साल 2011 में टैक्स रेट बढ़ाए जाने के सरकारी फैसले को बोर्ड में नहीं किया गया पास

नगर निगम अधिनियम के तहत निगम बोर्ड से पास न होने पर नहीं बढ़ सकता टैक्स

BAREILLY:

साल के आखिरी दिन नगर निगम की ओर से शहर की जनता को एक बार फिर बड़ी राहत की उम्मीद देने की कोशिश हुई है। एक भूल के चलते नए साल पर शहर की जनता को बढ़े हुए टैक्स के बोझ से राहत मिलती दिखाई दे रही है। टैक्स बढ़ोतरी के विवाद में वेडनसडे को मेयर डॉ। आईएस तोमर ने नए साल पर बढ़ी टैक्स दरें लागू न होने की बात की। मेयर ने यह बयान नगर निगम के एक अधिनियम के आधार पर कही है, जिसके मुताबिक बरेली में शासन की ओर से बढ़ाई गई टैक्स की दरें लागू नहीं की जा सकती। जिससे निगम को पुरानी दरों पर ही जनता से टैक्स की वसूली करनी होगी।

बोर्ड से पास नहीं हुआ था शासनादेश

मेयर के मुताबिक साल ख्0क्क् में टैक्स की जो रिवाइज्ड दरें शासन से मंजूर कर बरेली नगर निगम में लागू होने के लिए भेजी गई थी। वह निगम की बोर्ड बैठक में पास करने के लिए भेजी ही नहीं गई। नगर निगम के अधिनियम ख्0ख् के सेक्शन क् व ख् के मुताबिक शासन की ओर से जो नियम निकायों में लागू होने के लिए भेजा जाए, उसे निकाय स्तर पर बोर्ड बैठक में पास कराया जाना जरूरी है। इसके बाद ही उसे शहर में लागू कराया जा सकता है। लेकिन ख्0क्क् में ऐसा न किए जाने और ख्0क्क् से ख्0क्फ् में लागू किए जाने वाली दरों को साल ख्0क्ब् में लागू करने की वजह से ऐसा न हो सका।

नगर आयुक्त करा रहे जांच

निगम अधिनियम के फेर में फंस रहे बढ़े टैक्स के मामले में नगर आयुक्त शीलधर सिंह यादव इस पर फिलहाल कुछ भी स्पष्ट कहने से बच रहे हैं। निगम अधिनियम के तहत टैक्स की रिवाइज्ड दरें लागू न हो पाने के नियम की टेक्निकल जांच कराने के लिए नगर आयुक्त ने निर्देश दिए हैं। नगर आयुक्त ने शासन के रिवाइज्ड दरों के नियम को बोर्ड से पास कराए जाने की संभावना जताई है। वहीं मेयर ने इस बारे में पूरी तफ्तीश किए जाने और पूर्व में बोर्ड से नियम को पास न कराए जाने का दावा किया है।