रैली के रेला देखने घरों से निकले बरेलियंस

BAREILLY: नेहरू युवा केन्द्र पर संडे मॉर्निग करीब आठ बजे बाइकॉथन रैली को जैसे ही ग्रीन सिग्नल मिला, जोश और उत्साह का रेला पैडल पर उफान भरते भरते हुए मंजिल को निकल पड़ा। क्या बच्चे, बूढे़-जवान सभी एक जैसे हो गये थे। कहने के लिए तो रेस की रैली नहीं थी। फिर भी जोश इतना था कि कोई किसी के पीछे चलने को तैयार नहीं था। यही वजह रही कि नेहरू युवा केन्द्र से निकली रैली कुछ सेकंड में जागरण ऑफिस को पार कर गयी। रैली को पायलट कर रहा पुलिस का व्हीकल स्लो मोशन में चल रहा था। ताकि रैली में बच्चे रेस से बच सकें, लेकिन बच्चों की स्पीड के आगे पायलट व्हीकल को भी रफ्तार बढ़ानी पड़ गयी।

गिरे, उठे और मार दी पैडल

जोश में कुछ बच्चे अति उत्साहित हो उठे। नतीजा यह हुआ कि आगे निकलने के फेर में किसी साइकिल से टकराकर गिर पड़े, लेकिन जुनून कुछ ऐसा था कि गिरने और चोट लगने की परवाह किसे थी, गिरे और साइकिल उठाया। फिर दनादन पैडल मारकर निकल गए।

पब्लिक ने की हाैसलाअफजाई

बाइकॉथन की साइकिल रैली का बरेलियंस को इंतजार रहा। यही वजह रही कि रैली के इंतजार में लोग घरों से बाहर खड़े थे। जैसे ही रैली उनके घर के आगे पहुंची, लोगों ने तालियां बजाकर बच्चों का न सिर्फ स्वागत किया। शाबाशी भी दे रहे थे।

छोटे पैरों से खूब मारी पैडल

रैली में शामिल नन्हें-मुन्नों का जोश देखते बन रहा था। छोटी-सी साइकिल लेकर वह हम किसी से कम नहीं का दम भर रहे थे। पूरे रास्ते नन्हें-मुन्ने पीछे नहीं रहे। कुछ बच्चों के पैरेंट्स भी साथ में थे।

अंकल मेरी साइकिल ठीक कर दीजिए

रैली में रफ्तार भर रहे एक बच्चे की साइकिल किसी साइकिल से टकरा गयी। साइकिल से गिरते ही बच्चा उठ खड़ा हुआ। साइकिल खराब देख बच्चे का मूड खराब हो गया। रैली से बाहर होकर बच्चे ने कहा कि प्लीज अंकल मेरी साइकिल ठीक कर दीजिए। मुझे रेस पूरी करनी है।

रुको-रुको आई नेक्स्ट की साइकिल रैली जा रही है

श्यामतगंज चौराहा के पास जैसे ही रैली पहुंची कि कुछ लोग वाहन लेकर रोड पर जा पहुंचे। सड़क किनारे खड़े लोगों ने उन्हें कहा रुको-रुको आई नेक्स्ट की साइकिल रैली जा रही है। तब तक पुलिसकर्मी ट्रैफिक रोक चुके थे। पब्लिक से कुछ लोग रैली की तारीफ किये बिना नहीं रही सके। उन्होंने कहा कि यह तो बहुत अच्छा प्रयास है।

रैली के दौरान स्टंट भ्ाी दिखाया

रैली का भरपूर लुत्फ उठा रहे बच्चे साइकिल से स्टंट भी दिखाये। स्पीड भर रहे बच्चों की साइकिल अचानक पिछले पहिये पर होती तो कभी साइकिल अगले पहिये पर खड़ी कर दे रहे थे।

सीनियर्स की साइकिल भी रही आगे

सीनियर सीटिजन भी साइकिल रैली में रेस ही लगाते नजर आये। बच्चों और युवाओं के बीच साइकिल लेकर सीनियर सीटिजन चले तो उन्हें बचपन का जोश छा गया। फिर क्या था सीनियर सीटिजन भी पूरी ताकत के साथ पैडल मार आगे निकल जा रहे थे।