शहर के कई निजी हॉस्पिटल्स में बायो मेडिकल कचरे का डिस्पोजल नहीं

गंभीर बीमारियों को दावत दे रहा खुले में पड़ा बायो मेडिकल कचरा

शहर में निगम सीमा के 104 हॉस्पिटल्स को भेजी गई थी नोटिस

BAREILLY:

एनवॉयरमेंट के लिए लाइलाज खतरा बन चुके प्लास्टिक के अलावा हॉस्पिटल्स से निकलने वाला बायो मेडिकल कचरा भी शहर की फिजा में जहर घोल रहा है। शहर के ज्यादातर निजी हॉस्पिटल्स ने बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल के लिए इंतजाम अपनाए हैं। बावजूद इसके कई हॉस्पिटल्स क उदासीनता व लापरवाही के चलते बायो मेडिकल कचरा खुले में ही डिस्पोज किया जा रहा है। खुले में पड़ा यह बायो मेडिकल कचरा एनवॉयरमेंट को ही नहीं इंसानी जिंदगी को भी बीमार कर रहा है।

आधे हॉस्पिटल्स निभा रहे जिम्मेदारी

शहर में करीब फ्00 से ज्यादा निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम्स हैं। एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक इनमें से आधे हॉस्पिटल्स ने ही बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल के लिए प्राइवेट एजेंसी हायर की है। एजेंसी की गाडि़यां सुबह ही हॉस्पिटल्स पहुंचकर येलो, ग्रीन व रेड डस्टबिन में बायो मेडिकल कचरा उठाकर इसे आइसोलेट कर डिस्पोज करने को डिस्पोजल सेंटर ले जाती हैं। एजेंसी की ओर से हर हॉस्पिटल से बायो मेडिकल कचरा उठाने का चार्ज प्रति बेड के हिसाब से वसूला जाता है। हॉस्पिटल्स के बेड के हिसाब से इसमें फ् से फ्भ् हजार रुपए तक का खर्च आता है। इसी खर्च को बचाने के लिए कई हॉस्पिटल्स खुली सड़क, नाले या खाली जमीन पर इसे डंप कर देते हैं।

निजी हॉस्पिटल्स पर सख्ती शुरू

शहर में बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल पर निजी हॉस्पिटल्स की लापरवाही का नजारा खुद नगर आयुक्त ने सड़क पर देखा था। इसके बाद नगर निगम के स्वास्थ्य विभाग ने निजी हॉस्पिटल्स व नर्सिग होम की नकेल कसने की कवायद शुरू की। विभाग ने निगम सीमा के अंदर आने वाले क्0ब् निजी हॉस्पिटल्स को बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल पर नोटिस भेजी। वहीं मेयर के निर्देश के बाद नगर स्वास्थ्य अधिकारी ने औचक इंस्पेक्शन का शेड्यूल बनाया। जिसमें निजी हॉस्पिटल्स में बायो मेडिकल कचरे के जरूरी इंतजाम न मिलने पर भ्000 रुपए का चालान काट कर कार्रवाई होनी है।

बिना एनओसी के क्ख्8 हॉस्पिटल्स

शहर के करीब क्ख्8 निजी हॉस्पिटल्स बिना पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड, पीसीबी से एनओसी लिए मरीजों को इलाज दे रहे हैं। फरवरी ख्0क्भ् में सीएमओ ने इन क्ख्8 निजी हॉस्पिटल्स के साथ बैठक कर एनओसी न होने पर लताड़ा था। इस पर ज्यादातर हॉस्पिटल्स ने अपने यहां बायो मेडिकल वेस्ट के प्रॉपर डिस्पोजल के लिए जल्द ही एजेंसी हायर करने की दलील दी थी। इस पर सीएमओ ने इन सभी हॉस्पिटल्स को चेतावनी दी थी कि पीसीबी जल्द एनओसी ले, ऐसा न होने पर सीएमओ ऑफिस से ऐसे हॉस्पिटल्स के रजिस्ट्रेशन को कैंसिल कर दिया जाएगा।

गंभीर इंफेक्श्ान की वजह

मेडिकल एक्सप‌र्ट्स के मुताबिक खुले में पड़ा बायो मेडिकल कचरा हर तरह की गंभीर बीमारी की वजह है। बायो मेडिकल कचरे में यूज्ड सीरिंज, मरीज के घाव पर लगी पट्टियां- बैंडेज, दवाओं की शीशियां, इस्तेमाल में लाई गई रूई, दस्ताने, दवाओं के बोतल और सर्जिकल इक्विपमेंट्स शामिल रहते हैं। जो खतरनाक वायरस व बैक्टिीरिया से इंफेक्टेड रहते हैं। खुले में फेंका गया यह कचरा हैजा, निमोनिया से लेकर स्वाइन-बर्ड फ्लू और एचआईवी जैसी जानलेवा बीमारी फैलने की वजह बनता है। इसीलिए इसका सही तरीके से डिस्पोजल होना जरूरी होता है। जिससे वायरस व बैक्टीरिया हेल्दी लोगों को अपनी चपेट में न ले सकें।

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शहर के कई निजी हॉस्पिटल्स में बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल का इंतजाम न होने की कंप्लेन मिली है। जिसके बाद क्00 से ज्यादा निजी हॉस्पिटल्स को नोटिस भेजकर उनसे बायो मेडिकल कचरे के डिस्पोजल के बारे में ब्यौरा मांगा गया है। इंस्पेक्शन में जिस हॉस्पिटल्स में इंतजाम नहीं मिले, उन पर चालान के साथ ही कार्रवाई होगी। - डॉ। एसपीएस सिंधु, नगर स्वास्थ्य अधिकारी