- बढ़ती गर्मी के साथ बढ़ रही ब्रांडेड आइसक्रीम की डिमांड

- परडे हो रहा 10 लाख से भी ज्यादा का बिजनेस

BAREILLY: आइसक्रीम खाओगेकश्मीर जाओगेइस लेटेस्ट सांग को बरेलियंस ने कुछ ज्यादा ही सीरियसली ले लिया है। तभी तो आग उगलती बरेली में बर्फ से सराबोर कश्मीर जैसी फीलिंग लाने के लिए लोगों ने बस आइसक्रीम को अपना सहारा बना लिया है। सिटी की हर गली और चौराहे पर लोग तीखे तेवर दिखाती गर्मी को ठंडी-मीठी आइसक्रीम से हरा रहे हैं। इसमें भी खास बात ये है कि हेल्थ कांशस बरेलियंस को लोकल नहीं सिर्फ ब्रांडेड आइसक्रीम ही मिठास ही भा रही है। आइसक्रीम सेलर्स की मानें तो हाइजीन की वजह से शहरवासी लोकल ब्रांड को तरजीह ना देकर ब्रांडेड आइसक्रीम को ही ज्यादा प्रिफर कर रहे हैं। इनके मुताबिक सिटी में लोकल के मुकाबले ब्रांडेड आइसक्रीम की डिमांड करीब 95 फीसदी से भी ज्यादा है। इसी वजह से सिटी के सभी पार्लर ब्रांडेड आइसक्रीम की वैराइटीज से ही गुलजार हैं।

Craze of brand

सिटी में पिछले कुछ सालों से ब्रांडेड आइसक्रीम का क्रेज बढ़ता जा रहा है। पहले गर्मियों में गली मोहल्ले में आने वाले आइसक्रीम के ठेले अब कहीं पीछे छूट गए हैं। लोकल ब्रांड की आइसक्रीम अब कम ही नजर आती हैं। आइसक्रीम पार्लर ओनर्स की मानें तो अब लोग हेल्थ कॉन्शस हो गए हैं। लोकल ब्रांड के इस्तेमाल से होने वाली बीमारियों के चलते लोग इससे परहेज करने लगे हैं। जबकि ब्रांडेड में हाइजिनिक, टेस्ट और कई वैराइटी मिलने से लोग इसे ज्यादा प्रिफर करते हैं। इनमें बैलेंस्ड सैक्रीन में कई फ्लेवर्स मिलाए जाते हैं। साथ ही कम्पनियां ब्रांड वैल्यू बरकरार रखने के लिए क्वालिटी से कोई समझौता नहीं करतीं।

Sundays and bricks की demand

एक जमाने में संतरे और दूधिया आइसक्रीम के दीवाने बरेलियंस को अब इसकी मिठास नहीं भाती है। चॉकलेट फ्लेवर का क्रेज भी अब पहले से कम हो गया है। अब बरेलियंस को न्यू और डिफरेंट फ्लेवर ज्यादा पंसद आ रहे हैं। आइसक्रीम पार्लर ओनर्स ने बताया कि लोग फिलहाल संडेज और फैमिली पैक की डिमांड ज्यादा कर रहे हैं। वहीं आइसक्रीम की डिफरेंट वैराइटी में वेस्टर्न टेस्ट ज्यादा पसंद किया जा रहा है। इसमें सॉफ्ट कोन मिक्स, स्कूप आइसक्रीम, प्रीमियम सॉफ्ट और सॉफ्ट संडेज, आइसक्रीम विद जेली, अमेरिकन सोडा पॉप्स, थिक शेक विद मिल्क का स्वाद लोगो की खूब लुभा रहा है।

Big business of sweetness

तपती गर्मी से राहत पाने को बेताब बरेलियंस की फ‌र्स्ट च्वॉइस आइसक्रीम ही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बाकी दिनों में जहां शहर भर में केवल 40 से 50 आइसक्रीम के ठेले नजर आते हैं, वहीं गर्मी में इनकी संख्या 300 से भी ज्यादा हो जाती है। वहीं जब डिमांड हाई है तो मुनाफा कम कैसे रह सकता है। आइसक्रीम का ठेला लगाने वाले हरिराम ने बताया कि दिन भर में यह ढाई से तीन हजार रुपए तक की आइसक्रीम बिक जाती है.इस लिहाज से आइसक्रीम पार्लर, रेस्टोरेंट्स व अन्य को मिलाकर देखें तो सिटी में आइसक्रीम का परडे कारोबार 10 लाख रुपए से भी ज्यादा का होता है।

flavours से महकती शाम

शाम ढलने के साथ ही सिटी के मेन चौराहों का माहौल एकदम बदला सा नजर आने लगता है। दिन भर की गर्मी का मुकाबला आइसक्रीम के साथ छिड़ जाता है। सिटी के सिविल लाइंस, बटलर प्लाजा, काली बाड़ी, डीडीपुरम, राजेंद्रनगर, स्टेशन रोड, सुरेश शर्मा नगर, सुभाषनगर, कैंट सहित अन्य एरिया के चौराहे आइसक्रीम पार्लर में तब्दील हो जाते हैं। यहां शॉपिंग करने आई लेडीज के अलावा ऑफिस वर्कर्स और स्टूडेंट्स भी आइसक्रीम के डिफरेंट फ्लेवर्स का लुत्फ उठाते खूब नजर आते हैं।

गर्मियों के सीजन में आइसक्रीम की खपत आम दिनों के मुकाबले करीब 9भ् परसेंट अधिक हो जाती है। प्रेजेंट में लोग संडेज और फैमिली पैक ब्रिक्स की डिमांड ज्यादा करते हैं।

शशिकांत मोदी, आइसक्रीम पार्लर ओनर

अब शहरवासी हेल्थ कॉन्शस हो गए हैं। क्वालिटी से कोई भी समझौता नहीं करना चाहते, इसलिए मंहगे होने के बावजूद ब्रांडेड आइसक्रीम की डिमांड हर दिन बढ़ती जा रही है।

धीरज जौहरी, रेस्टोरेंट मैनेजर

ब्रांडेड आइसक्रीम की मांग है, इसलिए गाड़ी में यही माल भरते हैं। हर दिन करीब ढाई से तीन हजार रुपए तक का माल बिक जाता है। इस मौसम में करीब फ्00 से भी ज्यादा आइसक्रीम की गाडि़यां चलती हैं।

महेंद्र, फुटकर विक्रेता