बरेली(ब्यूरो)। बीडीए की रामगंगा नगर आवासीय योजना में प्राधिकरण की भूमि पर कब्जेदारों ने अवैध निर्माण कर लिया था। थर्सडे को इस भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया, जिसकी कीमत लगभग 30 करोड़ है। कार्रवाई के दौरान टीम को कब्जेदारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

पहले दिया था मौका
एई पीके गुप्ता ने बताया कि बीडीए की जमीन पर काबिज अवैध कब्जेदारों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए, पहले इन कब्जेदारों को रियायती दरों पर प्राधिकरण के प्लाट प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया गया था। इन अवैध कब्जेदारों को बिना डाउन पेमेंट के 10 वर्षो में भुगतान करने की सुविधा भी दी गयी थी। जो लोग प्लाट लेने के इच्छुक नही थे, उन्हे बार-बार अनुरोध किया गया था। वह अपनी वैकल्पिक व्यवस्था कर ले, ताकि अवैध कब्जों को हटवाकर आवंटियों को प्लॉट दिया जा सके। अवैध कब्जों के कारण पूरा भुगतान होने के बाद भी बड़े पैमाने पर आवंटियों को प्लॉट नहीं मिल पा रहा था।

दो दिनों का दिया समय
एई पीके गुप्ता के मुताबिक थर्सडे को 28 अवैध कब्जेदारों को हटाया गया है। जिसकी कीमत लगभग 30 करोड़ रुपए बताई गई है। इनके अलावा बचे हुए अवैध कब्जेदारों को भी दो दिनों का समय दिया गया हैैं। साथ ही उनसे अनुरोध किया गया है कि वह दो दिवस के अन्दर अपने अवैध कब्जें स्वयं हटा लें। ध्वस्तीकरण के समय सचिव योगेन्द्र कुमार, अधीक्षण अभियन्ता राजीव दीक्षित, अधिशासी अभियन्ता आशु मित्तल, सहायक अभियन्ता प्रमोद कुमार गुप्ता, आरके चौधरी, अनिल कुमार व प्राधिकरण के स्टाफ के साथ ही बिथरी चैनपुर थाना के थानाध्यक्ष पुलिस बल के साथ कार्रवाई के दौरान मौजूद रहे। इस दौरान कब्जेदारों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

होती रहेगी कार्रवाई
अधिकारियों ने बताया कि प्राधिकरण की अर्जित भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा किसी भी दशा में न किया जाये। अन्यथा सम्बंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।