450 टन कचरा प्रतिदिन प्रोड्यूस होता है नगर में
90 क्विंटल पॉलीथिन होती है इस कचरे में शामिल
100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर पर बैन
2.89 लाख रुपये का एक वर्ष में लगाया जा चुका है अर्थदंड
बरेली(ब्यूरो)। सरकार की ओर से भले ही एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक को पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया हो, पर शहर में इसको लेकर कोई परिवर्तन नहीं दिखाई दे रहा है, निगम की ओर से 29 जून से तीन जुलाई तक विभिन्न माध्यमों से पब्लिक को अवेयर करने का दावा किया जा रहा है। इसको लेकर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम ने रियलिटी चैक किया तो सच्चाई कुछ और सामने आई। आंकड़े बताते हैं कि नगर में प्रतिदिन 450 टन कचरा प्रोड्यूस होता है, उसमें दो प्रतिशत पॉलीथिन होती है। अब इस पर प्रतिबंध को लेकर लगातार सरकार व अन्य माध्यमों से पब्लिक को अवेयर किया जा रहा है, लेकिन इसका बाजार में कोई असर देखने को नहीं मिला। बाजार में पूरा दिन पब्लिक पॉलीथिन में सामान लेती हुई नजर आई।
इन प्रोडक्ट्स पर लगा बैन
-प्लेट्स, कप्स, ग्लासेस, प्लास्टिक स्टिक वाली ईयरबड, स्ट्रॉ, प्लास्टिक स्टिक वाले गुब्बारे, प्लास्टिक के झंडे, टॉफी की स्टिक, आईसक्रीम की स्टिक आदि
-सजावट वाले थर्माेकोल
-मिठाई के डिब्बे, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट पैकेट पर रैप की जाने वाली पन्नी
-100 माइक्रोन से कम वाले प्लास्टिक या पीवीसी बैनर
पब्लिक भी हो अवेयर
पॉलीथिन प्रतिबंध को लेकर पब्लिक को भी गंभीरता दिखाने की जरूरत है। इसके माध्यम से पर्यावरण संरक्षण में योगदान दिया जा सकता है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को जानकारी देते हुए कहा था कि प्रतिबंध तोडऩे वालों पर पर्यावरण सरंक्षण कानून की धारा 15 और नगर निगमों के बायलॉज के अनुसार दंडात्मक कार्रïवाई की जाएगी। इसमें जेल की सजा के साथ ही हर्जाना भी भुगतना पड़ सकता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार भारत में हर साल 2.4 लाख टन सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन होता है। साल में प्रति व्यक्ति 180 ग्राम सिंगल यूज प्लास्टिक का उत्पादन हो रहा था।
सीन 01
सुभाषनगर
यहां पर कस्टमर से लेकर दुकानदार तक पॉलीथिन का यूज किया जा रहा था। दुकानों पर प्रतिबंध के बावजूद इजिली पॉलीथिन मिल जाती है, इसलिए लोग घरों से बिना कैरी बैैग लिए दुकान पर पहुंच जाते हैं। अधिकांश लोग बिना थैले के ही फल या सब्जी खरीदते हुए दिखे। दुकानदार द्वारा भी पॉलीथिन में ही सामान दिया जा रहा था।
सीन 02
श्यामगंज बाजार
यहां भी स्थिति प्रतिबंध के बाद बदली हुई नहीं दिखाई दी। यहां भी खरीददारी के लिए आने वाले अधिकांश लोग पॉलीथिन में ही सामान ले रहे थे। वहीं दुकानदारों में भी प्रतिबंध को लेकर कोई अवेयरनेस दिखाई नहीं दी। लोग घरों से खाली हाथ आए और पॉलीथिन में सामान लेकर वापस चले गए। न प्रतिबंध को लेकर यहां कोई डर था, न ही जागरूकता।
सीन 03
कुतुबखाना बाजार
शासन की सख्ती का प्रभाव नगर के बाजारों में जरा भी नजर नहीं आ रहा है। न ही निगम की टीम कहीं पर एक्शन में दिखाई दी। लोग निडर होकर पॉलीथिन में सामान ले जा रहे थे। वहीं दुकानों पर भी रोज की तरह ही माहौल था। सब्जी मंडी में दुकानदार पॉलीथिन का इस्तेमाल करते हुए दिखे। फल के ठेलों पर भी पॉलीथिन का उपयोग बेधडक़ किया जा रहा था।
वर्जïन :
पर्यावरण संरक्षण के लिए सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध जरूरी था। अब पब्लिक को चाहिए कि वह नियमों का पालन करे। खरीदारी के लिए जाते समय अपने साथ कपड़े का थैला लेकर जाएं।
-खेमराज
सिंगल यूज प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से नाले चोक होने की समस्या भी काफी कम हो सकती है, क्योंकि अक्सर देखा गया है कि नालों के चोक होने का बड़ा कारण पॉलीथिन व थर्मोकोल होते हैं।
-जितेंद्र
डलावघरों के कचरे में पॉलीथिन काफी मात्रा में होती है। वहीं खाने की तलाश में भटक रहे आवारा पशु पॉलीथिन में खाद्य पदार्थ होने के कारण इनका सेवन भी कर लेते हैैं। जिससे उनका स्वास्थ्य खराब हो जाता है।
-हिमांशु
नगर निगम की ओर से पब्लिक को सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध के प्रति अवेयर करने के लिए 29 जून से तीन जुलाई तक अभियान चलाया जा रहा है। इसके बाद भी जहां भी पॉलीथिन का यूज होता मिलेगा वहां कार्रवाई की जाएगी।
-अजीत कुमार सिंह, अपर नगर आयुक्त