फैक्ट एंड फिगर
3.50 लाख का रखा है लक्ष्य
02 लाख को प्राप्त हुआ कार्ड
1.60 लाख हुए हुए लाभांवित
बरेली(ब्यूरो)। आर्थिक रूप से कमजोर लोगों तक बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाओं को पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना को 2018 में शुरु किया गया था। योजना के अंतर्गत लाभार्थी का एक आयुष्मान गोल्डन कार्ड बनाया जाता है। इस योजना के तहत प्रदेश में सर्वाधिक एक लाख साठ हजार लोगों को जिले में लाभ दिया जा चुका है।
इन्हें मिला लाभ
हुसैनी चौक निवासी मोहम्मद मसीहुद्दीन फरवरी 2020 में घर में गिर गए थे। सिटी स्कैन कराया गया तो किडनी में 40 एमएम का स्टोन निकला। घर में आर्थिक तंगी का माहौल। परिजन टेंशन में आ गए क्या किया जाए। कैसे इलाज कराया जाए। परिजन ने जिला शिकायत अधिकारी अमीर मिर्जा से संपर्क किया। उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की सूची में नाम ढूंढा। सूची में नाम मिल गया, फिर क्या था। एक निजी अस्पताल में उनका किडनी का ऑपरेशन हुआ।
नहीं बढ़ा आर्थिक बोझ
बेटे शाहबुद्दीन ने बताया कि पिता को कुछ दिनों बाद प्रॉस्ट्रेट ग्रंथि बढऩे के कारण समस्याएं होने लगी। उसका इलाज भी आयुष्मान योजना के अंतर्गत हुआ। मार्च 2021 में हार्ट अटैक आया, अपेक्स अस्पताल में डॉक्टरों ने एंजियोग्राफी करके स्टंट डाला। इसका सारा खर्चा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत ही हुआ। शहाबुद्दीन ने कहा कि आयुष्मान योजना के कारण ही पापा का इलाज बहुत अच्छे से हो सका और हम सब पर आर्थिक बोझ नहीं पड़ा।
मिला जीवनदान
मसीहुद्दीन की ही तरह फरीदपुर के रवि खेमकरन को भी आयुष्मान योजना से मदद मिली। मई 2019 में उनकी पत्नी कंचन सात माह की गर्भवती थी। एक रात घर में गिर गई, गंभीर हालत में कई अस्पतालों के चक्कर लगाए। लेकिन, इलाज करने से मना कर दिया गया। रवि के बड़े भाई अवध किशोर ने बताया कि काफी प्रयास के बाद उसे एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया। जहां डॉक्टरों ने बताया कि उसकी बच्चेदानी फट गई है जिससे उसकी और बच्चे की जान खतरे में है। रातों-रात उसका ऑपरेशन हुआ। सातवें महीने में पैदा होने के कारण बच्चे में काफी जटिलताएं थीं जिसके कारण उसे एनआईसीयू में भर्ती करना पड़ा। परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था, रवि का आयुष्मान कार्ड बना था। लेकिन, पत्नी का नाम उसमें नहीं जुड़ा था। इसलिए उसे आयुष्मान योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा था। जिला अस्पताल में डॉ। अनुराग अग्रवाल से मिली जिसके बाद पत्नी का नाम आयुष्मान योजना में जोड़ा गया और डिलीवरी का सारा खर्चा इसी योजना के अंतर्गत हुआ। अवध किशोर ने कहा कि अगर इस योजना का लाभ नहीं मिलता तो हम लोगों को घर बेचना पड़ता जिसे सब सडक़ पर आ जाते।
नंबर वन है जिला
डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ। अनुराग अग्रवाल ने बताया कि जनपद में तीन लाख 50 हजार परिवारों का आयुष्मान कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है। जिसमें से दो लाख परिवारों को कार्ड प्राप्त हो चुका है। आयुष्मान भारत योजना से एक लाख 60 हजार परिवार लाभांवित हो चुके हैं जिसके कारण बरेली नंबर वन पोजिशन पर है।
ऐसे जांचें पात्रता
आयुष्मान भारत योजना का लाभ लेने के लिए योजना की आधिकारिक साइट से पात्रता की जांच करनी होगी। योजना में आवेदन करने के लिए आपके पास परिवार के सभी लोगों का आधार कार्ड, राशन कार्ड, मोबाइल नंबर आदि दस्तावेजों का होना आवश्यक है।