खाने के तेल में मौत का खेल
शहर में तेल का जानलेवा खेल चालाकी के साथ खेला जा रहा है। बिसारतगंज में मिलावटी तेल की एक फैक्ट्री को पुलिस ने छापा मारकर पकड़ा। तेल भी थोड़ा नहीं बल्कि पूरे 50 हजार लीटर। इस बीच शॉकिंग फैक्ट ये है कि इस तेल को ब्रांडेड पैकिंग में बेचा जा रहा है, ताकि कस्टमर आसानी से धोखा खा सके। पुलिस को मौके से कई कंपनियों का पैकिंग सामान भी मिला है। सुभाष नगर पुलिस ने मौके से तीन लोगों को गिरफ्तार किया है जबकि फैक्ट्री का मालिक भागने में कामयाब रहा।
चार साल से चल रही थी फैक्ट्री
फैक्ट्री पिछले चार सालों से चल रही थी। पुलिस को फैक्ट्री से सैकड़ों ब्रांडेड कंपनियों के ऑयल टीन, ड्रम व केन बरामद हुए हैं। तेल में मिलाने के लिए मोम, सीमेंट, वस्र्ट क्वालिटी का रिफाइंड ऑयल, कलर, साबुन, सर्फ, मैदा, सौंफ व मिलावट का अन्य सामान भी मिला है। फैक्ट्री में बड़ी-बड़ी कड़ाइयों में ये सब मिलाकर तेल बनाया जा रहा था। पुलिस ने लगभग 50 हजार लीटर मिलावटी तेल के साथ मौके से दो लोगों को अरेस्ट किया है। इसके अलावा एक ड्राइवर को भी हिरासत में लिया गया है। इस बीच फैक्ट्री का मालिक भागने में कामयाब हो गया। पुलिस को आशंका है कि मिलावट के इस खेल में शहर की कई बड़े उद्योगपति भी शामिल हो सकते हैं।
भाग गया मालिक
एसएसपी सत्येंद्र वीर सिंह ने बताया कि सुभाष नगर पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि बिसारतगंज के वार्ड नंबर 8 में मिलावटी सरसों का तेल बनाने की फैक्ट्री चल रही है। तेल बरेली की मार्केट में सप्लाई किया जाता है। सूचना के आधार पर सीओ सिटी सेकेंड अखिलेश भदौरिया व एसओ रंजीत यादव के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने फैक्ट्री में छापा मारकर मौके से चंद्रभान और रिजवान अली को पकड़ा लेकिन फैक्ट्री का मालिक कृपाशंकर भागने में कामयाब हो गया। रिजवान अली गोगे गांव मीरगंज का रहने वाला है। उसका काम इस मिलावटी तेल को मार्केट में सप्लाई करने का था। पुलिस ने पिकअप के ड्राइवर धर्मेंद्र को अरेस्ट किया है। पुलिस ने फैक्ट्री से करीब सात हजार लीटर तेल बरामद किया है। वहीं रिजवान की निशानदेही पर माधोबाड़ी से मिलावटी तेल का टैंकर भी बरामद हुआ है। पुलिस को धोखा देने के लिए टैंकर के टायर पंचर कर दिए गए थे। रिजवान ने बताया कि टैंकर कपिल मल्होत्रा का है। वह तेल के ट्रांसपोर्टेशन का काम करता है।
ऐसे बनाते थे मिलावटी तेल
पुलिस पूछताछ में दोनों ने बताया कि सरसों का तेल बनाने के लिए सबसे पहले वस्र्ट क्वालिटी के रिफाइंड ऑयल में मोम, सौंफ व कलर मिलाया जाता है। तेल असली लगे इसके लिए उसमें सीमेंट भी मिलाया जाता था। सीमेंट से तेल में सरसों की गाद होने का धोखा हो जाता है। ये तेल ब्रांडेड कंपनियों के टीन में पैक कर मार्केट में बेच दिया जाता था। शहर के कई बड़े व्यापारियों के पास इस तेल की बिक्री की जाती है। व्यापारियों से ये तेल रिटेल शॉप और फिर उपभोक्ताओं के पास पहुंच जाता है। कंज्यूमर्स ब्रांडेड तेल के नाम पर आसानी से तेल को खरीद लेता है।
भेजे गए तीन sample
मिलावटी तेल की जांच के लिए फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट की टीम सुभाष नगर थाने पहुंची। टीम ने तीन सैंपल लिए हैं। इनमें से दो सरसों के तेल तथा एक रिफाइंड का सैंपल भरा गया है। फूड एंड सप्लाई डिपार्टमेंट के ऑफिसर सुनील कुमार ने बताया कि सैंपल को टेस्ट के लिए लैब भेजा जाएगा। एक महीने में रिपोर्ट आ जाएगी। रिपोर्ट में साफ हो जाएगा कि तेल में क्या मिलाया जा रहा था। आशंका है कि तेल में बटर यलो कलर मिलाया गया होगा। ये कलर सेहत के लिए काफी हानिकारक होता है।
It’s very harmful
यूं तो मिलावटी तेल के सबसे बड़े खतरे ड्रॉप्सी के बारे में हम सभी जानते हैं लेकिन तेल में जो अन्य सामान मिलाया जा रहा है वह भी बहुत खतरनाक है। इन चीजों का शरीर के विभिन्न अंगों पर क्या बुरा असर पड़ता है, बता रही है डायटिशियन मुक्ता वोहरा-
Cement
* सीमेंट प्रोसेस्ड मिट्टी का एक रूप है।
* प्रोसेस्ड मिट्टी अगर स्थूल के साथ बॉडी से न निकले तो स्टोन की पॉसिबिलिटी बनी रहती है।
* ऐसे मिलावटी आइटम पेट में जाने से लूज मोशन, फू ड प्वाइजनिंग और पेट संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।
Butter yellow colour
* अगर बटर यलो कलर रेगुलर बॉडी में जाता रहे तो आंतों में दर्द की प्रॉब्लम सामने आती है।
* सीमेंट चूंकि एस्ट्रेलाइज्ड नहीं होता है, इसलिए इंफेक्शन की पूरी संभावना बनी रहती है।
* पेट के गरम तापमान में इन केमिकल के पहुंचते ही कीड़े पनपने की संभावना हो सकती है।
Wax
* हाइड्रो कार्बन पेट में अल्सर की समस्या खड़ी कर सकता है।
* केमिकल को पचाने की जिम्मेदारी लीवर की होती है इसलिए मोम के पेट में जाने से लीवर पर बुरा असर होता है।
* पेट में अल्सर और पेशेंट को
ज्वाइंडिस हो सकता है।