- परिषदीय विद्यालयों में नए कलेवर के साथ पहुंची किताबें
- किताबों को रोचक बनाने के लिए नामों में किया गया बदलाव
बरेली : परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाई जाने वाली किताबें इस बार नए कलेवर के साथ पहुंची हैं। पुस्तकों की ओर छात्रों के रुझान को बढ़ाने के लिए पुस्तकों के नामों में बदलाव किया गया है। इसके साथ ही बेसिक शिक्षा विभाग ने पाठ्य सामग्री में कुछ बदलाव किया है। इस बार बच्चों को मुगलकालीन इतिहास के बजाय भगवान श्रीराम, गौतम बुद्ध और गुरुनानक देव की जीवनी को प्राथमिकता से पढ़ाया जाएगा।
किताबों को दिया आकर्षक रूप
परिषदीय स्कूलों में इसी शैक्षिक सत्र से ¨हदी और अंग्रेजी दोनों माध्यमों की किताबों को आकर्षित रूप देने के लिए सरकार ने किताबों के कवर को रंग-बिरंगे रूप में तैयार कराया है। साथ ही अन्य बोर्ड के समकक्ष बनाने के लिए विषयों के नामों में भी परिवर्तन किया है। प्रदेश सरकार ने कक्षा तीन, चार और पांच में सामाजिक विज्ञान को हटाकर पर्यावरण विज्ञान यानी ईवीएस का विषय जोड़ा है। इसमें छात्र-छात्राओं को आम-आदमी के दैनिक जीवन, पर्यावरण, भूकंप, प्रदेश की भौगोलिक संरचना, राजनैतिक परि²श्य की जानकारी दी जाएगी। शिक्षकों का मानना है कि शुरुआत में ईवीएस पढ़ने मेच् बच्चों को व्यावहारिक ज्ञान को जानने में आसानी रहती है। वहीं पूर्व सरकार में पहले कक्षा छह से छात्रों को मुगल कालीन सभ्यता, बाबर, हुमायूं, अकबर, जहांगीर, शाहजहां के गौरव का इतिहास पढ़ाया जाता था। वहीं अच् बच्चों को मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम, गौतम बुद्ध और गुरु नानक देव की जीवनी पढ़ाई जाएगी। कक्षा सात मेच् बच्चों को देश की आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले सरदार भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस और वैदिक काल को प्राथमिकता दी जाएगी।
कक्षा - पुराना नाम - नया नाम
दो - कलरव - किसलय
तीन - कलरव- पंखुडी
तीन - गिनतार- अंकों का जादू
चार - कलरव - फुलवारी
चार - गिनतारा - अंक जगत
चार - हमारा परिवेश- पर्यावरण
चार - संस्कृत पीयूषम- संस्कृत सुधा
पांच -कलरव- वाटिका
पांच - गिनतार- गणित ज्ञान
पांच - हमारा परिवर्तन - प्रकृति
छह - मंजरी- अक्षरा
सात - मंजरी- दीक्षा
सात - गृह शिल्प - गृह कौशल
सात - आओ समझें विज्ञान- विज्ञान भारती
सात - गणित - गणित प्रकाश
आठ - मंजरी - प्रज्ञा
आठ - महान व्यक्तित्व- हमारे आदर्श
आठ - रेनबो - इंग्लिश रीडर थर्ड
आठ - गणित- गणित मंथन
बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से इस बार प्राथमिक कक्षाओं के लिए जो किताबें आई हैं, उनमें मुगल शासकों का जिक्र नहीं है, वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के छात्रों को संक्षिप्त रूप में मुगलों के बारे में जानकारी दी जाएगी। विनय कुमार, बीएसए