-बरेली में करोड़ रुपए के पार पहुंचा नकल का कारोबार
-बोर्ड के कुल स्टूडेंट्स में से करीब दस परसेंट झांसे में
BAREILLY: वैसे तो यूपी बोर्ड एग्जाम्स को लेकर हाई कोर्ट के सख्त निर्देश हैं, जिले में परीक्षा के दौरान नकल हुई तो डीएम पर ठीकरा फूटेगा। नकल रोकने के लिए एडमिनिस्ट्रेशन अपनी तैयारी के पुख्ता होने का दावा भी करता रहा है। लेकिन नकल के ठेकेदार पूरी तरह से कमर कस कर रेडी हैं, हो भी क्यों ना इनके करोड़ रुपये से अधिक दांव पर जो लगे हैं। नकल के इस नेटवर्क का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि डिस्ट्रिक्ट के कई स्कूल्स ऐसे हैं जिन्होंने स्टूडेंट्स को पास कराने की गारंटी देकर जमकर वसूली की ली है। ठेका ऐसे स्टूडेंट्स का लिया गया है जो दूसरे स्कूलों में भी रजिस्टर्ड हैं।
नकल के खेल की बिसात तैयार
यूपी बोर्ड एग्जाम्स नजदीक आते ही शिक्षा माफिया ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। नकल का ठेका तो पहले से तय है अब सेटिंग को लेकर एजूकेशन ऑफिस में गोटियां बिछाई जा रही हैं। दरअसल, नकल के ठेकेदारों ने खेल की बिसात पहले ही तैयार कर ली थी। इनकी मॉडसऑपरेंडी भी एकदम साफ है। ये ऐसे बच्चों की तलाश में रहते हैं जो शॉर्टकट से एग्जाम्स में पास होना चाहते हैं। दूरदराज के ऐसे बच्चों को ये थोक में एडमिशन दिलाते हैं। कुछ तो स्कूलों के रजिस्टर्ड होते हैं बाकी दूसरे स्कूलों और कोचिंग सेंटर्स के भी लेते हैं। असल में दूसरों स्कूलों के ऐसे बच्चे होते हैं जो 9 और क्क् क्लास किसी और स्कूल से करते हैं और बोर्ड एग्जाम दूसरे स्कूल में एडमिशन लेकर देते हैं।
पच्चीस परसेंट टोकन मनी
स्टूडेंट्स को नकल के सौदागार पास कराने के कई फंडे बताकर प्रलोभन देते हैं। इनके हाथों ठगे जा चुके स्टूडेंट्स ने बताया कि स्कूल मैनेजमेंट ने पास कराने के नाम पर हर एक से म्,000 रुपए की डिमांड की। शुरू में एडमिशन के वक्त ख्भ् परसेंट रकम जमा करा ली। इसके बाद घर पर आराम से रहने का भरोसा दिया। अटेंडेंस कॉलेज लगा देगा, जब बोर्ड फॉर्म लेने की बारी आई तो ऐसे स्टूडेंट्स से फिर संपर्क साधा गया और बाकी रकम वसूली गई।
एक कॉलेज के इंकार से खुली पोल
नकल के ठेके की पोल गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज, आंवला के मैनेजर ने बाहरी स्टूडेंट्स के बोर्ड फॉर्म लेने से मना करने पर खुली। दरअसल, बोर्ड पॉलिसी के अनुसार, स्कूल अपने यहां रजिस्टर्ड बच्चों के अलावा क्0 ऐसे बाहरी बच्चों को हाईस्कूल और इंटर में एडमिशन दे सकते हैं, जिसने क्लास 9 और क्क् दूसरे स्कूल से पास किया हो। इस पॉलिसी की धज्जियां उड़ाते हुए 7 स्कूलों ने फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट के बाद अचानक डीआईओएस ऑफिस से फॉर्म मांगा। विभाग की मानें तो इन्होंने ऐन मौके पर स्टूडेंट्स का जुगाड़ कर लिया। जिनका एडमिशन हाल के तीन-चार महीने पहले हुआ है। विभाग ने ऐसे स्कूलों को फॉर्म देने से मना कर दिया, जिसके बाद ये कोर्ट की शरण में जा पहुंचे। कोर्ट ने भी छात्रहित में सभी के फॉर्म भराए जाने का आदेश तो दिया, लेकिन जांच के बाद ही रिजल्ट डिक्लेयर करने को कहा। ऐसे में गौतम बुद्ध कॉलेज को छोड़ बाकी सभी कॉलेजेज अपने स्टूडेंट्स का बोर्ड फॉर्म ले गए।
पैसे तो गए ही और साल भी बर्बाद
गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज के इंकार पर करीब ख्ब्क् बच्चे ठगा महसूस कर रहे हैं। इस कॉलेज के स्टूडेंट्स ने बताया कि हाल ही में कॉलेज ने पास कराने के नाम पर उन्हें एडमिशन दिया। इनमें से ख्0 बच्चे हाईस्कूल के हैं बाकी इंटर के। पहले तो क्,भ्00 रुपए जमा कराए, फिर फॉर्म के नाम पर ब्,000 से भ्,000 रुपए की डिमांड की। स्टूडेंट्स का आरोप है कि कॉलेज ने रकम के बदले कोई स्लिप तक मुहैया नहीं कराई। अब कॉलेज के इंकार के बाद साल बर्बाद होने के साथ हजारों रुपये से जा रहे हैं। ऐसे स्टूडेंट्स रीजनल बोर्ड ऑफिस के कैंपस में फॉर्म भराने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
प्रैक्टिकल का पंगा भी नहीं
स्टूडेंट्स ने बताया कि हर स्ट्रीम के स्टूडेंट्स से कॉलेजेज ने पास कराने के नाम पर एडमिशन देकर रुपए वसूले। साइंस स्ट्रीम में स्टूडेंट्स की प्रैक्टिकल कॉपी भी तैयार करा ली। स्टूडेंट्स का आरोप है कि उन्होंने पहले से लिखी कॉपी दी और उसे दूसरी कॉपी पर नकल कराकर जमा करवा लिया। उन्होंने बताया कि कुछ स्टूडेंट्स से इसके लिए भी एक्स्ट्रा रुपए लिए।
कोचिंग इंस्टीट्यूट से साठगांठ
यह भी खुलासा हुआ कि दूरदराज के प्राइवेट कॉलेजेज के अलावा बड़े पैमाने पर कोचिंग इंस्टीट्यूट्स की भी मिलीभगत है। कोचिंग स्टूडेंट्स अपने यहां बच्चों को पास कराने की गारंटी के नाम पर एडमिशन देते हैं। इसके बदले उनसे दोगुनी रकम वसूली जाती है। इसकी आधी रकम देकर ऐसे कॉलेजेज से स्टूडेंट्स का बोर्ड फॉर्म भरवा लेते हैं। ऐसे स्टूडेंट्स कॉलेज का चेहरा तक नहीं देखते। एडमिट कार्ड से लेकर सारे डॉक्यूमेंट्स उन्हें कोचिंग इंस्टीट्यूट से ही मुहैया कराया जाता है।
ये कॉलेजेज हैं घेरे में
एग्जाम फॉर्म जमा करने की लास्ट डेट के बाद कोर्ट का आदेश लेकर फॉर्म लेने आए ऐसे कॉलेजेज अब आरोपों के घेरे में हैं। कोर्ट के निर्देर्शो के अनुसार उन पर जांच कमेटी भी बिठाई गई है। गौतम बुद्ध इंटर कॉलेज, आंवला के अलावा, शास्त्री उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बिठौरा, ठाकुर रोशन सिंह इंटर कॉलेज, चठियां, जेबीएस इंटर कॉलेज, मेहलौऊ, चांद अल्पसंख्यक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, तिलियापुर, रामवति देवति इंटर कॉलेज, रुदौली कलां फरीदपुर और जीएसएम इंटर कॉलेज में कोर्ट के आदेश के बाद फॉर्म भराए गए हैं।
पांच से दस परसेंट स्टूडेंट्स पर दांव
नकल के ठेकेदार इस खेल से लाखों का वारा-न्यारा कर रहे हैं। हर स्टूडेंट से कम से कम म्,000 रुपए तो वसूले ही गए हैं। 7 स्कूल तो कोर्ट के निर्देश के बाद जांच के घेरे में आ ही गए हैं। बच्चों के आरोपों पर गौर किया जाए तो करीब क्,000 बच्चों से नकल के ठेकेदार म् लाख रुपए वसूल ही चुके हैं। वहीं सोर्सेज की मानें तो दूर-दराज के प्राइवेट व वित्तविहीन स्कूल्स में रजिस्टर्ड और बाहरी स्टूडेंट्स की ऐसी बड़ी खेप है जो शिक्षा माफिया ने ठेके पर उठाए हैं। इस बार यूपी बोर्ड में जिले से क्,07,000 स्टूडेंट्स अपीयर होंगे। सोर्सेज की मानें तो कम से कम भ् से क्0 परसेंट स्टूडेंट्स ऐसे माध्यम से आते हैं। इस बात को सही मानें तो शिक्षा माफिया का खेल करोड़ रुपए के पार जा पहुंचा है।
फ् से ब् महीने पहले ही मुझे एडमिशन दिया। पास करने की गारंटी के नाम पर म्,000 रुपए मांगे गए। क्,भ्00 रुपए एडमिशन के वक्त लिए और बाकी रकम फॉर्म के साथ मांगे। एडमिशन के बाद कहा जाओ, अटेंडेंस अपने आप लग जाएगा।
- मुकेश कुमार, स्टूडेंट
कुछ महीने पहले ही मुझे पास कराने के नाम पर स्कूल में एडमिशन दिया गया। पहले क्,भ्00 रुपए लिए और बाद में भ्,000 रुपए और मांगने लगे। मेरा पीसीएम ग्रुप है। प्रैक्टिकल कॉपी भी लिखवाली। अब फॉर्म भराए नहीं और हमको बाहर कर दिया।
- सर्वेश कुमार, स्टूडेंट
मैने अपने भाई मेहर सिंह का कॉलेज में एडमिशन कराया। मुझसे म्,000 रुपए डिमांड की गई। ब्,000 रुपए उसी वक्त जमा करा लिए गए। बाकी के बाद में मांगे। अब फॉर्म नहीं भरा रहे हैं और अपना स्टूडेंट से मानने से भी इंकार कर रहे हैं।
- तेजपाल, स्टूडेंट
कोर्ट के आदेश के बाद अभी हाल में जिन कॉलेजेज को बोर्ड फॉर्म दिए गए हैं उनकी जांच कराई जा रही है। जीआईसी के प्रिंसिपल जांच अधिकारी हैं। कोर्ट के अनुसार जांच रिपोर्ट आने तक इनका रिजल्ट रुका रहेगा। ये वो कॉलेज हैं जो अचानक लास्ट डेट के बाद बोर्ड फॉर्म मांगने आ गए।
- केपी सिंह, डीआईओएस