- तीनों डिविजन के मशीनों का अलग-अलग होगा रजिस्ट्रेशन
- एक से एरिया दूसरे एरिया में काम नहीं करेगी एसबीएम
BAREILLY:
बिल में घालमेल और फर्जीवाड़ा को रोकने के लिए बिजली महकमा स्पॉट बिलिंग मशीन यानि एसबीएम का रजिस्ट्रेशन करने जा रहा है। हर जोन के एसबीएम का अपना कोड होगा, जिसका यूज दूसरे जोन में नहीं किया जा सकेगा। ऐसे में, मीटर रीडिंग लेने वाले कर्मचारी गड़बड़ी नहीं कर सकेंगे। यदि कोई गलत मीटर रीडिंग करता भी है तो उसकी पहचान करना आसान होगी और कंज्यूमर को पेनॉल्टी भरने से छुटकारा ि1मल जाएगा।
स्क्रीन पर शो करेगा नॉट फाउंड
मीटर की रीडिंग करने के लिए फिलहाल क्क्7 एसबीएम है। अब इनका कंज्यूमर्स के अकॉर्डिग एरिया वाइज रजिस्ट्रेशन होगा। ताकि, एक एरिया से दूसरे एरिया में इन मशीनों का यूज न किया जा सके। यदि कर्मचारी किसी दूसरे डिविजन में जाकर मीटर की रीडिंग करने का प्रयास करता भी है तो तुरंत एसबीएम में नाट फाउंड शो करने लगेगा। क्योंकि, रिलेटेड मशीन में दूसरे एरिया या डिविजन के कंज्यूमर्स का रिकॉर्ड नहीं होगा। अधिकारियों ने बताया कि यह सब बिलों में होने वाली प्रॉब्लम्स को देखते हुए किया जा रहा है। ताकि, कर्मचारी कमीशन के चक्कर में मीटर रीडिंग में हेर-फेर न करे।
पौने दो लाख हैं कंज्यूमर्स
शहर में कंज्यूमर्स की टोटल संख्या पौने दो लाख है। जबकि रूरल में करीब भ् हजार कंज्यूमर के यहां मीटर की रीडिंग होती है। इनमें बहेड़ी, आंवला, मीरगंज, फरीदपुर और इज्जतनगर के क्षेत्र के कंज्यूमर शामिल है। मीटर रीडिंग के वक्त कर्मचारियों के लापरवाही के चलते तमाम तरह की खामियां सामने आती है। एक महीने में प्रति कंज्यूमर एवरेज भ्00 रुपए का बिल बनता है। लेकिन बिलिंग में गड़बडि़यों की वजह से अमाउंट में काफी अंतर होता है, जिसे ठीक कराने को लेकर लोगों को विभागों और अधिकारियों के यहां चक्कर लगाने पड़ते है।
ख्ब्,000 हजार बिल्स में फॉल्ट
बिलों में होने वाली गड़बडि़यों का अंदाजा विभाग में आनी वाली शिकायतों को देखकर अच्छी तरह से लगाया जा सकता है। पिछले दो महीने में ही करीब ख्ब् हजार गलत बिल बने थे। जिसके चलते अधिकारियों को मुख्यालय से फटकार भी लगी थी। प्रति बिल के हिसाब से कमीशन मिलने पर कंपनी के कर्मचारी गलत और सही बिल बनाने का काम धड़ल्ले से करते है। ताकि, जितना अधिक बिलिंग होगा उतना कमीशन बनेगा।
नई मशीनें आ गयी। इै। इनका फिलहाल रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। इससे एक फायदा यह होगा अब अधिक संख्या में मीटर की रीडिंग हो सकेगी। साथ ही लोगों को सही बिल भी मिल सकेगा।
एनके श्रीवास्तव, एसई, बिजली विभाग