते होने से किसी को क्या फायदा होगा। सस्ता करना ही था तो घरेलू आइटम सस्ते किए जाते। गैस के दाम बढ़ाने वाला बजट कहीं से अच्छा नहीं कहा जा सकता। कॉस्मेटिक आइटम मंहगा होने से किसी को कोई मतलब नहीं, लेकिन रोजमर्रा के लिए जरूरी सामानों को मंहगा नहीं किया जाना चाहिए था। वैसे भी मंहगाई रोकने में यह सरकार पूरी तरह से फेल है।

- आराधना, हाउसवाइफ

मोदी सरकार का आम बजट आम आदमी के लिए कहीं से भी सही नहीं ठहराया जा सकता। जिस तरह से मंहगाई हम पर हावी होती जा रही है, उससे घर का बजट संभालना मुश्किल हो रहा है। गैस को मंहगा कर देना सही नहीं है। बाकि और आइटम का मंहगा या सस्ता होने से कोई ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। आखिर अच्छे दिन कैसे आएंगे, यह समझ में नहीं आ रहा। अब सरकार तो पंाच साल तक बदली नहीं जा सकती। देखते हैं आगे और कौन से अच्छे दिन देखने को मिलेंगे।

- शालिनी, हाउसवाइफ

इस बजट में सरकार ने बिटिया के लिए खास व्यवस्था की है। इससे पहले किसी भी सरकार ने इस तरह की कोई व्यवस्था नहीं की थी। बजट में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए सौ करोड़ रुपए अरेंजमेंट्स वाकई मोदी सरकार की अच्छी पहल है।

- सावित्री मिश्रा, हाउस वाइफ

स्टूडेंट्स अप्रोच

प्रजेंट टाइम में मोबाइल आम आदमी की जरूरत बन गया है। इसके बिना जिंदगी अधूरी सी लगती है। मोबाइल का दाम कम होना जरूरी था। मोबाइल और कम्प्यूटर के दाम कम होने से मैक्सिमम लोग टेक्नोलॉजी का उपयोग करेंगे।

रॉबिन, स्टूडेंट

आईआईटी की संख्या बढ़ाने से मैक्सिमम स्टूडेंट्स को इंजीनियरिंग में एडमिशन मिल सकेगा। आम बजट में हर तबके का ख्याल रखा गया है। वहीं कई स्टेट में एम्स भी खुलेंगे, जिससे रोजगार की संभावना में बढ़ोतरी होगी।

- आलोक, स्टूडेंट

मोबाइल और कम्प्यूटर के दाम कम होने से हमारा देश और भी डेवलप होगा। क्योंकि इससे लोगों का लिविंग स्टैंडर्ड बढ़ेगा और एजूकेशन लेवल और हाई होगा। बजट में यह सबसे अच्छा पक्ष है।

सुभान जावेद, स्टूडेंट

सिगरेट और पान मसाले का दाम और भी ज्यादा बढ़ना चाहिए, क्योंकि दाम बढ़ने से इसके पीने वालों की संख्या में कमी आएगी।

सक्षम अग्रवाल, स्टूडेंट

आम बजट में मोबाइल का दम कम करना मोदी सरकार का एक अच्छा कदम है। दाम कम होने से मैक्सिमम लोग टेक्नोलॉजी से फ्रेंडली होंगे। लोग हमेशा अपडेंट रहेंगे।

राजीव, स्टूडेंट

मेरे हिसाब से ये एक बहुत बढि़या बजट है। मैं इसे टेन ऑउट ऑफ टेन मा‌र्क्स देता हूं। बजट में जय जवान जय किसान के साथ जय विज्ञान का बेहतरीन मेल है। इसमें हर क्लास का ख्याल रखते हुए बैलेंस फैसिलिटीज देने की कोशिश की गई है। किसान भाइयों के लिए 7 परसेंट की दर पर लोन देने से एग्रीकल्चर और इंवेस्टमेंट को बढ़ावा मिलेगा। उत्पाद शुल्क कम होने से महंगाई पर भी रोक लगेगी। वहीं होम लोन रिबेट बढ़ने से इंफ्रास्ट्रक्चर का डेवलपमेंट होगा। ज्यादा से ज्यादा यंगस्टर्स घर खरीद पाएंगे, जिससे रियल इस्टेट मार्केट में भी क्रांति आएगी। इसके अलावा टैक्स रिबेट और 80सी इंक्रीज करने से मिडिल क्लास फैमिलीज को काफी फायदा होगा। सबसे ज्यादा अच्छा फैसला सौ स्मार्ट सिटी बनाने का है। इससे प्रतिभा पलायन पर रोक लगेगी। अपनी ही सिटी में विकास, सुविधाएं और रोजगार के अवसर मिलने लोग माइग्रेट नहीं करेंगे। इससे अभी की तरह बड़ी सिटीज पर प्रेशर नहीं बढ़ेगा और छोटे से लेकर बढ़े शहरों में रेजीडेंट्स के लिए क्लास लेवल का इंवायरमेंट बन पाएगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, हेल्थ फैसिलिटीज, पॉवर सप्लाई और पॉल्यूशनल जैसी प्रॉब्लम्स से छुटकारा मिलने के पूरे चांसेस होंगे। वहीं डिफेंस में 49 परसेंट एफडीआई की अनुमति से भारत की फ्रांस और रशिया जैसे देशों पर से डिपेंडेंसी कम होगी। यहीं फैक्ट्ररीज लगने और वेपंस व फाइटर प्लेन बनाने से इंप्लॉयमेंट के मौके भी बढ़ेंगे। साउथ एशिया के बाकी सभी देश भारत से इन वेपंस को खरीदेंगे, जिससे विदेशी मुद्रा देश में आएगी। इससे इंडिया की इकोनॉमी भी स्ट्रांग होगी। पॉवर सप्लाई से जूझ रहे भारत में पॉवर प्लांट्स पर टैक्स हॉलीडे कम करने का फैसला भी काफी अच्छा है। इससे बिजली सस्ती होगी और अगले कुछ सालों में शहरों के साथ-साथ गांवों में भी 20 से 24 घंटे बिजली देने का लक्ष्य पूरा हो सकता है। वहीं एजूकेशन सेक्टर में पांच नए आईआईएम और आईआईटी खोलने का डिसीजन भी सराहनीय है। इससे युवाओं को आगे बढ़ने के नए रास्ते मिलेंगे। कुल मिलाकर डेढ़ महीने के कम वक्त में काफी अच्छा बजट बना गया है। अच्छे एफ‌र्ट्स हैं। इससे आगे आने वाले दिनों में अच्छे दिन आने की उम्मीद है।

आशीष सक्सेना, सीए