एस्टीमेटेड टारगेट 90 हजार का और मिले महज 40 रुपए

जिम्मेदार अधिकारी इस डायरेक्शन में रेवेन्यू जेनरेट करने के लिए प्रयास तो कर रहे हैं मगर ये सिर्फ फाइलों तक सीमित हैं। हर साल बजट में शहर के पेट्स के रजिस्ट्रेशन की मद में एस्टीमेटेड टारगेट 80 हजार  से 90 हजार रुपए निर्धारित किया जाता है। मगर फाइनेंशियल ईयर एंड होने तक सिर्फ 30 से 40 रुपए का रेवेन्यू जेनरेट शो किया जाता है। इसे बोर्ड की बैठक में इनक्रीज करने के डायरेक्शन भी दिए जाते हैं पर होता कुछ नहीं है।

रजिस्ट्रेशन न होने पर कार्रवाई

शहर के पेट्स के ओनर अगर अपने पेट्स का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो नगर निगम ऐसे ओनर का चालान काट सकता है। चालान काटकर निगम 500 रुपए का जुर्माना लेता है। ऐसे ओनर के खिलाफ नोटिस जारी की जाती है। अगर तीन नोटिस के बाद ओनर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी नहीं करता है, तो नगर निगम जुर्माना बढ़ाने की कवायद करता है। पेट्स को फॉरफीट कर लिया जाता है।

आज तक नहीं चला अभियान

इतने वर्षों में एक बार भी इस डायरेक्शन में अभियान नहीं चलाया गया। अनुमान के मुताबिक, शहर में 800 से ज्यादा पेट्स हैं। अगर इन पेट्स का रजिस्ट्रेशन हो तो सालाना नगर निगम को 90 हजार रुपए की स्ट्रेट इनकम हो सकती है।

क्या है नियम

नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 172 की उपधारा 1 में ये प्रबंध किया गया है कि नगर निगम परिसीमन में आने वाले सभी पेट्स का रजिस्ट्रेशन उनके स्वास्थ्य विभाग में होना चाहिए। इसके लिए बाकायदा 10 रुपए की रजिस्ट्रेशन फीस का प्रावधान हैं। पेट्स के ओनर को नगर निगम स्वास्थ्य विभाग से एक फॉर्म भरना होता है। ये फ्री ऑफ कॉस्ट प्रोवाइड किया जाता है। फॉर्म में पेट्स से रिलेटेड सारी इंफॉर्मेशन फिल की जाती है। रजिस्ट्रेशन का चार्ज सालाना होता है, जिसका हर साल रिन्यूवल करवाना होता है।

मैं अभी 10 जनवरी को ट्रांसफर हो कर आया हूं। ये मामला मेरे संज्ञान में नहीं था। अगर ऐसा है तो पेट्स के रजिस्ट्रेशन के लिए सघन अभियान चलाया जाएगा। जो ओनर अपने पेट का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।  

-डॉ। आरएन गीरी, नगर स्वास्थ्य अधिकारी

शहर के डेवलपमेंट के लिए सभी रेजिडेंट्स को सहयोग देना चाहिए। वह रेजिडेंट जिन्होंने अपने पेट का रजिस्ट्रेशन नहीं करवाया है, उन्हें रजिस्ट्रेशन सही समय से करवा लेना चहिए। अगर ऐसा नहीं होता है, तो हम एरियावाइज कार्रवाई करेंगे।

-उमेश प्रताप सिंह, नगर आयुक्त

Report by: Abhishek Mishra