बरेली (ब्यूरो)। रोड पर एक तरफ से दूसरी तरफ वाहन की लाइटों का रिफ्लेक्शन न लगे इसके लिए डिवायडर पर हरियाली लगाई गई थी। लेकिन ये हरियाली अब सूरज की तपिश से झुलस गई है। डिवायडर पर हरियाली को सींचने के लिए टैंकर से कहीं-कहीं सिंचाई करने के लिए पाइप लिए नगर निगम का कर्मचारी जरूर दिखाई देता है। जो पाइप लिए रोड के डिवायडर की हरियाली पर छिडक़ाव जैसा करके आगे बढ़ता जाता है। लेकिन ये सिंचाई 44 डिग्री से अधिक की तपिश में झुलस रहे पौधों के लिए नाकाफी साबित हो रही है। शायद यही कारण है कि डिवायडर की हरियाली दम तोड़ गई है। इससे जहां रोड और शहर से हरियाली घटी तो वहीं एक तरफ से दूसरी तरफ को लाइटों को रिफ्लेक्श्न लगने से वाहन चालकों को भी समस्या हो रही है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की टीम ने शहर के अलग अलग एरिया के डिवायडरों का हाल देखा तो कहीं पर हरियाली हरी-भरी कम ही दिखी। पढि़ए पूरी रिपोर्ट।
लगाया जाता ड्रिप एरिगेशन
एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह टैंकर से डिवायडर की हरियाली में पानी दिया जाता है वह पानी हरियाली की जड़ तक पहुंच ही नहीं पाता है। अधिकांश डिवायडरों में मिट़्टी इतनी अधिक हो गई है कि पानी जड़ पर जाने से पहले वह रोड पर गिर जाता है। इसीलिए डिवायडरों की या तो मिट्टी कम की जानी चाहिए थी। ताकि डिवायडरों पर जो पानी दिया जाता है वह डिवायडर पर ही रहकर पौधों को मिल जाता। या फिर जब डिवायर बनाए गए थे तभी इसके अंदर पाइप बिछाकर ड्रिप ऐरिगेशन सिस्टम लगा दिया जाता। इससे पानी की बर्बादी नहीं होती है पौधों की जड़ में सीधे पानी पहुंच जाता।
चौकी चौराहा से चौपुला रोड
शहर के चौकी चौराहा से चौपुला रोड पर हरी-भरी हरियाली धूप के कारण सूख गई। इस एरिया में भी नए डिवायडर बनाए जाने के बाद पौधे लगाए गए। इससे रोड काफी अच्छा और हराभरा दिखने लगा था। लेकिन इस रोड की अब अधिकांश हरियाली सूख चुकी है।
पटेल चौक से चौकी चौराहा
पटेल चौक से चौकी चौराहा रोड पर आने वाले रोड पर भी काफी समय से डिवायडर पर हरियाली लगी थी। रोड के डिवायडर पर लगी हरियाली पूरी तरह हरीभरी थी। लेकिन जैसे ही टेंप्रेचर बढ़ा उसके बाद से हरियाली सूखना शुरू हो गई। अब हरियाली आधी अधूरी ही बची हैं। क्योंकि यहां पर डिवायर पर मिट्टी अधिक है इससे पानी पौधों की जड़ों तक नहीं पहुंच पाता है।
डीएम आवास रोड
चौकी चौराहा से कलेक्ट्रेट को आने वाले रोड की भी हरियाली झुलसी है लेकिन यहां की हरियाली अन्य डिवायडरों की अपेक्षा काफी अच्छी है। इसी रोड पर डीएम आवास भी है तो उनके घर के आगे हरियाली पूरी तरह से हरी भरी है। क्योंकि उसके लिए समय पर सिंचाई हो जाती है।
जंक्शन रोड
कलेक्ट्रेट से जंक्शन रोड को जाने वाले डिवायडर पर तो काफी हरे भरे छोटे-छोटे पौध थे। इससे जंक्शन आने जाने वालों को भी हरियाली डिवायडर पर देखकर मन को खुशी मिलती थी। लेकिन इस रोड पर भी अब नाममात्र की ही हरियाली बची है। हरियाली पूरी तरह से झुलस कर रह गई है।
शहर में रोडस अलग-अलग डिपार्टमेंट की हैं जो रोड जिस डिपार्टमेंट ने बनाई हैं उसकी वही देखरेख कराता है। उसके लिए ठेकेदार मेंटिनेस के लिए भी नामित है। नगर निगम अपनी रोडस पर बने डिवायडर पर लगे पौधों में पानी देता है। लेकिन गर्मी अधिक होने के कारण पौधे झुलस रहे हैं।
राजीव राठी, पर्यावरण अभियंता नगर निगम