सही हैंडवॉशिंग दूर रखेगी खतरा, अन्य बीमारियों से भी होगा बचाव

भरपूर पानी पीने से जुकाम को रखें दूर, घर पर मरीज को रखे आइसोलेट,

आयुर्वेदिक दवाओं व घरेलू नुस्खे से भी वायरस से करें घर बैठे बचाव

BAREILLY:

बरेली में स्वाइन फ्लू की दस्तक के बीच इसके इलाज के अधूरे इंतजामों ने लोगों के लिए दोहरी मुसीबत पैदा कर दी है। स्वाइन फ्लू का डर और उस पर सही इलाज की व्यवस्था में तमाम छेद, लोगों को एचक् एनक् से डराने के लिए काफी है। एचक् एनक् वायरस के चलते एक जिंदगी खत्म होने के बाद नॉर्मल फ्लू होने पर भी लोग घबरा जा रहे हैं। लोगों में डर और दहशत का माहौल घर करने लगा है। अवेयरनेस की कमी और बचाव के तरीकों की जानकारी न होने से परेशानी बढ़ गई है, लेकिन सावधानी पूरी बरतने और कुछ बातों का ख्याल रखने भर से स्वाइन फ्लू जैसी गंभीर बीमारी भी घुटने टेक देगी। मेडिकल एक्सपर्ट के सुझाए कुछ आसान उपाय और सावधानी बरते तो नहीं सताएगा स्वाइन फ्लू से आप महफूज रहेंगे।

बचाएगी ख्0 सेकेंड्स की हैंडवॉशिंग

स्वाइन फ्लू के सस्पेक्टेड या कंफर्म मरीज से मिलने के बाद महज ख्0 सेकेंड्स की हैंडवॉशिंग इस बीमारी से बचाने के लिए काफी हद तक कारगर है। मेडिकल एक्सपर्ट के मुताबिक सिर्फ गुनगुने या सादे पानी और आम साबुन से हाथों की अच्छी तरह सफाई करने भर से इस बीमारी के वायरस शरीर से अलग हो जाते हैं। हाथों की अच्छी तरह से की गई सफाई ही करीब ख्0 से ज्यादा इंफेक्शन वाली बीमारियों के कीटाणुओं को दूर हटाने के लिए काफी है। जिसमें इंफ्लुएंजा और स्वाइन फ्लू के वायरस भी शाि1मल हैं।

हाथ नहीं कुहनी-बाजू का करें इस्तेमाल

छींकते समय ज्यादातर लोग अपने हाथों को नाक के सामने ले आते हैं। फिर बिना हाथों को धोए ही वे कई चीजों को छूते हैं और लोगों से हाथ मिलाते हैं। वायरस से पीडि़त इंसान के ऐसा करने पर वायरस दूसरों के शरीर पर भी अटैक कर देता है। एक्सपर्ट ने इसे खतरनाक बताया है। एक्प‌र्ट्स छींकते समय हाथों या रूमाल के बजाए कुहनी या बाजू का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। जिससे कि छींकने या खांसने के दौरान मुंह व नाक से निकलने वाले ड्रॉपलेट्स हाथ पर न आएं और खुद के साथ ही दूसरों के भी वायरस की चपेट में आने की आशंका न के बराबर रहे।

पीएं भरपूर पानी, दूर रहेगा खतरा

सर्दी जुकाम के दौरान शरीर में अक्सर पानी का इनटेक बेहद कम हो जाता है। एक्सपर्ट ने सुझाया है कि जुकाम व खांसी के दौरान पानी भरपूर पीएं। स्वाइन फ्लू भी एक तरह का कॉमन फ्लू ही है, जो सही समय पर इलाज न मिलने पर ही गंभीर रूप लेता है। इसके वायरस के शरीर में आने पर खून में पानी की कमी होने लगती है। जिससे खून काफी गाढ़ा होने लगता है और इसमें ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। जिससे शरीर कमजोर पड़ने लगता है और इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। ऐसे में पानी की भरपूर मात्रा लेने से खून में जरूरी पानी व ऑक्सीजन बनी रहेगी।

आयुर्वेद में भी है असरदार दवाएं

एलोपैथी में स्वाइन फ्लू का कारगर इलाज होने के अलावा आयुर्वेद में इस बीमारी के खिलाफ असरदार दवाएं अवेलेबल है। राजकीय आयुर्वेद औषधि निर्माण शाला के डॉ। बिन्दु प्रकाश ने बताया कि आयुर्वेद में स्वाइन फ्लू के खतरे से निपटने की असरदार दवाएं मौजूद हैं। गिलोय का काढ़ा सुबह शाम पीने से बीमारी के पीडि़त की इम्यूनिटी पावर बढ़ती है। वहीं गिलोय का जूस भी सुबह शाम पीने से इस बीमारी के वायरस की चपेट में आने का खतरा कम रहता है। साथ ही अभ्रक की भस्म को अदरक और शहद के साथ मिलाकर खाने से भी इस बीमारी में बचाव व राहत ि1मलती है।

घरेलू नुस्खे भी हैं कारगर

आयुर्वेद ही नहीं पुराने घरेलू नुस्खे भी स्वाइन फ्लू के खिलाफ काफी असरदार माने जाते हैं। जानकारों ने घर पर ही इस बीमारी के खिलाफ बचाव और इलाज के उपाय बताएं हैं। जानकारों ने बताया कि गुनगुने दूध में हल्दी मिलाकर पीने से शरीर की इम्यूनिटी में इजाफा होता है। रोजाना एक गिलास दूध में क् चम्मच पिसी हल्दी मिलाकर पीने से स्वाइन फ्लू का असर कम होने लगता है। वहीं जुकाम व वायरल के दौरान आंवले का सेवन बेहद फायदेमंद माना है। कच्चा आंवला या इसका मुरब्बा खाने से शरीर में विटामिन की कमी पूरी होती है जिससे स्वाइन फ्लू और इंफ्लुएंजा के वायरस का हमला कमजोर पड़ जाता है। साथ ही शरीर की बीमारियों से लड़ने की ताकत बढ़ जाती है।