बरेली (ब्यूरो)। शहर में रामलीला का मंचन हर वर्ष की तरह शुरू हो चुका है। सुभाषनगर की रामलीला के मंचन का इस बार 83वां वर्ष है। इसमें किरदार करने वाले सभी लोग यहां आस-पास के ही रहने वाले हैं। लीला मंचन के लिए बाहर से मंडली को नहीं बुलाते हैं, वह रामलीला के मंचन को लेकर दो महीने पहले ही रिहर्सल करना शुरू कर देते हैं। इसके पात्र श्री राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, रावण और मेघनाथ आदि के किरदार करते-करते इन लोगों की रियल लाईफ में स्वभाव वैसे हो चुके हैं। कुंभकरण का किरदार करने वाले अंकित जौहरी का कहना है कि वह कई सालों से कुंभकरण का किरदार कर रहे हैं। इससे उनका शरीर और प्रवृति वैसी ही होती जा रही है।
दो सिस्टर करती हैं रोल
सीता का रोल करने वाली वृंदा वाजपेयी 12वीं की छात्रा हैं। वृंदा ने बताया कि वह कई सालों से रामलीला देखती आ आती थी। उन्हें सीता का किरदार बहुत पसंद था। इसके लिए पिछले साल उनका ऑडिशन हुआ और उन्हें चुन लिया गया। इसमें उनके परिवार वाले भी सपोर्ट करते हैं। उन्होंने बताया कि पंचवटी के दौरान किया गया मंचन सबसे ज्यादा पसंद है। इसके अलावा उनकी छोटी बहन तेजस्वी वाजपेयी भी मंचन में लक्ष्मण की पत्नि का किरदार कर रही हैं।
राम के किरदार में रमे सिद्धांत श्रोत्रिय
राम का किरदार करने वाले सिद्धांत ने बताया कि पिछले दो सालों से राम का किरदार कर रहे हैं। भगवान राम का किरदार उनके अंदर तक समा गया है। इससे उनके निजी स्वभाव में भी काफी बदलाव आया है। इसके साथ ही कॉमर्स से ग्रेजुएशन की पढ़ाई भी कर रहेे हैं।
केकई के रोल के लिए लेते हैं छुट्टी
चिराग सक्सेना हापुड़ की एक निजी कंपनी में काम करते हैं। उन्हें रामलीला में मंचन करने का बहुत शौक है। वह हर साल खासकर मंचन के लिए एक महीने की छुट्टी लेकर आते हैं। लीला में मंचन करना उन्हें इतना पसंद है कि इसके लिए अपने सारे काम को छोड़ सकते हैं पर मंचन नहीं। वह कई सालों से भरत की मां केकई का किरदार कर रहे हैं। इससे पहले वह 8 साल तक सीता का रोल भी कर चुके हैं।
मेघनाथ, रावण और कुंभकरण
मेघनाथ का किरदार करने वाले अमित भारद्वाज 1992 से लीला में मंचन कर रहे हैं। राम, भेसधारी रावण, सुलोचना और मेघनाथ सारे किरदार कर चुके हैं। वह बताते हैं उनके पिता भी रामलीला में मंचन करते थे तभी से उनको दिलचस्पी हुई थी। अब वह कई सालों से मेघनाथ का रोल कर रहे हैं। वहीं अंकित जौहरी बाली और कुंभकरण का रोल करते हैं। अंकित बताते हैं कि लगातार कुंभकरण का किरदार करते रहने से उनके शरीर और स्वभाव भी कुंभकरण के जैसा हो गया है।
मंचन में आधुनिक तकनीक का उपयोग
82 साल पुरानी सुभाष नगर की रामलीला के मंचन में आधुनिक तकनीक का भी खूब इस्तेमाल किया जाता है। लीला मंचन के दौरान आर्टिफिशियल लाईटों के साथ-साथ आधुनिक तकनीक जैसे ड्रोन आदि का भी इस्तेमाल किया जाता है। यही वजह है कि यहां हर साल देखने वालों की भीड़ बढ़ती जा रही है।