कॉलेज ने स्टूडेंट्स की सेविंग्स के रुपयों को कराया लॉक

- बैंक खातों में जमा पूंजी को इस्तेमाल नहीं कर पा रहे स्टूडेंट्स

BAREILLY: बरेली कॉलेज के स्टूडेंट शिवम चौधरी के बैंक खाते में पिछले दिनों एलआईसी से पांच हजार रुपए जमा हुए थे। रुपयों की जरुरत पड़ने पर जब वह बैंक में पैसा निकलवाने के लिए पहुंचा तो बैंक ने पूरी रकम देने से इंकार कर दिया। बैंक के इस इंकार से घबराए शिवम ने जब इसका कारण पूछा तो पता चला की कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने उसके खाते पर कुंडली पर मार दी। कॉलेज ने बैंक से कहकर एकाउंट में जमा रकम में से ख्क् सौ रुपए होल्ड करवा दिए। कॉलेज की इस दादागिरी के चलते करीब दो हजार से ज्यादा स्टूडेंट्स को शिवम की तरह परेशान होना पड़ रहा है।

क्या है पूरा मामला

सेशन ख्0क्ब्-क्भ् के लिए स्टूडेंट्स ने अक्टूबर मंथ तक स्कॉलरशिप के फॉर्म भरे थे। स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति की रकम स्टूडेंट्स के खाते में मार्च के महीने तक आ जाती थी। इस बार स्कॉलरशिप आने में काफी लेट हो गया है। कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन ने इसी डर से कहीं उनकी फीस न मारी जाए, उसने बैंक से स्टूडेंट्स के खाते से फीस के बराबर की रकम लॉक करवा दी है। जितनी रकम लॉक कराई है, स्टूडेंट्स उसक विड्रा नहीं कर सकते। आश्चर्य की बात है कि यह स्टूडेंट्स की खुद की सेविंग्स हैं, जो उन्होंने किसी आपात स्थिति के लिए कर रही थी।

ख्000 स्टूडेंट्स के खाते लॉक

कॉलेज ने यह कारस्तानी महज शिवम के साथ नहीं की है। सोर्सेज के अनुसार कॉलेज ने बैंक को ख्,000 ऐसे स्टूडेंट्स की लिस्ट सौंपी, जिनके खाते में से फीस की रकम लॉक करानी थी। ये सभी स्टूडेंट्स एससी व एसटी कैटेगरी के हैं। क्योंकि एडमिशन के समय इनसे फीस नहीं ली जाती है, इसलिए कॉलेज को अपनी फीस से हाथ धोने का डर सता रहा है।

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कॉलेज करता आया है मनमानी

फीस प्रतिपूर्ति को लेकर कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन हमेशा से ही मनमानी करते आए हैं। लास्ट ईयर तक कॉलेज फीस प्रतिपूर्ति की रकम न आने की सूरत में स्टूडेंट्स का एग्जाम फॉर्म रोक दिया करता था या फिर उनकी मार्कशीट डिलिवर करने से मना कर दिया करता था। एससी व एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स जब खुद फीस जमा करते थे तब उनका एग्जाम फॉर्म असेप्ट होता था और उनकी मार्कशीट डिलिवर की जाती थी। हाईकोर्ट के आदेश पर क्7 नवम्बर ख्0क्ब् को प्रमुख सचिव, उच्च शिक्षा ने एक जीओ जारी कर कॉलेज को ऐसा करने से मना किया था। उन्होंने साफ आदेश दिया था कि फीस प्रतिपूर्ति की रकम न मिलने के ऐवज में स्टूडेंट्स के साथ किसी तरह की मनमानी न की जाए। उनके खाते में फीस प्रतिपूर्ति की रकम क्रेडिट हो, उसी को अपने खाते में ट्रांसफर कराएं। लेकिन कॉलेज शासन के इस जीओ का भी खुलेआम माखौल उड़ा रहा है। वह शासन की फीस प्रतिपूर्ति की रकम मिलने का वेट करने की बजाय स्टूडेंट्स के खाते पर ही डाका डाल रहा है।

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क्या है नियम

हायर एजुकेशन गेन कर रहे एससी और एसटी, जनरल और ओबीसी कैटेगरी के स्टूडेंट्स को शासन की तरफ से स्कॉलरशिप प्रदान की जाती है, जिनकी पारिवारिक आय ख्,00,000 रुपए सालाना तक है। स्कॉलरशिप के साथ शासन फीस की रकम भी देता है। इसके लिए एडमिशन के टाइम स्टूडेंट को अपना बैंक खाता खोलवाना होता है। शासन सीधे स्टूडेंट्स के खाते में रकम क्रेडिट करता है। इस क्रम में एससी और एसटी कैटेगरी के स्टूडेंट्स का एडमिशन जीरो फीस पर होता है। ऐसे में वे एडमिशन के टाइम फीस जमा नहीं करते। शासन की तरफ से जब फीस की रकम उनके खाते में क्रेडिट की जाती है तो वह कॉलेज के खाते में ट्रांसफर हो जाती है।

मैं एमए फाइनल ईयर का स्टूडेंट हूं। फ‌र्स्ट ईयर में स्कॉलरशिप का फॉर्म नहीं भर पाया था। इस बार भरा तो कॉलेज ने मेरे खाते में से फीस की रकम ही लॉक करा दी है।

- शिवम, स्टूडेंट

मैं बरेली कॉलेज की बीए सेकेंड ईयर की स्टूडेंट हूं। अभी तक स्कॉलरशिप और फीस प्रतिपूर्ति की रकम मेरे खाते में नहीं आई है। लेकिन कॉलेज ने बैंक वालों से मेरे खाते से फीस की रकम ब्लॉक करा दी है। मैं उस रकम को विदड्रॉ नहीं कर सकती।

- रचना, स्टूडेंट

स्टूडेंट्स बहुत परेशान हैं। वे हमारे पास मदद के लिए आ रहे हैं। लेकिन बैंक ने यह काम कॉलेज के आदेश पर किया है। एक तरह से कॉलेज ने खुद ही एससी व एसटी स्टूडेंट्स के खाते से उनकी रकम जब्त कर ली है।

- रजत मिश्रा, प्रदेश उपाध्यक्ष, अछास

- स्टूडेंट्स के खाते से रकम इसलिए लॉक करा दी गई है ताकि उनके खाते में जब फीस प्रतिपूर्ति की रकम आए तो वह कॉलेज के खाते में ट्रांसफर किया जा सके। अगर रकम लॉक नहीं कराएंगे तो स्टूडेंट्स फीस लेकर भाग भी सकते हैं।

- डॉ। डीके गुप्ता, डीएसडब्ल्यू

बाक्स---कैसे परेशान हुआ शिवम

शिवम बरेली कॉलेज का एमए इंग्लिश सेकेंड ईयर का स्टूडेंट है। वह एससी कैटेगरी का स्टूडेंट है। नियमानुसार उसका एडमिशन जीरो फीस पर हुआ था। ऐसे में शासन की तरफ से स्कॉलरशिप के रूप में करीब ब्,क्00 रुपए और फीस प्रतिपूर्ति के रूप में ख्,क्00 रुपए उसके बैंक के खाते में आने हैं। ख्ब् मार्च को ही शिवम के खाते में एलआईसी की तरफ से भ्,000 रुपए क्रेडिट हुए। वह बैंक से रुपए निकलाने गया तो वह चौंक गया। पड़ताल करने पर पता चला कि कॉलेज ने फीस के बराबर की रकम ख्,क्00 रुपए उसके खाते से लॉक करा दिए हैं।