500 करोड़ का रीयल स्टेट बिजनेस
यूं तो बरेली में रीयल स्टेट का बिजनेस दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। पर अब रीयल स्टेट रो-हाउसिंग से किनारा करती नजर आ रही है। हो भी क्यों न, जब बरेलियंस अपार्टमेंट्स में फ्लैट्स की डिमांड कर रहे हों और उसके लिए विला से दो गुना ज्यादा तक पे करने के लिए तैयार हों। ऐसे में बिल्डर्स भी बढ़ती डिमांड के साथ अपार्टमेंट्स बनाने में ही इंस्ट्रेस्ट शो कर रहे हैं। आलम यह है कि बीडीए में भी फिलहाल जो लेआउट पेंडिंग हैं वह ग्रुप हाउसिंग के ही हैं। एक्सपट्र्स की मानें बीते दो सालों में रीयल स्टेट का कारोबार दो गुना तक बढ़ गया है। मौजूदा समय में ईयरली करीब पांच सौ करोड़ रुपये का टर्न ओवर हो रहा है।
2 & 3 BHK on demand
अपार्टमेंट्स में सबसे ज्यादा डिमांड 2 व 3 बीएचके फ्लैट्स की हैं। वहीं कस्टमर्स फ्लैट लेने से पहले सबसे ज्यादा क्वेरी लॉबी, पार्क , लिफ्ट, ब्रांडेड फिटिंग्स की करते हैं। पार्क फेसिंग फ्लैट की डिमांड भी ज्यादा रहती है। बिल्डर्स की मानें तो वन बीएचके अपार्टमेंट्स अभी बरेलिएंस को नहीं भा रहे हैं। दरअसल, ये बैचलर्स के लिए तो सूटेबल रहते हैं पर फैमिलीज को इसमें प्राबल्म होती है। इनकी कीमतें एरिया के अकार्डिंग वैरी करती हैं। प्रेजेंट टाइम में टू बीएचके की कीमत 25-40 लाख रुपये तक हैं। वहीं थ्री बीएचके में यह रेट 30-50 लाख रुपये तक है।
बदलेगा सिटी का नजारा
सिटी के बिल्डर्स के मुताबिक, बहुत जल्द ही सिटी का नजारा बदला नजर आएगा। इसकी वजह से सिटी के पॉश इलाकों में मल्टीस्टोरी बिल्डिंग प्लान करना है। सिविल लाइंस के लिए इस समय कई मल्टीस्टोरी बिल्डिंग के प्रोजेक्ट्स पाइप लाइन में है। जिन पर बीडीए की मुहर लगते ही काम शुरू हो जाएगा। वहीं, सिविल लाइंस में चल रहे किंग्स कोर्ट प्रोजेक्ट के सभी यूनिट्स लांचिंग होते ही सेल हो गए, जबकि डिमांड बनी है। खास बात यह भी है कि सिटी में लांच होने वाला प्रीमियम फ्लैट का प्रोजेक्ट भी सिविल लाइंस में ही बनेगा।
Investment का बेहतर ऑप्शन
फ्लैट इंवेस्टमेंट के लिए भी बेहतर ऑप्शन है। जिस समय किसी नई बिल्डिंग की लांचिंग होती है तब उसके रेट्स कम ही रखे जाते हैं। पर जब वह बनकर तैयार होती है उतने ही समय में उसके रेट्स डेढ़ गुना तक बढ़ जाते हैं और दो-तीन साल में तो प्रॉपर्टी के रेट कई गुणा हो जाते हैं। एलायंस के ओनर अमनदीप सिंह ने बताया कि जब उन्होंने सिविल लाइंस में अपार्टमेंट लांच किया तो उसकी कीमत 3000 रुपये स्क्वायर फीट थी जो छह महीने में बढ़कर 3600 रुपये पहुंच गई।
दिल्ली और नैनीताल नए ठिकाने
मिनी बाइपास और पीलीभीत बाइपास पर टाउनशिप और अपार्टमेंट्स बनाने के बाद बिल्डर्स की नजर दिल्ली और नैनीताल रोड पर है। इन रोड्स पर मल्टीस्टोरी बिल्डिंग की प्लानिंग कर रहे हैं। सिटी के पॉश इलाके बजाय आउटर एरिया में अपार्टमेंट का एक फायदा यह भी है कि यहां के लिए बिल्डिंग की हाइट एरिया से 2.5 गुना तक हो सकती है। जबकि सिटी के पॉश एरिया में हाइट केवल 1.5 गुना ही हो सकती है।
safety है सबसे ज्यादा जरूरी
रेजीडेंट्स की बात करें तो उन्हें सेफ्टी के प्वाइंट ऑफ व्यू से अपार्टमेंट्स काफी भा रहे हैं। प्रेजेंट टाइम में अधिकांश फै मिलीज न्यूक्लियर्स होती हैं। या फिर अपने होमटाउन से दूर रहती हैं। ऐसे में उन्हें कभी भी घर में लॉक लगाकर निकलना होता है। विला में जहां घर की सिक्योरिटी की चिंता सताती है वहीं अपार्टमेंट में यह टेंशन नहीं रहती। वहीं घर में अकेले होने पर इमरजेंसी के वक्त भी नेवर्स से काफी हेल्प मिल जाती है।
डेढ़ करोड़ का flats
बरेलियंस के लिए जल्द ही पॉश कॉलोनीज में प्रीमियम फ्लैट की च्वॉइस भी मिलने वाली है। तकरीबन एक से डेढ करोड़ रुपये की कीमत वाले फ्लैट्स में 4 बीएचके, सर्वेंट रूम, टेरेस गार्डन जैसी सुविधाएं रहेंगी। वहीं इसके कंस्ट्रक्शन में इटालियन मार्बल का ही प्रयोग किया जाएगा और बिल्डिंग सेंट्रली एअर कंडीशंड होगी। पार्किंग भी एटलीस्ट तीन कार के लिए दी जाएगी।
लास्ट टू ईयर्स में रो-हाउसिंग को अपार्टमेंट्स ने रिप्लेस किया है, इतना ही नहीं रियल स्टेट का बिजनेस भी इस बीच में दोगुना तक हुआ है।
- अमनदीप सिंह, एलायंस बिल्डर्स
सिटी में कफ्र्यू आदि के बाद तो लोग कंजस्टेड एरिया से निकलकर सेफ हाउसिंग को प्रिफर कर रहे हैं। ऐसे में उनकी पहली पसंद 2 व 3 बीएचके फ्लैट्स ही हैं।
- तेजेंद्र छाबड़ा, हॉरिजन डेवलपर्स
आस-पास के शहरों से आने वाले फ्लैट्स ही प्रिफर कर रहे हैं। वहीं यह इन्वेस्टमेंट के लिए भी काफी अच्छा है, तकरीबन दो साल में ही दो गुना तक रिटर्न मिल जाता है।
-सर्वजीत बख्शी, ट्यूलिप टॉवर
अपार्टमेंट्स में जो फै सिलिटीज अवेलेबल रहती हैं, वह विला में आसानी से नहीं मिल पातीं। यहां आपको हेल्थ जोन से लेकर स्कूल तक घर के पास ही मिल जाता है।
-पीयूष अग्रवाल, मेगा सिटी
अपार्टमेंट में रहने में सेफ्टी बेनिफिट सबसे ज्यादा होता है। यहां रहने पर हम कभी भी अपने घर में लॉक लगाकर आउटिंग पर निकल सकते हैं। गार्ड के रहने से हमें घर की टेंशन कम रहती है।
- पूनम आनंद, रेजीडेंट
अपार्टमेंट में रहने से बिजली या पानी की प्रॉब्लम होने पर सभी लोग उसके लिए इक्वली एफर्ट करते हैं। जबकि विला में रहने पर इन सबके लिए आपको अकेले ही एफर्ट करना होता है।
- पूनम चौहान, रेजीडेंट
यहां रहने पर न्यूक्लियर फैमिली होने पर भी अकेलेपन का एहसास नहीं रहता है। सोसायटी में होने वाले सेलिब्रेशन के समय तो हम सब एक साथ ही एंज्वॉय करते हैं।
- रेनू खन्ना, रेजीडेंट
मेंटीनेंस की भी ज्यादा टेंशन नहीं रहती है। क ोई भी प्रॉब्लम होने पर पूरी सोसायटी इसके लिए वर्क करती है। यहां सेफ्टी के लिए भी अच्छे अरेंजमेंट्स हैं।
- निकिता, रेजीडेंट