बम्पर डिस्काउंट के शोरूम्स के बाहर बीएस-3 वाहन खरीदने को लगी लाइन

डॉक्टर्स ने कहा, तात्कालिक लाभ के फेर में लोगों ने किया सेहत से खिलवाड़

BAREILLY:

जनता की सेहत की फिक्र में सुप्रीम कोर्ट ने 1 अप्रैल से बीएस 3 मॉडल के जिन व्हीकल्स पर रोक लगा दी है। उन्हीं वाहनों को खरीदने के लिए जनता पिछले दो दिन स्कूटर-बाइक के शोरूम्स पर टूट पड़ी। बीएस 3 वाहनों को स्टॉक खपाने को कंपनियों की ओर से 12 से 22 हजार तक का मेगा डिस्काउंट तक दे दिया गया। इसका फायदा उठाने के लिए जनता प्रदूषण का जहर उगलने वाले इन वाहनों को लंबी लाइन में लगकर खरीदने से भी परहेज नहीं किया। आलम यह रहा कि डिस्काउंट के बाद महज 24 घंटे में शहर के सारे बीएस 3 व्हीकल्स बिक गए। बचत के नाम पर थोड़े से रुपए बचाकर लोग हवा में जहर घोलने में न सिर्फ भागीदार बन रहे, बल्कि अपनी ही सेहत के साथ भी खिलवाड़ कर रहे।

बिक गए 800 वाहन

शोरूम्स ओनर्स के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश के दौरान शहर के शोरूम्स पर महज 800 बीएस-3 वाहन ही थे। थर्सडे को कंपनीज ने इन वाहनों के मॉडल्स के मुताबिक 12 से 22 हजार तक का बम्पर डिस्काउंट दे दिया। वहीं इन सभी वाहनों का इंश्योरेंस फ्री का बेहतरीन ऑफर भी। कंपनीज का यह ऑफर वायरल होते ही लोग शोरूम्स की ओर दौड़ पड़े। डीलर्स ने इस मौके को बखूबी भुनाया। रोजाना रात 8 बजे तक बंद हो जाने वाले शोरूम बीएस-3 का स्टॉक खपाने को रात 12 के बाद भी खुले रहे। थर्सडे को जहां देर शाम तक 366 व्हीकल्स की सेल हुई। वहीं फ्राइडे सुबह 10 बजे तक सभी 800 बीएस-3 वाहन बिक गए और शोरूम्स खाली हो गए।

हवा में घुलेगा और जहर

डॉक्टर्स के मुताबिक धूम्रपान, शराब, तम्बाकू उत्पादों के सेवन के अलावा व्हीकल्स से निकले धुएं से भी लोग कैंसर की चपेट में आ रहे हैं। इसी वजह से एनवॉयरमेंट पॉल्युशन कंट्रोल अथॉरिटी ने बीएस 3 वाहनों को बैन करने की पिटीशन दायर की थी। धुएं में कार्बन मोनोऑक्साइड, सांस की बीमारियों को बढ़ाता है। कॉर्सिनोजिल्स से फेफडों का कैंसर होता है। नाइट्रोजन से आई डिजीज होती हैं। वहीं, वाहनों के धुएं से सिर दर्द, जी मिचलाना, स्किन डिजीज और ब्लडप्रेशर की भी बीमारियां होती हैं। बीएस 4 व्हीकल्स हाइड्रोकार्बन, कार्बन मोनोक्साइड, नाइट्रोजन और पार्टीकुलेट मैटर को काफी कम मात्रा में उत्सर्जित करता है।

-------------------------

फॉर योर इनफॉर्मेशन

- फैसला 1 अप्रैल से लागू होगा। 31 मार्च तक अगर गाड़ी की बिलिंग हुई है तो रजिस्ट्रेशन करवाने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

- बीएस 3 मॉडल के व्हीकल्स पर रोक गाड़ी बेचने और रजिस्ट्रेशन पर है। पहले से खरीदी गाड़ी पर कोई असर नहीं पड़ने वाला।

- डीलर्स नए बीएस 3 व्हीकल्स को नहंीं बेच सकेंगे। जबकि इन वाहनों को पर्सन-टु-पर्सन बेचा जा सकता है। क्योंकि पहले से उसका रजिस्ट्रेशन हो चुका है।

क्या है भारत स्टेज 'बीएस'

- व्हीकल्स में फ्यूल से होने वाले पॉल्यूशन को कंट्रोल करने के लिए एक स्टैंडर्ड तय किया जाता है। इसे इमिशन नॉ‌र्म्स कहते हैं।

- टेक्नोलॉजी में बदलाव और एक्सपेरिमेंट्स के जरिए पॉल्युशन कम करने के तरीके तलाशे जाते हैं। जिससे एमिशन नॉ‌र्म्स बदलते हैं।

- नॉ‌र्म्स के मुताबिक व्हीकल्स बनाते हैं। ताकि एयर पॉल्यूशन कम किया जा सके। नए स्टैंडर्ड के तहत फ्यूल क्वालिटी भी चेंज होती है।

क्यों जरूरी है बीएस 4

- यह कार्बन मोनो ऑक्साइड के उत्सर्जन को 56 प्रतिशत तक कम कर देगा।

- फ्यूल जलने से निकलने वाले हाइड्रोकॉर्बन का असर को 50 परसेंट कम होगा।

- पार्टिकुलेट मैटर का असर भी करीब 80 प्रतिशत तक कम हो जाएगा।

- नाइट्रोजन का खतरनाक प्रभाव भी करीब 47 परसेंट तक कम होगा।

----------------------------

बीएस 3 मॉडल्स के व्हीकल्स परचेज करने वाले समाज में बीमारियों को बढ़ावा देंगे। तात्कालिक लाभ के लिए लोग अपनी, परिवार और समाज की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। यह काफी गंभीर है।

डॉ। अजय मोहन अग्रवाल, फिजिशियन

बीएस 3 व्हीकल्स की खरीद और बिक्री 1 अप्रैल से बैन हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार बिक्री करने वाले डीलर पर सख्त कार्रवाई होगी।

आरआर सोनी, आरटीओ प्रशासन