-एसडीएम सी और तीन दरोगाओं की टीम ने कॉलेज का दौरा कर एग्जाम का हाल लिया

BAREILLY: एलएलबी, बीबीए और बीसीए के सेमेस्टर एग्जाम्स में स्टूडेंट्स लीडर्स और उनके साथियों ने गदर मचा रखा था। चीटिंग की सारी इंतहां पार कर दी थी। उनकी जिद के सामने टीचर्स भी अपने आपको असहाय महसूस करने लगे। ना कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन का सहयोग मिला और ना ही पुलिस प्रशासन और यूनिवर्सिटी का। आई नेक्स्ट ने लॉ बिल्डिंग में चल रहे इस नकल के खेल का उजागर किया। बीसीबी की बदनाम बिल्डिंग के नाम से प्रमुखता से न्यूज पब्लिश की। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन जागा। वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन ने खुद अपनी टीम के साथ निरीक्षण किया। इतना सबकुछ होने के बाद नकलचियों के हौंसले पस्त होते दिखे तो टीसर्स का हौसला बंधा। जिसका नतीजा यह रह कि सैटरडे को एग्जाम में अब तक कि सबसे ज्यादा सख्ती दिखाई दी।

फ् घंटे में भ् बार चेकिंग

एलएलबी के एग्जाम में सैटरडे को व्यवस्था संभाल रहे जिम्मेदारों की सबसे ज्यादा सख्ती दिखाई दी। लॉ के हेड डॉ। दीपक आनंद, डॉ। डीके सिंह, प्रॉक्टोरियल बोर्ड की एडहॉक टीचर्स की टीम डॉ। ओमकार पटेल, डॉ। इनाम खां, डॉ। राजेश, डॉ। योगेश समेत एक दर्जन से ज्यादा की टीम ने सघन चेकिंग किया। एग्जाम के दौरान फ् घंटे में टीम ने भ् बार चेकिंग की। अधिकांश स्टूडेंट्स की चेकिंग की गई। एग्जाम रूम में घुसने से पहले काफी मात्रा में नकल सामग्री पकड़ कर जलाया गया।

एडमिनिस्ट्रेशन भी दिखा अलर्ट

एग्जाम पर हो हंगामा होने के बाद डिस्ट्रिक्ट एडमिनिस्ट्रेशन भी अलर्ट हो गया। एसडीएम सी और तीन दरोगाओं की टीम ने कॉलेज का दौरा कर एग्जाम का हाल लिया। सैटरडे सुबह बीबीए और बीसीए के एग्जाम में टीम ने एग्जाम रूम का निरीक्षण किया। शाम को उनके आने की पूरी संभावना बनी रही। वहीं एग्जाम शुरू होने के एक घंटा बाद आए सभी स्टूडेंट्स को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

किसके दबाव में काम कर रही है यूनिवर्सिटी

आरयू के वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन के सामने स्टूडेंट्स लीडर्स ने खूब दबंगई दिखाई। उनसे अभद्रता की। इतना हंगामा होने के बाद यह साबित हो गया कि एलएलबी एग्जाम में चीटिंग करने के लिए स्टूडेंट्स लीडर्स किस कदर अराजकता पर उतर आते हैं। स्टूडेंट्स लीडर्स वीसी के सामने ताल ठोक कर यह दावा करते हुए दिखाई दिए कि वे चीटिंग नहीं रोकेंगे। इतना सबकुछ होने के बाद भी यूनिवर्सिटी ने इन स्टूडेंट्स लीडर्स के खिलाफ ना तो कोई कार्रवाई की और ना ही एलएलबी का सेंटर चेंज करने की कोई कवायद की। इस पूरे प्रकरण पर यह सवाल जरूर उठने लगा है कि आखिर कॉलेज और यूनिवर्सिटी प्रशासन के उपर किसका इतना दबाव है, जो स्टूडेंट्स लीडर्स के लिए मुफीद एनवायरमेंट क्रिएट कर रहा है। जब एक बार सेंटर मेन कैंपस में बनाया गया था तो उसे एलएलबी डिपार्टमेंट में चेंज क्यों किया गया। इतना सबकुछ होने के बाद भी उसे दोबारा चेंज कर मेन कैंपस में क्यों नहीं किया जा रहा है। एग्जाम के बीच में हंगामा और अभद्रता करने के बाद उन स्टूडेंट्स लीडर्स के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन पर ऐसे कुछ लोगों का दबाव जरूर है जो उन्हें कार्रवाई करने से रोक रह है।