बरेली (ब्यूरो)। जनपद में बंदरों के आतंक से सब ही परेशान हैैं, आए दिन इन के हमले में लोग घायल हो रहे हैैं। इस के बावजूद इस पर अंकुश लगाने के लिए जिमेदारों की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं उठाई जा रही है। फ्राइडे को कैंट थाना क्षेत्र के क्यारा गांव में छत पर खेल रहे बच्चों पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया। इस दौरान चार साल की बच्ची छत से गिर कर गंभीर रूप से घायल हो गई। उपचार के लिए उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया है। जिमेदारों की ओर से कोई प्रयास नहीं होने के कारण लोग स्वयं ही अपनी ओर से तरह-तरह के उपाय अपना रहे हैैं। कहीं घरों की छतों को लोहे के जाल से ढका जा रहा है तो कहीं लंगूर के कटआउट लगाए जा रहे हैैं। इस के बावजूद घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही हैैं।
गंभीर है हालत
थाना कैंट के गांव क्यारा निवासी अजय ने बताया कि फ्राइडे सुबह उस की चार साल की बहन गुनगुन सहित दो बच्चे छत पर खेल रहे थे। इस दौरान बंदरो के झुंड ने हमला कर दिया। बचने के चक्कर में गुनगुन छत से गिर गई। इलाज कराने के लिए उसे जिला अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।
घरों में कैद होने को मजबूर
बंदरों से परेशान पलिक घरों में कैद रहने को मजबूर हो गई है। अपनों को बंदरों से सुरक्षित रखने के लिए लोग घर में लोहे व स्टील के जाल, फेंसिंग का सहारा ले रहे हैै। साथ ही लंगूर के पोस्टर व कटआउट का भी सहारा ले रहे हैैं। लेकिन, इसका भी खास प्रभाव बंदरों के उत्पात पर नहीं पड़ रहा है।
रोज आ रहे केसेस
तीन बेड अस्पताल स्थित एआरवी सेंटर के चिकित्सक डॉ। वैभव बताते हैैं कि सेंटर पर मंडे को मरीजों की संया 200 से भी अधिक पहुंच जाती है। वैसे डेली औसतन 120 से 150 मरीज तक वैक्सीन लगवाने आते हैं। इसमें भी अधिकांश मामले डॉग बाइट के होते हैैं। इस के अलावा सियार, बंदर आदि के ाी मामले आते हैैं। बरेलियंस में इसको लेकर आतंक का माहïौल हïै। साथ हïी जिमेदार अधिकारियों के प्रति आक्रोश ाी हïै कि लगातार बढ़ती घटनाओं के बाद ाी उन की ओर से किसी प्रकार के ठोस कदम नहïीं उठाए जा रहïे हïैं, जिस से समस्या से छुटकारा मिल सके।
बोले अधिकारी
जनपद में बंदरों की समस्या हर जगह है। इन्हें पकडऩे के लिए वन विााग से अनुमति लेनी होती है। विााग पशुओं को पकड़ता नहीं, उन का रेस्क्यू करता है।
समीर कुमार, डीएफओ