(बरेली ब्यूरो)। चुनाव में व्यस्त रहे स्कूलों के शिक्षक जिससे शिक्षा व्यवस्था पर प्रभाव पढ़ा है। वहीं कोविड काल में स्कूल बंद होने की वजह से भी स्टूडेेंट्स का सिलेबस पूरा नहीं हो पाया है। जिसे देखते हुए कुछ स्कूलों में शत प्रतिशत पाठ्यक्रम भी पूरा नहीं हो सका। इस बीच अब मार्च के अंत में या अप्रैल की शुरुआत में बोर्ड परीक्षा की घोषणा से छात्रों में तनाव का माहौल है। पाठ्यक्रम पूरा न होने की वजह से विद्यार्थियों को यूट््यूब पर विशेष कक्षाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। छात्रों को किसी तरह की परेशानी न हो इसके लिए जिला स्तर पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में हेल्प डेस्क बनाई गई है।
कोविड के चलते नहीं हुई थीं परीक्षाएं
कोरोना संक्रमण की वजह से पिछले वर्ष बोर्ड परीक्षाएं नहीं हो सकी थीं। इस बार विधानसभा चुनाव की वजह से बोर्ड परीक्षाओं में देरी हुई। संक्रमण की दूसरी और तीसरी लहर के चलते लंबे समय स्कूल बंद रहने की वजह से कुछ स्कूलों में विज्ञान, गणित और अंग्रेजी जैसे विषयों का पाठ्यक्रम पूरा नहीं हो सका है। छात्राओं को किसी तरह की दिक्कत न हो इसके लिए जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में विषयवार शिक्षकों की ड्यूटी हेल्प डेस्क में लगाई गई हैं। इसमें विभिन्न विषयों के 36 शिक्षक हैं। छात्र-छात्राएं परीक्षा से संबंधित दिक्कतों के समाधान के साथ ही जिस विषय में उन्हें परेशानी आ रही है वे संबंधित शिक्षक को फोन पर काल कर अपनी दिक्कतों का निदान कर सकता है।
वर्जन
शिक्षकों ने कितनी काल का जवाब दिया, कितने छात्रों की समस्याओं का हल किया आदि जानकारी की रिपोर्ट तैयार कर रोज कार्यालय में जमा कराना है।
डॉ। मुकेश कुमार ङ्क्षसह, डीआईओएस