सहेली का मर्डर करने की थी प्लानिंग

प्रेमी ने अपनी प्रेमिका व उसकी सहेली को ठिकाने लगाने के लिए पहले मिलने का बहाना बनाया और अपहरण कर लिया। प्रेमिका के साथ उसकी तीन साल की बेटी भी थी। प्रेमी ने वारदात में अपने दो साथियों को भी शामिल कर लिया। यही नहीं दोनों को नशीला इंजेक्शन लगाकर मर्डर की कोशिश की गई। मारुती वैन पलटने से तीनों पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पुलिस ने दोनों सहेलियों को ट्रीटमेंट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। आरोपियों के पास से दो देशी कट्टा, एक चाकू व दो जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। गिरफ्त में आए प्रेमी का नाम राज सक्सेना और उसके दोस्तों के नाम अर्जुन व भोलानाथ है। तीनों के खिलाफ अपहरण, हत्या का प्रयास, पुलिस पर हमला सहित विभिन्न धाराओं में अलग-अलग चार मुकदमे दर्ज किए हैं।

चौकी चौराहा से किडनैप

महिलाओं के नाम सीता व अन्नू हैं। सीता का राज ने मिलने के लिए चौकी चौराहा पर बुलाया। उसके साथ अन्नू भी थी। इसके बाद तीनों वैन में सवार हो गए। सीता ने राज से कहा कि वह उसे आंवला में उसकी बहन आशा के घर छोड़ दे। इस दौरान लालफाटक के पास राज के दो दोस्त ठाकुर भोला सिंह तथा अर्जुन भी गाड़ी में सवार हो गए। पूछने पर राज ने कुछ काम का बहाना बना दिया। इसके बाद भमौरा क्रॉस करने के बाद तीनों टायलेट करने के बहाने उतरे।

इंजेक्शन लगाकर किया बेहोश

इस के बाद कुछ दूर चलने के बाद भोला सीता के बाद बाल पकड़ इंजेक्शन लगाने लगा। विरोध पर भोला बोला कि तू मेरे दोस्त को छोड़कर क्यों गई। इस दौरान उसने बचने की नाकाम कोशिश की, लेकिन उसे जबरन एक इंजेक्शन लगा दिया। इसके बाद वह बेहोश हो गई। बाद में अन्नू के इंजेक्शन लगाने के

प्रयास में सिरिंज की निडिल ही टूट गई। इस पर तीनों आरोपियों ने मिलकर अन्नू को सात-आठ नशीली गोलियां खिला दीं। अन्नू के बेहोश होते ही सीता को राज के घर छोड़ दिया और अन्नू को लेकर बदायूं रोड पर चल दिए।

स्पीड बढ़ाने पर शक

रास्ते में कैंट पुलिस चैकिंग कर रही थी। लालफाटक पर पुलिस की गाड़ी देखकर तीनों ने भागने का प्रयास किया। वैन की स्पीड बढऩे व उसमें लड़की होने से पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने पीछा किया। पुलिस के डर से तीनों आरोपियों ने अन्नू को सड़क किनारे फेंक दिया और भागने लगे। बुखारा मोड़ पर बदमाशों की गाड़ी पलट गई और तीनों उतरकर खेतों में छिप गये। पीछे से पुलिस भी पहुंच गई। बाद में पास के गांव वालों की मदद से तीनों को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पुलिस ने तुंरत अन्नू को बेहोशी की हालत में ट्रीटमेंट के लिए डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया। उसके बाद पुलिस सीता को राज के घर से लेकर आयी और डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में एडमिट करवाया।

दूसरी शादी में भी मिला धोखा

सीता मूल रूप से बदायूं के नेकपुर की रहने वाली है। सीता के पिता स्वर्गीय विजय वीर सिंह बदायूं में पत्रकार थे। सीता की शादी आनंदपाल से हो गई। इस दौरान उसकी दो बेटियां ज्योति व अन्नया हुईं। कुछ दिनों बाद सीता के पति की मौत हो गई। उसने बताया कि राजीव कॉलोनी निवासी राज सक्सेना से कोचिंग पढऩे के दौरान उसकी दोस्ती हो गई थी। पति के मौत के बाद उसने अपने दोस्त राज से मंदिर में शादी कर ली।

दो माह पहले दिल्ली छोड़ा

सीता का राज व उसकी मां कमलेश सक्सेना व ससुर सत्यप्रकाश सक्सेना से सीता का बात-बात पर झगड़ा होने लगा। इससे तंग आकर करीब एक दिन राज ने सीता की पिटाई कर दी। इस बात से खफा होकर सीता दिल्ली में अपनी मौसी सविता के घर चली गई। वहां से अपनी दोस्त अन्नू से संपर्क किया। एक सप्ताह पहले वो दिल्ली से बरेली अन्नू के घर आकर ठहर गई। दो जून की रोटी के लिए उसने यहां नौकरी की तलाश शुरू की। वह अपनी बेटी ज्योति को एक अनाथालाय में छोड़ आई। सीता ने बताया कि इंजेक्शन के कारण उसे कम भी दिखायी दे रहा है।

अन्नू के मर्डर का था प्लान

आरोपी राज पेशे से ड्राइवर है। राज के पिता सत्यप्रकाश सक्सेना ग्राम सेवक अधिकारी पद से रिटायर्ड हैं। उसका कहना है कि वह सीता से बहुत प्यार करता है। अन्नू की मौसी ने उसकी दूसरी जगह शादी करने की कोशिश की तो वो वापस बरेली आकर अन्नू के घर रहने पहुंचा। उसका आरोप है कि अन्नू ठीक महिला नहीं है और उसे गलत धंधे में डाल देगी। मना करने पर भी जब सीता नहीं मानी तो अन्नू को ठिकाने लगाने का प्लान बनाया । वह अन्नू को ठिकाने लगा ही रहे थे कि सीता ने विरोध किया तो सीता को इंजेक्शन लगाकर बेहोश करना पड़ा।

साथ पढ़ी हैं दोनों सहेलियां

अन्नू मंडवा शाही की रहने वाली है। अन्नू के पति का नाम यशपाल है। वह सिकंदराबाद में आर्मी का मेजर है। अन्नू के पिता पूरन सिंह रोडवेज में ड्राइवर पद से रिटायर्ड हैं। अन्नू बचपन से अपने मामा धनवंत सिंह के यहां रहकर पढ़ती थी। इसी दौरान उसकी दोस्ती सीता से हुई थी। दोनों बारहवीं तक साथ पढ़ीं।

एक आरोपी रिटायर्ड एसआई का बेटा

ठाकुर भोला सिंह बदायूं रोड विश्वनाथ पुरम, सुभाष नगर का रहने वाला है। हालांकि वह मूलरूप से बदायूं का रहने वाला है। उसके पिता रघुवीर सिंह तोमर पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद से रिटायर्ड हैं। भोला ने 5 जुलाई 2010 को एटा के अमापुर में राजू तिवारी की हत्या की थी। दिसंबर 2010 में उसने सरेंडर कर दिया था। कुछ समय पहले वह जेल से छूटकर बाहर आया था। पुलिस उसके क्रिमिनल रिकॉर्ड खंगाल रही है। वहीं आरोपी अर्जुन सुभाष नगर तिलक कालोनी का रहने वाला है। वह सिविल लाइंस स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में कर्मचारी है