बच्चों की शिक्षा रुके न इसके लिए बीएसए ऑफिस ने की पहल
पांचवी पास होते ही स्टूडेंट्स को मिल जाएगा ऑटोमेटिक एडमिशन
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BAREILLY:
हर साल बेसिक स्कूलों में बच्चों की संख्या बहुत तेजी से कम होती जा रही है। इस समस्या पर चिंता जताने वाले बहुत हैं, लेकिन अभी तक इस समस्या को दूर करने का कारगर उपाय नहीं निकला है। इसपर एक कदम आगे आकर बीएसए स्तर से नई रणनीति बनाई गई है। जिसके तहत कोशिश होगी कि परिषदीय स्कूल का बच्चा मास्साब की बेरुखी के चलते किसी प्राइवेट स्कूल का दरवाजा न खटखटाये। इस रणनीति से उम्मीद बंधी है कि इस साल 'स्कूल चलो अभियान' कागजों से निकलकर जमीन पर भी चमक बिखेरने का काम करेगा। क्या है ये रणनीति, आईये जानते हैं
अगली कक्षा में मिले एडमिशन
सरकारी स्कूलों की सबसे बड़ी दिक्कत है कि इनमें कक्षा भ् पास करने वाला बच्चा छठी में आते ही किसी प्राइवेट स्कूल में एडमिशन ले लेता है। यही हाल आंगनबाड़ी सेंटर्स का भी है, यहां रजिस्टर्ड पांच साल से ज्यादा उम्र बाले बच्चे का दाखिला प्राइमरी में कराने के लिए स्कूल दिलचस्पी नही लेते। ऐसे में नई रणनीति के मुताबिक 'ऑटोमेटिक एडमिशन' का तरीका निकाला गया है। मतलब आंगनवाड़ी केंद्र के बच्चे का पंजीकरण प्राइमरी स्कूल में क्लास क् में माना जायेगा, इसके लिए उस इलाके का प्राइमरी स्कूल आंगनबाड़ी केंद्र से बच्चों की लिस्ट लेगा। ठीक यही प्रक्रिया प्राइमरी स्कूल से भ्वीं पास करने वाले स्टूडेंट के साथ भी होगी। उस क्षेत्र का जूनियर हाईस्कूल प्राइमरी स्कूल से भ्वीं पास करने वाले छात्रों की लिस्ट लेकर उनका छठी में ऑटोमेटिक एडमिशन करेगा। हालांकि एडमिशन के प्रक्रिया के लिए अभिभावक की सहमति अनिवार्य होगी।
रुकेगा स्कूल ड्रॉप आउट रेट
इस रणनीति के तहत स्कूलों ने ठीक से काम किया तो कुछ क्लासेज पढ़ाई करके घर बैठ जाने वाले बच्चों को रेट कम होगा। भ्वीं क्लास पास करने वाले स्टूडेंट्स को छठी क्लास में जूनियर हाईस्कूल में ऑटोमेटिक एडमिशन मिलेगा। जिससे बच्चे के ड्रॉप आउट होने के चांसेज घटेंगे। यदि पांचवी पास करने वाले बच्चे के मां-बाप उसका छठी में एडमिशन कराने से मना कर देते हैं, तो उन्हें बाकायदा घोषणा पत्र भरकर देना होगा, जिसमें बच्चे की प्राइमरी एजुकेशन पूरी कराने के लिए किसी दूसरे स्कूल में एडमिशन कराने की घोषणा करनी होगी, तब ही उसे टीसी मिलेगी।
फर्जी स्कूलों पर कसेगी नकेल
पेरेंट्स आंगनबाड़ी या फिर प्राइमरी स्कूल में पंजीकृत अपने बच्चे का एडमिशन किसी दूसरे स्कूल में कराना चाहते हैं, तो उन्हें उस स्कूल की जानकारी घोषणा पत्र में देनी होगी। इस जानकारी के आधार पर उस छात्र से संबंधित प्राइमरी स्कूल अथवा जूनियर हाईस्कूल का प्रधानाचार्य उस नए स्कूल की इंक्वायरी करेगा जिसमें ये छात्र एडमिशन लेने वाला है। अगर ये स्कूल मान्यता प्राप्त नहीं है या फिर मान्यता के लिए अप्लाई किया है, लेकिन अभी तक उसे मान्यता प्रमाणपत्र नही दिया गया। प्रधानाचार्य ऐसे स्कूल के खिलाफ एक्शन लेगा या फिर संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को प्रस्ताव देगा। इसके साथ ही सभी प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों को निर्देश दिये गए हैं कि उनके एरिया में कोई भी फर्जी स्कूल न चलें।
निर्देशों का पालन करें स्कूल
इस प्लान का मसौदा ट्रेनिंग डिस्ट्रक्ट कोआर्डिनेटर मुकेश मिश्रा ने तैयार किया, जिसे एडीबेसिक, डीएम व बीएसए द्वारा अप्रूव्ड किया गया। इस रणनीति के तहत बनाएं गए निर्देशों को सभी ब्लॉक्स पर भेज दिया गया है। मुकेश मिश्रा का कहना है कि इन निर्देशों के तहत अगर स्कूल अपने यहां पढ़ रहे बच्चों के नए क्लास में दाखिला कराने के प्रति एक्टिव हो जाते हैं, तो इसका निश्चित तौर पर फायदा मिलेगा। इसकी मॉनिटरिंग चल रही हैं, हम अप्रैल के आखिरी हफ्ते में स्कूलों से रिपोर्ट मांगेंगे।