बरेली (ब्यूरो)। केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को संसद में बजट पेश किया। इस बजट में भले ही हर वर्ग को कुछ न कुछ सौगात मिली हो, पर लोगों की प्रतिक्रिया मिलीजुली ही है। कैंसर के मरीजों के लिए दवा में दी गई राहत और एक्स-रे मशीन के दाम कम करने की घोषणा को मेडिकल फील्ड के एक्सपट्र्स ने एक बेहतर कदम बताया है। इनकम टैक्स की सीमा को तीन लाख करने और तीन से सात लाख तक की इनकम पर पांच परसेंट टैक्स को भी सराहना मिली। बजट में सोने-चांदी के गहने सस्ते होने की घोषणा को लेडीज ने सराहा तो उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख तक का सस्ता लोन मिलने की घोषणा को स्टूडेंट्स ने सराहा है। स्टूडेंट्स ने इंटर्नशिप स्कीम को भी बजट का एक बेहतर पहलू बताया। इसी तरह जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए की गई घोषणा को जिले के प्रगतिशील किसानों ने सराहा है। आईआईए ने भी बजट की सराहना की है। अर्थशास्त्र के कुछ जानकारों को यह बजट ज्यादा रास नहीं आया है। उन्होंने इसमें कई खामियां भी गिनाई हैं।
केंद्रीय बजट में रोजगार, कौशल विकास, खेती और उद्योगों को बढ़ावा देने की सरकार की पहल सराहनीय है। इससे बुनियादी ढांचे को बढ़ावा मिलेगा। नौकरी और व्यवसाय के अवसर बढ़ेंगे। रोजगार सृजन के लिए बजट में तीन योजनाएं शुरू करने की घोषणा बेरोजगारी रोकने में बड़ी मदद करेगी। बड़ी कंपनियों में युवाओं को इंटर्नशिप को बढ़ावा दिए जाने से व्यवसाय और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। युवाओं को इसका फायदा होगा। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने से किसानों को भी फायदा होगा। इससे किसानों की आय बढऩे की उम्मीद है। कैंसर की तीन दवाइयों पर से कस्टम ड्यूटी हटाना भी तेजी से बढ़ते कैंसर पर रोक लगाने के लिए अच्छी पहल है।
-आदित्य मूर्ति, डायरेक्टर एसआरएमएस मेडिकल कॉलेज
--------------
कैंसर के इलाज में काम आने वाली तीन दवाइयों से कस्टम ड्यूटी हटाने की केंद्र सरकार की पहल सराहनीय है। निसंदेह बजट में किए गए इस फैसले से कैंसर रोगियों का इलाज सस्ता होगा और बिना किसी अतिरिक्त खर्च के आम आदमी भी इसका उपचार करवाने में सक्षम होगा। तेजी से बढ़ते कैंसर के उपचार के लिए केंद्र सरकार का यह फैसला सराहनीय और आम लोगों के फायदे के लिए है।
-डॉ। पियूष कुमार, निदेशक आरआर कैंसर इंस्टीट्यूट, एसआरएमएस मेडिकल कालेज
बजट सरकार ने बहुत सोच समझ कर किया है, इसमें भारतीय अर्थव्यवस्था को चहुमुखी विकास होगा। इनकम टैक्स को सरल करते हुए में छूट बढ़ायी है, कैंसर की कुछ महंगी दवाओं के इंपोर्ट पर छूट दी है, गोल्ड के इंपोर्ट में छूट दी है, एमएसएमई में विशेष छूट, इंफ्र ास्ट्रक्चर डेवलपमेंट व बरोजगारी दूर करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। एम्प्लायर को स्पेशल छूट देना भी उपयुक्त कदम है। मेडिकल सेक्टर अथवा डॉक्टर्स के लिये कोई विशेष कदम नहीं उठाया है जो निराशाजनक है जैसे मेडिकल टूरिज्म, मेडिकल इक्यूपमेंट के इंपोर्ट ड्यूटी में कमी, नए एम्स जैसे संस्थान, ऑक्सीजन प्लांट में रियायत, ईटीपी एसटीपी में छूट व डायबिटीज ब्लड प्रेशर व हार्ट जैसी कुछ बीमारियों की दवाओं में विशेष छूट देनी चाहिए थी। नये अस्पतालों को एमएसएमई रजिस्ट्रेशन के बाद ही कुछ छूट का प्रावधान है जो की थोड़ा ग़लत है। किंतु रूफ टॉप सोलर प्लांट में विशेष रियायत व नयी सृजनकारी स्कीम्स से देश की इकोनॉमिक ग्रोथ टॉप स्पीड पे होगी।
डॉ। राजीव गोयल, अध्यक्ष आईएमए
मोदी सरकार के 3.0 के पहले बजट में सिर्फ निराशा और हाताशा है इस बजट में मध्यम वर्ग और मजदूर वर्ग के लिए कुछ भी नहीं है। यह बजट जन विरोधी है, इस बजट में गरीब और गरीब होता जायेगा और अमीर और अमीर होता जायेगा। इस बजट में भारतीय किसानों के लिए कोई भी राहत नहीं है सरकार को चाहिए की कृषि यंत्रों पर से जीएसटी हटा देनी चहिए। इस बजट में बेरोजगारी को दूर करने, गरीबी को मिटाने महंगाई को कंट्रोल करने और देश को तरक्की के तरफ ले जाने का कोई ठोस प्रयास नहीं किया गया है।
डॉ। मेहंदी हसन प्रवक्ता अर्थशास्त्र एफ आर इस्लामिया इण्टर कॉलेज बरेली
बजट में होम और सभी तरह के कंज्यूमर लोन की ब्याज दरों में सरकार द्वारा कटौती की घोषणा ना करने से मध्यम वर्ग को निराशा हुई है। आर्थिक सर्वेक्षण में आधुनिक अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी कौशल का अभाव और हर दो में से एक युवा स्नातक के रोजगार पाने के काबिल नहीं होने का खु़लासा होने के बावजूद क्वालिटी एजुकेशन पर किसी ठोस कार्ययोजना का ऐलान नहीं किया गया है। उपभोक्ताओं की जेब तंग होने, खरीदारी क्षमता घटने व छोटे ग्राहकों को सहूलतें ना देना आम आदमी के प्रति सरकार के नजरिये को बयान करता है। आरटीआई कार्यकर्ताओं व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों व्हिसलब्लोअर की सुरक्षा की किसी योजना व फंड का ऐलान नहीं किया गया। कुल मिलाकर मध्यम वर्गीय आमजन के लिए नाउम्मीदी वाला है ये बजट।
मुहम्मद खालिद जीलानी, (उपभोक्ता मामलों के वकील, पैरेंट्स फोरम के कंवीनर एंव आरटीआई एक्टिविस्ट)