पूजा और वसीम का प्यार। दोनों के बीच में लड़की का बाहुवली बाप आया और पूूजा की शादी प्रधान के बेटे रंजीत से हो गई। वसीम उसी गांव के मंदिर का पुजारी बन गया। अब शुरू हुआ दोनों के बीच नफरत का सिलसिला। इन दोनों को मिलाने का काम मंदिर की पुरानी पंडिताइन देवी ने किया। और अंत वही पुराना, दोनों मिल गए और खत्म कहानी वाला। इस सबके बीच दर्शकों को जो मिला वह कुछ खास था। मां की ममता की जीत, प्यार का स्थान धर्म और जाति के बंधनों से ज्यादा बड़ा होना। देवी के डायलाग मां कभी हार नहीं सकती ने तालियां भी बटोरीं। पूजा का आत्मविश्वास नाटक को वर्तमान समय की लड़की को परिलक्षित करता है।

नाटक :   बोलती दीवारें
लेखक :   इरशाद कामिल
निर्देशक :  समीप सिंह
कलाकार :   अविनाश तोमर, पूजा गुप्ता, शोभा शर्मा, अतुल जस्सी


Today's Show

नाटक : हमारा शहर उस बरस
समय : दोपहर साढ़े तीन बजे
स्थान :  इन्वर्टिस ऑडिटोरियम
पात्र : अनामिका, मनीष कुमार, अजीत सिंह, अनूप त्रिवेदी
नाटक : पत्नी का पत्र
समय : शाम साढ़े सात बजे
स्थान :  आईएमए सभागार
पात्र : सविता कुन्द्रा, रंधीर कपूर, शांतनु बोस

विदेशी कलाकरों का हिंदुस्तानी दिल
शहर में चल रहे इंटरनेशनल थिएटर फेस्ट के लिए विदेशी कलाकारों आना शुरू हो गया है। इस क्रम में इसमें परफॉर्म करने के लिए पाकिस्तान और ईरान के कलाकार पहुंच गए हैं। संडे क ो थिएटर फेस्ट के मंच पर बरेलियंस को विदेशी कलाकारों के जलवे देखने को मिलेगा। मंच पर जिन संस्कृतियों का संगम देखने को मिलेगा वे हैं पाकिस्तानी और ईरानी।
 
भारतीय कला से प्रभावित
फ्राइडे को बरेली पहुंचे पाकिस्तानी कलाकार जहां प्यार बांटने और चाहत का संदेश देने आए हैं। वहीं ईरानी कलाकार भारतीय कला से प्रभावित होकर यहां आए हैं। ईरान से आए अताश-ए-पजार्ड थिएटर के कलाकार यहां प्यार और धोखे की कहानी पर आधारित एक प्ले लेकर आए हैं। प्ले की डायरेक्टर मनेली हुसैनपुर कहती हैं वह बचपन से ही भारतीय सिनेमा के प्र्रति क्रेजी हैं। उनकी दिली तमन्ना थी कि वह भारत में परफार्म करें। कहती हैं उन्हें काजोल-शाहरूख की फिल्में बहुत पसंद हैं। डीडीएलजी, कुछ-कुछ होता है, कभी खुशी, कभी गम और बाजीगर बहुत बार देखी हैं। उनकी इच्छा है वह एसआरके के साथ काम करें। प्ले की एक्टर नुशीन को आमिर खान से खास लगाव है वे उनकी दिल और फना फिल्में पसंद करती हैं। ईरानी कलाकारों ने बरेली के मार्केट में जमकर खरीददारी भी की। उन्हें यहां की साडिय़ां बहुत अच्छी लगीं।

प्यार बांटने आए पाक कलाकार
पाकिस्तानी कलाकार मियां मोहम्मद कासिम ने बताया वह 18 लोगों की टीम के साथ यहां आए हैं। ये कव्वाली और सिंगिंग की प्रस्तुतियां देंगे। जमान रहत अली और सूफी गायिका बुशरा मलंगणी ने बातचीत के दौरान प्रस्तुति भी दी। जमान की अल्लाहू अल्लाहू सुनना सुखद अनुभव था।