बरेली (ब्यूरो)। साई स्टेडियम में शहर के उभरते खिलाडिय़ों को एक मुकाम देने के लिए टैलेंट हंट का आयोजन किया गया। इसका नाम खेलो इंडिया उभरती पहचान कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम चार दिनों तक चलाया जाएगा। इसमें शहर के साथ-साथ मंडल भर के खिलाड़ी भाग ले सकते हैैं। इसमें कई तरह के खेलों में बच्चों की रुचि के हिसाब से रजिस्ट्रेशन किए जा रहे हैैं और खेल जगत में नए उभरते सितारों को खेलने का एक सुनहरा मौका दिया जा रहा है।

प्लेयर्स दिखे एक्साइटिड

प्लेयर्स इस टैलेंट हंट को लेकर काफी एक्साइटिड दिखे। सभी ने काफी बढ़-चढ़ कर पार्टिसिपेट किया। इसके साथ ही अपनी मार्किंग को बढ़ाने के लिए काफी प्रयास किया कि किसी तरह से उनका सलैक्शन हो जाए। दो फेज में प्लेयर्स का सलैक्शन किया जाएगा। पहले फेज में स्टेडियम से प्लेयर्स की मार्किंग की जाएगी और उनके मास्क लखनऊ की टीम के पास भेजे जाएंगे। वहीं हेड ऑफिस से मार्किंग के बाद प्लेयर्स को दूसरे ट्रायल के लिए बुलाया जाएगा। जहां उन्हें खेल के अनुसार सीट अलॉट की जाएगी।

1000 का मिला टारगेट

खेलो इंडिया के तहफ से साई स्टेडियम को चार दिनों के इस आयोजन में 1000 लोगों को पार्टिसिपेट करने का टारगेट दिया गया। इसके साथ ही प्लेयर्स को खेल में पार्टिसिपेट करने के लिए मोटिवेट किया गया।

कई तरह की है एक्टिविटी

साई स्टेडियम में हो रहे टैलेंट हंट में प्लेयर्स को कई तरह की एक्टिविटी कराई जा रही है। जिसमें हाइट-वेट, 30 मिटर रन, क्वाटिरियल जम्प, स्टैैंडिंग जम्प, ब्राड सिट एंड रीच, फलैक्सिबिलिटी टेस्ट, सटल रन, मेडिसिन बॉल थ्रो, अंडर 12 गल्र्स और ब्वाइज के लिए 800 मिटर रेस, अबव 12 के लिए 1600 मिटर रेस का आयोजन किया गया।

गेम के लिए हो रहा टेस्ट
-एथलेटिक्स
-हॉकी
-फुटबॉल
-वॉलीबॉल

पेरेंट्स से की अपील
स्टेडियम के सेंटर इंचार्ज जेएस द्विवेदी ने बताया कि सभी पेरेंट्स को अपनी बच्चों को खेल के लिए मोटिवेट करना चाहिए। जिससे वे खेलों के लिए जागरूक हो। स्पोट्र्स एक ऐसी फील्ड है जिसमें पर्सन हमेशा एक्टिव रहता है और कई तरह के डिस्ट्रैक्शन से भी दूर रहता है। वहीं स्कूल वालों को भी अनुरोध किया की अपने स्कूल के होनहार प्लेयर्स को लेकर खेल के लिए स्टेडियम भेजें।

पैरेंट्स का साथ जरूरी
स्पोट्र्स अब सिर्फ शौक तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब बच्चों और उनके पेरेंट्स स्पोट्र्स को एक बेहतर स्कोप की तरह देख रहे हैैं। पर कहीं न कहीं लोगों में अवेयरनेस की कमी देखी जाती है। पिछले कुछ सालों में खेल के प्रति लोगों का जरूर बढ़ा है, लेकिन अभी थोड़े और पुश की जरूरत है। जो भी पेरेंट्स अवेयर होते हैैं उनके पेरेंट्स खुद ही अपने बच्चों का रजिस्ट्रेशन कराते है और उनको छोडऩे आते हैं। वहीं कई तो जब तक बच्चा प्रैक्टिस न कर ले तब तक बैठे रहते हैं।

डिस्ट्रेक्शन से रखता है दूर
स्टेडियम में आने वाले कुछ प्लेयर्स से बात की गई तो उन्होंने बताया कि स्पोट्र्स उन्हें काफी पसंद है। इसकी वजह से वे काफी तरह के डिस्ट्रेक्शन से दूर रह पाते हैं। आज के टाइम जहां लोगों को मोबाइल से ही फुर्सत नहीं हैैं। वहीं स्पोट्र्स के बाद तो मोबाइल कम ही इस्तेमाल करते हैैं।

प्लान है सेट
प्लेयर्स ने अभी से ही लाइफ का गोल सेट कर लिया है की आखिर उन्हें किस राह पर चलना है। पहले जहां पढ़ाई और खेल के बीच में एक बड़ी सी दीवार सी खड़ी हुई थी। लोग खेल को कम आंकते थे। वहीं आज के टाइम पर सभी इसमें राह देख रहे हैं।

वर्जन
खेलों में आजकल काफी स्कोप है। पेरेंट्स को अपने बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ स्पोट्र्स में भी बढऩे का मौका देना चाहिए। इससे उनका सर्वांगीण विकास होता है।
- जेएस द्विवेदी, स्टेडियम कोऑर्डिनेटर

यहां आने वाले काफी सारे प्लेयर्स अभी ग्रासरूट पर हैैं। सभी को बेसिक से सीखने की जरूरत है। सलेक्शन के बाद प्लेयर्स को ट्रेन किया जाएगा, जिससे वे अच्छा खेल पाएं।
- शमीम अहमद, फुटबॉल कोच