एआई यानि आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को जानना और समझना भले ही बड़ों के लिए चैलेंजिंग हो, पर अब बच्चे इसको असानी से समझेंगे भी और जानेंगे भी। आगामी सत्र से क्लास 6 से 12 तक स्टूडेंट्स अपने कोर्स में एआई को भी पढ़ेंगे। उनके सब्जेक्ट में एआई का चैप्टर भी शामिल होने जा रहा है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर मंथन भी हो रहा है और तैयारियां भी चल रही हैं।

तकनीकी रूप से मिलेगी शिक्षा
आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को किताबों में सम्मिलित करना स्टूडेंट्स के कॅरियर के लिए काफी अच्छा निर्णय है। इससे कक्षा छह से 12 तक के स्टूडेंट्स को तकनीकी ज्ञान भी मिलेगा, जिससे बच्चे आगे चलकर अपने कॅरियर के बारे में सही से सोच पाएंगे।

बढ़ेगा बच्चों का इंटरेस्ट
2024 में जो नया सत्र शुरू होगा, उसमें स्टूडेंट्स को एआई के चैप्टर पढऩे को मिलेंगे। एआई चैप्टर को स्टूडेंट्स में पडऩे की रुचि बढग़ी। इससे बच्चे अधिक से अधिक संख्या में स्कूल पहुंचेंगे। बुक्स में जो एआई का पाठ होगा, उसे टीचर अपने हिसाब से हर क्लास में स्टूडेंट्स को पढ़ाएंगे।

व्यवसाय में बढ़ावा
आज टेेक्नोलॉजी हमारे जीवन के हर पहलू को बदल रही है। पिछले कुछ वर्षों में घरेलू कामकाज और व्यवसाय से लेकर शिक्षा तक सब कुछ काफी हद तक बदल गया है। प्रौद्योगिकी का यह व्यापक उपयोग आर्टिफिशल इंटेलिजेंस दुनिया भर में पारस्परिक शिक्षण विधियों को अनुकूलित करने के लिए काफी महत्वपूर्ण है। एआई की मदद से ज्ञान प्राप्त करने के तरीकों को बदल रहा है। आने वाले समय में लोगों को व्यवसाय में काफी बढ़ावा देगा। नई शिक्षा व्यवस्था में व्यवसायिक शिक्षा को किशोरावस्था से ही जोड़ा जाना विकसित भारत के संकल्प को सुदृढ़ करेगा,

चल रहीं तैयारियां
2024 में 6 से 12 तक की किताबों में जो चैप्टर आएंगे, उसके लिए विभागीय स्तर पर काम शुरू हो गया है। इस पाठयक्रम में राज्य द्वारा छात्रों को मशीन लर्निंग, कोडिंग निर्माण, रोबोटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को पाठय पुस्तकों में सम्मिलित किया जाएगा। एसआरजी डॉ। अनिल चौबे ने बताया कि यह स्टेट करिकुलम यूपी में इसे सम्मिलित किया जा रहा है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत स्कूल में एजुकेशन के पाठयक्रम में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस को सम्मिलित करना स्टूडेंट्स को व्यवसायिक शिक्षा में कॅरियर बनाने की दिशा में एक दूरगामी और बहुउद्देशीय प्रयास है।
डॉ। विनोद शर्मा, मंडल अध्यक्ष, उप्र जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ

पिछले कुछ वर्षों में घरेलू कामकाज और व्यवसाय से लेकर शिक्षा तक सब कुछ काफी हद तक बदल गया है। इसके चलते बेसिक शिक्षा में इस तकनीकी को बढ़ावा देने के लिए अभी कई मॉडयूल आनॅलाइन उपलब्ध कराए और अब बुक में भी एआई का चैप्टर पढऩे को मिलेगा।
शबीना परवीन, हेड टीचर

एआई स्टूडेंट्स के फ्यूचर के लिए काफी यूजफुल साबित होगा। एआई से स्टूडेंट्स के आगे कॅरियर अपॉर्चुनिटीज भी बढ़ेंगी। बहुत जल्दी बच्चों को इसकी पढ़ाई शुरू करवा दी जाएगी।
तौकीर सिद्दीकी, प्रिंसिपल एफआर इस्लामिया इंटर कॉलेज