डिस्ट्रिक्ट हॉॅस्पिटल में खुलेआम चल रही घूसखोरी
जांच के साथ 100 रुपए, बिना मेडिकल जांच 200-300 रुपए में बना रहे सर्टिफिकेट
अव्यवस्थाओं में पिसे सैंकड़ों शिक्षामित्र, घूस के बावजूद देरी पर स्टाफ के साथ हंगामा
<डिस्ट्रिक्ट हॉॅस्पिटल में खुलेआम चल रही घूसखोरी
जांच के साथ क्00 रुपए, बिना मेडिकल जांच ख्00-फ्00 रुपए में बना रहे सर्टिफिकेट
अव्यवस्थाओं में पिसे सैंकड़ों शिक्षामित्र, घूस के बावजूद देरी पर स्टाफ के साथ हंगामा
BAREILLY: BAREILLY: पिछले कुछ दिनों से डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल का परिसर रिश्वत उगाही का ठिकाना बना हुआ है। इसी क्रम में सहायक अध्यापक बनने की चाह में हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में उमड़े सैकड़ों शिक्षामित्रों से जमकर घूस वसूली जा रही है। अवैध कमाई के इस अखाड़े में सीएमओ ऑफिस और सीएमएस एडमिनिस्ट्रेशन के स्टाफ में भी ज्यादा से ज्यादा कमाने की होड़ मची है। अंधेरगर्दी का आलम यह कि सर्टिफिकेट बनवाने की ड्यूटी में लगा स्टाफ खुलेआम बिना डर क्00 से फ्00 रुपए की वसूली कर सर्टिफिकेट जारी कर रहा है। जो घूस नहीं दे रहे उन्हें जांच से लेकर फॉर्म में मुहर लगाने तक की कवायद में ही उलझाकर बाहर कर दिया जा रहा। मोटी कमाई के इस खेल में आला अफसरानों ने भी चुप्पी साध रखी है।
'लीगल' के लिए क्00 रुपए फीस
हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल आ रहे लोगों को क् रुपए का पर्चा बनवाने के बाद मुहर लगवाने को आयुष विंग आना पड़ रहा है। इसके बाद ओपीडी में रूम नं। ख् में आंखों की जांच व रूम नं। क् में जनरल जांच के बाद उन्हें फिर से रिपोर्ट लेकर आयुष विंग में लौटना था। यहां फॉर्म भरने के बाद और सर्टिफिकेट जारी करने से पहले सीट पर बैठे बाबु सुनील गांधी को क्00 रुपए का चढ़ावा चढ़ाना पड़ रहा था। उनके जेब में क्00 का नोट ठूंसते ही आवेदक का लीगल व सही सर्टिफिकेट उनके हाथों में पहुंच रहा था।
बिना जांच के डबल फीस
पर्चा बनवाने से लेकर ओपीडी में जांच और फिर फॉर्म पर मुहर लगाने से लेकर सर्टिफिकेट पाने की कवायद कई घंटों की है। ऐसे में जिन लोगों के पास समय की कमी है या फिर उन्हें इस लंबे रास्ते से होकर सर्टिफिकेट बनवाने से गुरेज रहा उनके लिए भी पूरी सुविधा का इंतजाम था। ऐसे लोगों को जांच की लंबी प्रक्रिया से बचाने के लिए क्00-ख्00 रुपए तक एक्स्ट्रा लिए गए। यह खेल सीधे न होकर दलाल की भूमिका निभा रहे हॉस्पिटल के फोर्थ क्लास कर्मचारियों के जरिए हो रहा है।
दोनों ओर से िरश्वत की मार
डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने के लिए शिक्षामित्रों और कॉलेज काउंसलिंग में जरूरी फिटनेस सर्टिफिकेट बनवाने के लिए स्टूडेंट्स की जबरदस्त भीड़ जुट रही है। सीएमओ ऑफिस में भारी भीड़ जुटने पर
फ्राइडे को सीएमओ ऑफिस की ओर से आयुष विंग में और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में कार्डियोलोजी विभाग की ऊपरी मंजिल में हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने की कवायद शुरू की गई है। दोनों ही जगह लोगों को लूटने की मारा-मारी है। आयुष विंग में जहां सर्टिफिकेट जारी करने को क्00-ख्00 रुपए वसूले जा रहे हैं, वहीं कार्डियोलॉजी विभाग के ऊपरी हॉल में ख्00-फ्00 रुपए तक हर शिक्षामित्र व स्टूडेंट्स से वसूले जा रहे थे।
रिश्वत लेकर काम नहीं तो हंगामा
कॉर्डियोलॉजी विभाग के ऊपरी हॉल में तो रिश्वत के इस खेल में भी बड़ा घालमेल चल रहा था। यहां कई लोगों से एडवांस में ख्00-फ्00 रुपए लिए जाने के बावजूद उन्हें कई घंटे तक सर्टिफिकेट नहीं मिले। इस पर कई शिक्षामित्र घंटों इंतजार के बाद भड़क उठे और वहां मौजूद हॉस्पिटल स्टाफ से भिड़ गए। हॉल के अंदर ही नहीं बाहर गलियारे में भी बड़े आराम से मेज पर बैठकर एक कर्मचारी पैसे लेकर शिक्षामित्रों के बने सर्टिफिकेट उन्हें थमाता रहा। खुले आम अवैध कमाई का धंधा चला रहे इन स्टाफ को न तो किसी अधिकारी की परवाह ही थी और न ही शिकायत किए जाने का डर
सुविधा शुल्क में मिली असुविधा
सर्टिफिकेट बनवाने जुटी भीड़ से भले ही हॉस्पिटल और सीएमओ ऑफिस के जिम्मेदार पैसा वसूल रहे थे, लेकिन उनके लिए थोड़ी सी भी सुविधा नहीं थी। सुबह क्0 बजे से ही सर्टिफिकेट बनवाने के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल
पहुंचे कई लोग मुंहमांगी रिश्वत देने के बावजूद दोपहर फ् बजे तक भटकते रहे। जांच से लेकर फॉर्म जमा कराने और सर्टिफिकेट जारी किए जाने के किसी भी स्टेप में कोई इंतजाम नहीं थे। लाइन न होने से लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे। बैठने के लिए पूरे इंतजाम नहीं थे। शिक्षामित्रों की शिकायत थी उन्हें फॉर्म में मुहर लगाने से लेकर, पैसे जमा कराने और सर्टिफिकेट पाने के लिए यहां से वहां दौड़ाया जा रहा था।
-लाइन नहीं है हर ओर अव्यवस्था है। मुहर लगवाने से लेकर फॉर्म जमा कराने तक बेकार दौड़ा रहे हैं। ख्00 रुपए दो तब जाकर सर्टिफिकेट हाथ में दे रहे हैं।
- संध्या गुप्ता
बहुत बदइंतजामी है। आंखों की जांच में ही तीन घंटे लगवाए। अब बाहर लाइन में लगा दिया। खुलेआम पैसा चल रहा। ख्00-फ्00 रुपए दो तो सर्टिफिकेट बना देंगे
- राजा
कार्डियोलॉजी विभाग के ऊपर तो बिना जांच के ही सर्टिफिकेट दे रहे हैं बस इसके लिए फ्00 रुपए की मांग है। कोई जांच नहीं बस पैसे दो और सर्टिफिकेट लो।
- जयवीर सिंह
सुबह क्क् बजे से लाइन में लगे हैं। कर्मचारी खुलेआम पैसे मांग रहे हैं, कोई व्यवस्था नहीं है। कोई समस्या सुनने वाला भी नहीं। पैसे नहीं दो तो घंटों दौड़ा रहे हैं।
- मीनू शर्मा
सर्टिफिकेट बनवाने वालों से पैसे न लिए जाने के लिए स्टाफ को कड़े निर्देश दिए थे। दोपहर क्ख् बजे आयुष विंग में मैंने दौरा भी किया। पैसे वसूले जाने बात शर्मनाक है। किसी ने कंप्लेन भी नहीं की। इस पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा। सीएमओ ऑफिस में ही अब सर्टिफिकेट बनवाने का काम होगा।
- डॉ। विजय यादव, सीएमओ