केस 1
एजाजनगर के रहने वाले निसार का बिलजी बिल नंबर एसबी 14 सी 14 पीसी 57852330 है। फरवरी में विभाग ने इन्हें 2,556 रुपए का बिजली बिल थमा दिया। एक महीने बाद यानि मार्च में 38 यूनिट का 2,901 रुपए का बिजली बिल निसार के घर भेज दिया गया, जबकि नियम के अनुसार 38 यूनिट का 4 रुपए के हिसाब से 152 रुपए का बिल बनता है। अब बिल कम कराने के लिए निसार कई दिनों से विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
केस 2
गौटिया के रहने वाले कासिम का भी कमोबेश यही हाल है। इनका बिजली बिल नंबर एसबी 14 सी 14 पीसी 57852332 है। इन्हें भी विभाग ने 160 यूनिट का बिजली बिल 7,208 रुपए थमा दिया, जबकि 160 यूनिट का बिल 240 रुपए होना चाहिए। बढ़े हुए बिजली बिल से परेशान कासिम का कहना है कि कर्मचारी कुछ भी सुनने को तैयार नहीं होते हैं। इस बात की जानकारी अधिकारियों को भी है। बावजूद इसके समस्या से निजात नहीं मिल रही है।
केस 3
विभाग ने नकटिया के रहने वाले फरियाद के साथ तो हद ही कर दी। फरियाद का बिल नंबर एसबी 14 बी 20 पीसी 57870677 है। मार्च में विभाग की ओर से फरियाद के घर 9,780 रुपए का बिजली बिल भेजा गया। काफी भागदौड़ के बाद किसी तरह से 4,416 रुपए काटकर बिजली बिल सही किया गया, लेकिन मार्च में ही फिर फरियाद को 10,774 रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया। अब कर्मचारी और अधिकारी फरियाद की एक भी सुनने को तैयार नहीं है।
-- बढ़े बिजली बिल से लोगों की बढ़ी परेशानी
-- अधिकारियों के दावे खोखले साबित हो रहे
BAREILLY: ये तीन केस तो एक बानगी बस है। बिजली विभाग के ऐसे हजारों कंज्यूमर्स है जो इस तरह की प्रॉब्लम्स से परेशान है। विभाग के चक्कर लगा-लगा कर परेशान हो चुके कंज्यूमर्स को कोई राहत नहीं मिल रही है। बिजली बिल ठीक कराने के लिए उन्हें एक्स्ट्रा पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं। यह प्रॉब्लम्स मैनुअल नहीं ऑन लाइन व्यवस्था होने के बाद भी बनी हुई है। हालांकि ऑफिसर्स ने ये दावा किया था कि ऑनलाइन व्यवस्था होने से कंज्यूमर्स को प्रॉब्लम्स नहीं होगी, लेकिन विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे हैं।
ऑनलाइन के बाद भी राहत नहीं
दो महीने पहले बिजली विभाग ने सिटी में ऑनलाइन सर्विस शुरू की थी। फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड तीनों डिविजन में विभाग द्वारा ऑनलाइन सर्विस स्टार्ट की गई है। बिजली बिल जमा करने के लिए प्रत्येक डिविजन में म्-म् सेंटर बनाए गए हैं। इस सर्विस के स्टार्ट होने से कंज्यूमर्स ने भी राहत की सांस ली थी, लेकिन बिजली बिल में हो रही तमाम तरह की गड़बडि़यों से कंज्यूमर्स के जेहन में करंट सी दौड़ जा रही है। कर्मचारियों और ऑफिसर्स के व्यवहार ने लोगों को और परेशान कर दिया है।
दस हजार से अधिक
शहर में तीनों सहित क्0,000 से अधिक कंज्यूमर्स इस तरह की प्रॉब्लम्स से जूझ रहे हैं। सोर्सेज से मिली जानकारी के मुताबिक एचसीएल सॉफ्टवेयर में टाइम से फीडिंग नहीं होने से कंज्यूमर्स को बढ़े हुए बिजली बिल को लेकर परेशान होना पड़ रहा है। बिजली का काम देख रही साई कंपनी द्वारा फीडिंग की जाती है। इस दौरान वे लापरवाही की हद करते हुए अधिक डिजिट कम्प्यूटर में फीड कर देते हैं, जिसके कारण बिल टाइम पर जमा करने के बाद भी कंज्यूमर्स को बढ़ा हुआ बिजली बिल थमा दिया जाता है। आए दिन सॉफ्टवेयर में आने वाली खराबी व सर्वर डाउन की समस्या इस तरह की प्रॉब्लम्स क्रिएट कर रही है।
कोई ठोस कदम नहीं
बिजली बिल ठीक कराने के लिए डेली सैकड़ों कंज्यूमर विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। बावजूद इसके ऑफिसर्स कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। इस संबंध में जब विभागीय ऑफिसर्स से बात की गई तो, उन्होंने अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते हुए सारा ठीकरा बिलिंग करने वाली कंपनी के ऊपर फोड़ दिया।
बिलिंग में जो भी कमियां है उसे सही करने का प्रयास किया जा रहा है। कंज्यूमर्स की शिकायतें सुनी जाती हैं और उनकी प्रॉब्लम्स को भी दूर करने का प्रयास किया जाता है। कंज्यूमर्स को जो भी प्रॉब्लम्स है वे उसके सॉल्यूशन के लिए डायरेक्ट मुझसे मिल सकते हैं। जहां तक संभव होगा उसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
-- नंदलाल, एक्सईएन, थर्ड डिविजन, बिजली विभाग