बरेली (ब्यूरो)। चिलचिलाती धूप ने लोगों को काफी परेशान कर दिया है। पारा लगातार बढ़ता जा रहा है साथ ही आने वाले दिनों में पारा और भी उफान पर होगा। ऐसे में बॉडी को बाहरी टंप्रेचर के साथ एडजेस्ट करने में काफी परेशानी होती है। कई बार आलम यहां तक आ जाता है कि लोगों को हॉस्पिटलाइज तक कराना पड़ जाता है।
ज्यादा टंप्रेचर घातक
ह्यूमन बॉडी ज्यादा से 98.6 फारेनहाइट या कहे की 37 डिग्री सेल्सियस का टम्प्रेचर सहन कर सकता है। जब टम्प्रेचर इसके पार पहुुंच जाता है तो उसे बुखार कहा जाता है। इसे लू की स्थिति में हाइपरथर्मिया हो सकता है, जो की जानलेवा हो सकता है। वहीं एक्पट्र्स की माने तो ह्यूमन बॉडी सबसे ज्यादा 42.3 डिग्री सेल्सियस तक कंट्रोल कर सकता है। इसके उपर जाने के बाद यह प्रोटीन विकृत हो जाता है साथ ही माइंड को अपूरणीय क्षति पहुंचाता है। बता दें कि हीट स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति पैदा कर देता है। इसमें पर्सन भ्रम, दौरे और चेतना की हानी होने तक का अनुभव होने लगता है।
चक्कर है आम बात
गर्मियों मेंंं बेहोशी सी लगना या फिर आंखों के आगे अंधेरा सा छाना, उल्टी होना आम बात होती है। इस मौसम में लू के कारण गर्मी वैसे भी बर्दाशत करना मुश्किल होता है। ऐसे में धूप में बाहर निकला और काम करना काफी परेशानी देता है। डॉक्टर ने बताया कि गर्मी में बॉडी का टम्प्रेचर आचानक से बढ़ जाता है। वहीं लगातार पसीना निकलना और पानी की कमी की वजह से बॉडी में ब्लड की भी कमी हो जाती है। बॉडी को जितने पानी की रिक्वायरमेंट होती है तो वह नहीं मिल पाता है। जिसकी वजह से लोगों को गर्मियों में चक्कर आ जाते हैैं। इसकी वजह से बॉडी में पानी की कमी हो जाती है और बॉडी डिहाइड्रेटिड हो जाती है। कम वॉटर लेवल होने की वजह से पर्सन को थकान, कमजोरी आदि महसूस होने लगती है, कहीं न कहीं चक्कर का कारण हो सकते हैैं। वहीं अगर ऐसा अक्सर हो रहा है तो इसके पीछे कोई और वजह भी हो सकती है। पर्सन को डॉक्टर को तुरंंत दिखाना चाहिए।
लाइट कलर करें वेयर
गर्मियों में लोगों को लाइट कलर के कपड़े पहनने चाहिए। यह बॉडी के लिए काफी फायदेमंद होता है। एक्सपट्र्स की माने तो लाइट कलर के कपड़े पहनने से कम गर्मी लगती है जैसे की कॉटन फैब्रिक। इसके अलावा टाइट फिटिंग वाले कपड़े पहनने से बचना चाहिए।
हीटवेव बॉडी पार्ट को करता है डैमेज
दिनभर धूप में रहने की वजह से बॉडी में कई तरह की बीमारियां तो आती ही हैं। इसके साथ ही बॉडी के कई पार्ट को भी डैमेज करती हैैं। इसमें किडनी, हार्ट, लंग्स और अदर पार्ट भी शामिल हैैं।
-डिहाइड्रेशन की वजह से किडनी पर स्ट्रेस पडऩे लगता है
-टेम्प्रेचर में लगातार रेगुलेट करने की वजह से बॉडी में ब्लड पंप करने की वजह से हार्ट को ज्यादा काम करना पड़ता है
-गर्मी में अस्थमा पेशेंट को काफी परेशानी हो जाती है। ड्राई एयर या फिर हीटवेव लंग्स पर सीधा प्रभाव करता है
-गर्मी में स्किन ड्रैमेज भी काफी होती है। गर्मियों में फंगल इंफेक्शन, हीट रैश और सनबर्न की समस्या काफी बढ़ जाती है।
-डाइजेस्टेव सिस्टम पर भी पड़ता है प्रभाव
-हीटवेव की वजह से बॉडी में मसल्स क्रैम्प की शिकायत भी काफी बढ़ जाती है।
कैसे करें बचाव
-टाइम-टाइम पर पानी पीते रहें। बॉडी में पानी की मात्रा कम न होने दें।
-एल्कोहल का कंजप्शन न करें क्योंकि एल्कोहल बॉडी को डिहाइड्रेटिड कर देती है।
-कार्बोनेटिड वॉटर से भी बनाएं दूरी
-गर्मी से लोगों का हुआ बुरा हाल
-खाली पेट बाहर न जाएं
-बॉडी हो रही डिहाईड्रेट
-प्रॉपर डाइट का करें सेवन
-जरूरी न हो तो धूूप में न निकलें
-बासी खाने का सेवन न करें
-ताजा बना खाना खाएं
-पानी को बॉटल साथ रखें
-हर एक घंटे में कुछ न कुछ खाएं
-खीरा, ककड़ी आदि को करें डाइट में शामिल
-धूप में निकलते वक्त करें स्किन पर सन्सक्रीम का उपयोग
डेली रूटीन में इन्हें करें शामिल
बॉडी को हेल्दी और पोष्टिक रखने के लिए प्रॉपर मात्रा में डाइट लेना चाहिए। इसमें नारियल पानी, सत्तू, नींबू पानी आदि और नमक, चीनी और पानी को अच्छे अमाउंट में खाना चाहिए।
इनका सेवन करें
-नारियल पानी
-आम
-छाछ
-शिकंजी या नींबू पानी
-सत्तू
-लस्सी
-तरबूज
-संतरा
-बेल का जूस
-सीजन वेजिटेबल भी खाएं
एसी भी हो सकती है वजह
एयर कंडीशनर में ज्यादा रहने के बाद जब कोई पर्सन बाहर निकलता है तो बॉडी अचानक से गर्म तापमान में एडजस्ट नहीं कर पाता। इससे भी बेहोशी जैसी प्रॉब्लम हो सकती है। गर्मी में अधिक पसीना आने से ब्लड की मात्रा कम हो सकती है। इसका कारण भी हीट स्ट्रोक जैसे कई गंभीर स्वास्थ्य स्थितियां पैदा हो सकती हैं। ऐसे में गर्मियों के दिनों में बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के लिए खूब पानी पीना चाहिए, सूती कपड़े पहनें चाहिए और बाहर जाते वक्त शरीर को ढक कर रखना चाहिए।
सेंटर ने भी जारी की एडवाइजरी
सरकार की ओर से भी गर्मियों को लेकर एडवाइजरी जारी की थी। इसमें उनकी ओर से कई सारे सुझाव दिए गए हैं। जैसे कि गर्मियों के पीक ऑर में महिलाएं खाना न बनाए। वहीं महिलाएं खाना बनाते वक्त खिडक़ी, दरवाजे ओपन करके रखें। हाई प्रोटीन फूड ज्यादा खाएं और स्टॉल फूड न खाएं। इसके अलावा एल्कोहल, कॉफी, चाय और कॉर्बोनेटिड ड्रिंक न पिए क्योंकि यह बॉडी को तेजी से डिहाइड्रेट कर देता है।
लोगों को गर्मियों में बाहर कम निकला चाहिए और कोशिश करना चाहिए की अगर घर से बाहर निकल भी रहे हैैं हो बॉडी को फुल कवर करके निकले। वहीं साथ में पानी लेकर जरूर निकलें।
डॉ। आरके गुप्ता, फिजिशियन
गर्मियों में लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। साथ ही ऐसी फलों का सेवन करना चाहिए जिससे बॉडी में नीडिड वॉटर लेवल पूरा हो सकें।
डॉ। सतीश कुमार, फिजिशियन